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लोकसभा चुनाव के आखरी दौर में जारी एडीआर की 534 सीटों की सर्वे रिपोर्ट

TCN News

लोकसभा चुनाव 2019 अपने आखरी दौर में पहुंच चुका है ऐसे में राजनैतिक गतिविधियों पर नज़र रखने वाली एडीआर ने ऑल इंडिया सर्वे रिपोर्ट जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकारों का जनता के मुद्दों पर औसत प्रदर्शन कैसा रहा है.

इस सर्वे में एडीआर ने देश की 534 संसदीय सीटों पर रिपोर्ट जारी किया हैं. वही इस रिपोर्ट में देश भर की जनता द्वारा उनकी अपनी प्राथमिकताएं भी बताईं गई है.

जनता ने रोजगार के मुद्दे को 46.80 प्रतिशत के साथ शीर्ष स्थान पर रखा. जबकि दूसरे पायदान पर 34.60 प्रतिशत के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता की गई है.

इसके बाद क्रमशः पेयजल (30.50 %), अच्छी सड़कें (28.34%), बेहतर परिवहन (27.35%), खेती के लिए जल (26.40%), कृषि के लिए लोन (25.62%), कृषि उपज पर अधिकतम मूल्य (25.41%), बीज और उर्वरकों पर जरुरी सब्सिडी (25.06%), सुदृढ़ कानून व्यवस्था (23.95%) को जनता ने अपनी प्राथमिकता में रखा है.

इस रिपोर्ट के आधार पर एडीआर ने देश भर में इन्हीं मुद्दों के आधार पर सरकार के प्रदर्शन को औसत से खराब करार दिया है. केंद्र सरकार के साथ-साथ कुछ प्रमुख राज्यों की अलग से रिपोर्ट भी जारी की गई है.

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार ये बताया गया है कि बीजेपी की उत्तर प्रदेश सरकार जनता की अपेक्षाओं को नजरअंदाज कर रही है. एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) के इस सर्वेक्षण के अनुसार वोटरों से जुड़े मुख्य मुद्दों पर उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार का प्रदर्शन औसत से भी नीचे रहा है. एडीआर ने यूपी सर्वे 2018 के नतीजों को गुरुवार को जारी किया.

इन मुद्दों में रोजगार, स्वास्थ्य सुविधा एवं कानून-व्यवस्था शामिल हैं. मतदाताओं ने कहा कि रोजगार के अवसर (42.82 फीसदी), अच्छे अस्पताल एवं चिकित्सा केंद्र (34.56 फीसदी) और बेहतर कानून व्यवस्था (33.74 फीसदी) हैं.

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में वोटर्स की शीर्ष प्राथमिकता में कृषि कर्ज की उपलब्धता (44 फीसदी), कृषि के लिए विधुत (44 फीसदी) और रोजगार के अवसर (39 फीसदी) रही. मतदाताओं ने इन मुद्दों को लेकर भी सरकार का प्रदर्शन औसत दर्जे से भी कम पाया गया.

वहीं बिहार की बात करें तो बिहार के लोगों ने रोजगार को 49.95 प्रतिशत के साथ अपना शीर्ष मुद्दा बताया. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार बिहार सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर सकी है और उनका भी जनता के मुद्दों पर खराब प्रदर्शन रहा है.