TCN News
धार्मिक ग्रंथो का अपमान करने वालों के लिए सजा-ए-मौत का कानून बनाया जाए
बीते दिनों नकोदर के गांव खानपुर टड्डा की मस्जिद में कुछ शरारती तत्वों द्वारा पवित्र क़ुरान शरीफ को जलाए जाने के बाद पुलिस की तरफ से एफ.आई.आर दर्ज होने के बावजूद गुनहगारों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। प्रशासन का यह ढिल-मिल रवैया ना काबिले बर्दाश्त है। यह बात आज यहां लुधियाना जामा मस्जिद में जुमे की नमाज़ से पहले हजारों नमाजियों को संबोधन करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कही। शाही इमाम ने कहा केंद्र और राज्य सरकारों को चाहिए कि पवित्र धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने वालों के लिए सजा-ए-मौत का कानून बनाए ताकि ऐसी नापाक हरकत करने वालों को नकेल डाली जा सके।
शाही इमाम ने कहा कि नकोदर के गांव खानपुर में क़ुरान पाक की शान में जिन लोगों ने भी गुस्ताखी की है वह बख्शे नहीं जा सकते, उन्हें हर हाल में सलाखों के पीछे जाना होगा। उन्होंने ने कहा कि जालंधर देहाती का पुलिस प्रशासन इस मामले को हल्का समझ रहा है इसलिए अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। शाही इमाम ने कहा कि प्रशाशन समझ लें कि पंजाब भर के मुसलमानों के जज्बात इस कांड से मजरूह हुए है इस लिए इस मामले में ज्यादा देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। इस अवसर पर शाही इमाम के मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम अहरारी ने बताया कि घटना की खबर मिलते ही वह उसी दिन शाही इमाम साहिब के आदेश पर खानपुर गए थे। मुस्तकीम ने बताया कि इस मामले में गुनहगारों की गिरफ्तारी के संबंध में जल्दी ही नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी की अगुवाई में एक वफद पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिलेगा।