फ़हमीना हुसैन, TwoCircles.net
लोकसभा 2019 के आखरी चरण के सभी सात चरण का चुनान संपन्न होने के साथ ही चुनाव मैदान में उतरे 8049 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया। जिसका फैसला आगामी 23 मई को मतगणना के बाद हो सकेगा।
गुड्डू के लिए मतदान उनका सवैधानिक हक़ है उनके लिए वो भले भी अपने पैरों से चल नहीं पाते हो पर देश को नई उम्मीद के लिए उन्होंने अपना मतदान किया है.
इस आखरी चरण में कई ऐसे वोटर्स भी रहें जिन्होंने नई उम्मीद और एक नई बदलाव के लिए वोट किया है जिससे आने वाले पांच साल पिछले गुज़ारे पांच साल से मुख्तलिफ हो.
28 वर्षीय बबन कुमार के लिए उनके ऊँगली पर लगा स्याही का निशान इस उम्मीद से जुड़ा है कि गुज़रे पांच साल में जो दर्द लोगों से सहा वो अब ना मिले, दो वक़्त की रोटी, नौकरी के लिए दर-दर ठोकर ना खानी पड़े. शायद मेरा एक वोट इस देश को नई आगाज़ से जोड़े.
आखरी चरण में 92 साल की खदीजा खातून के वोट देने का जज़्बा आज भी उतना ही बुलंद है जितना पहली बार वोट करने वालों में होता है. उन्होंने TwoCircles से बताया कि वो ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हैं लेकिन देश में बदलाव चाहती हैं ताकि उनके बाद की पीढ़ी विकास कर सके.
20 वर्षीय रितिका कुमारी के लिए आज भी सहारे से चलना उनकी मज़बूरी रही हो लेकिन उनका कहना है मेरा एक वोट बहुत मायने रखता है इस एक वोट से उम्मीद जुडी है देश में नया बदलाव के लिए ताकि कोई बेरोज़गार न रहे.
प्रियंका ने Twocircles से बताया कि वो इतने धुप में दादी को नहीं लाना चाह रही थी लेकिन दादी बहुत ज़िद कर के वोट डालने आई है उन्होंने बताया कि दादी कह रही थी क्या पता ये उनका आखरी वोट हो ऐसे में इस हक़ को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकती.
चुनाव आयोग के सुविधा एप के मतदान संबंधी आंकड़ों के मुताबिक सातवें चरण में पंजाब, चंडीगढ़ और पश्चिम बंगाल में पिछले चुनाव की तुलना में मत प्रतिशत घटा है जबकि मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में मतदान के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया. बिहार और उत्तर प्रदेश में मतदान का स्तर कम रहा, लेकिन पिछले चुनाव की तुलना में इन राज्यों के मतदान में इजाफा हुआ. जिसमें बिहार में 53.67 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 57.93 प्रतिशत मतदान हुआ.
तेज लू और बेतहाशा अधिक गर्मी के बावजूद महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ कर वोटिंग की. कई निर्वाचन क्षेत्रों के बूथों पर महिला मतदाताओं की मौजूदगी ने पुरुषों के मुकाबले अधिक रही.