भीड़तंत्र एक बार फिर हावी ! अलीगढ़ में मॉब लिचिंग जैसी घटना, भीड़ ने महिलाओं को पीटा ।

अलीगढ़-

आस मुहम्मद कैफ, Twocircles.net


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हम अब भी ख़ौफ़ज़दा हैं, हमारे जो चोट लगी थी वो तो ठीक हो जायेगी मगर दिल मे जो तक़लीफ़ हुई है वो हमेशा रहेगी। क्या गलती थी हमारी ? हमें पीटने वाले लोग चारों तरफ से आएं, 25-30 की तादाद में होंगे, हमें पीट रहे थे, गाली दे रहे थे। मेरे देवर तौफीक को बुरी तरह मारा। हमें भी मारा। हम जानते थे हमें क्यों मारा जा रहा है। कोई हमें बचाने नही आया।”

ये आपबीती अफ़साना(38) की है जो अब तक दहशत में है। वो कहती है कि जब भीड़ उन्हें पीट रही थी तो एक पुलिसकर्मी वीडियो बना रहा था। वो उन्हें बचाने नही आया। भीड़ हमारी जान लेना चाहती थी। उन्होंने हमें ज़मीन पर गिराकर पीटा।

देश मे बढ़ते भीड़ के हिंसक मामलों के बीच अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर यह मामला बीते रविवार को सामने आया था ।यहां दर्जनों लोगो की भीड़ ने अचानक एक मुस्लिम परिवार पर हमला कर दिया था, जिसके बाद हड़कंप मच गया।भीड़ के इस हमले में दो महिलाएं भी घायल हो गई थी। घटना की जानकारी के बाद बड़ी संख्या में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र मौके पर पहुंच गए और हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए। पीड़ित परिवार कन्नौज का रहने वाला था।अब यह परिवार वापस लौट गया है।

अफ़साना बताती हैं की वो अपनी भतीजी के इलाज के लिए अलीगढ़ आई थी। उनके साथ उनके शौहर,देवर भाभी,सास और भतीजी थी।घटना के दिन शाम लगभग 5 बजे वो लोग अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतर रहे थे ।जब हम लोग ट्रेन से उतर रहे थे तो कुछ लोग ट्रेन में चढ़ रहे थे ।उसी दौरान वो हमें पीछे ढकेलने लगे।हमने विरोध किया तो उन्होंने हमें पीटना शुरू कर दिया।वो लोग बहुत ज्यादा संख्या में थे।

मॉब लिचिंग जैसी घटना में अचानक हुई मारपीट  से हड़कंप मच गया। ऐ०एम०यु के छात्रों ने जीआरपी थाने पर घटना के विरोध में घेराव किया तो देर रात मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई।मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नही हुई है।

जानकारी के अनुसार रविवार शाम कन्नौज  के एक परिवार पर दो दर्जन से अधिक लोगों ने हमला कर दिया। मौके पर पहुंचे ए०एम०यु छात्रों के मुताबिक महिलाओं के बुर्का पहने होने और मुस्लिम होने की वजह से हमला किया गया।जीआरपी ने घायलों को जे०एन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया था। जहां अब उन्हें  छुट्टी मिल गई है।मामले में एएमयू छात्रों के दखल के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था।जीआरपी के मुताबिक एक दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उनकी शिनाख्त की जा रही है ।

जानकारी के अनुसार कन्नौज के घुमाचामऊ इलाके की रहने वाली अफसाना अपने बेटे शफीक, देवर तौफीक, चचिया ससुर सहीम, चचिया सास हसरुन निशा और उनकी बेटी निशा के साथ मऊ आनंद बिहार साप्ताहिक ट्रेन से उतर रहीं थीं। पूरा परिवार कन्नौज से शफीक के लीवर में हुए इंफेक्शन का उपचार कराने के लिए जेएन मेडिकल कालेज आया था।पीड़ित परिवार का आरोप है कि इसी दौरान करीब दो दर्जन लोग आए और उनसे ट्रेन में चढ़ने-उतरने को लेकर विवाद हो गया।।विवाद इतना बढ़ा कि उन्होंने परिवार पर हमला बोल दिया। इसमें तौफीक और सहीम के सिर सहित शरीर के अन्य हिस्सों पर चोटें आ गईं। महिलाओं ने चीखपुकार मचाई तो स्टेशन पर अफरा तफरी का माहौल हो गया।

घायल तौफीक के मुताबिक उन्हें बुरी तरह पीटा गया।भारी भीड़ उन्हें पीट रही थी तथा उनकी अम्मी, भाभी और भतीजी को बुरी तरह लात घूंसों और डंडों से पीटा गया।पीटने वाले दर्जनों लोग थे।उन्होंने हमें हमारे मज़हबी पहचान पर टिप्पणी की और महिलाओं को भी नहीं बख़्शा । वहाँ मौजूद लोगों में से कोई हमें बचाने नही आया।हम यह मान ही नही सकते की यह अचानक हुआ झगड़ा है। हमें पीटने वाले गालियां दे रहे थे। हम यहां इलाज़ कराने आए थे।यह खुला अत्याचार है।

बताया जा रहा है कि सूचना पर जीआरपी की टीम थाने से पहुंची।हालांकि तब तक हमलावर फरार हो गए।जीआरपी की टीम घायलों को लेकर जेएन मेडिकल कालेज पहुंची। यहां सूचना पर एएमयू के छात्र भी पहुंच गए। छात्रों के आने से माहौल गरमा गया।

एएमयू के छात्र संघ के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा कि ” जिस तरह से भीड़तंत्र ने मुस्लिम समाज के लोगों पर हमला किया इसकी वो  पुरज़ोर मज़म्मत करते  है ।अगर इस तरह की घटनाओं को नहीं रोका गया तो वो दिन दूर नहीं जब हिट्लर के दौर वाली जर्मनी के जैसे हमारे मुल्क के हालात हो जाएँगे। हिंदुत्व के  नाम पे यह लोग हिन्दू धर्म को बदनाम कर रहे है ओर अलीगढ़ की गंगा-ज़मुनी तहज़ीब को बिगाडने की कोशिश कर रहे है ।अलीगढ़ की आवाम हरगिज़ ऐसा नहीं होने देगी। हम उस मुल्क से आते हैं जहाँ बुर्क़ा, टोपी, तिलक, पगड़ी सबका सम्मान किया जाता है ओर हर फ़ाशिस्ट ताक़तों का मुँह तोड़  जवाब दिया जाता है।”

घटना के बाद एएमयू छात्रों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए जीआरपी इंस्पेक्टर यशपाल सिंह  एएमयू पहुंच गए थे।उन्होंने छात्रों को समझाते हुए मामले में कार्रवाई का आश्वासन देकर छात्रों को शांत किया था।घायल तौफीक की ओर से दो दर्जन अज्ञात हमलावरों के खिलाफ तहरीर दी गई। इंस्पेक्टर यशपाल सिंह के मुताबिक पीड़ित परिवार की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर मुक़दमा दर्ज कर लिया गया था।वो प्रयास कर रहे हैं हालांकि अब तक गिरफ्तारी नही की गई है।

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