लॉकडाऊन की घोषणा के बाद देशभर से लाखों की संख्या में पलायन हुआ है।इसके बाद से अफ़रा-तफ़री का माहौल है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए जो जहां है उसी वहीं रोकने का आदेश जारी किए हैं। कई शहरों में आपातकालीन क्ववारंटीन केंद्र बनाए गए है। ऐसा हि एक केंद्र मुज़फ्फरनगर जनपद के मीरापुर थाना के इलाके में नेशनल हाइवे पर बिजनोर जनपद से ठीक पहले बीआईटी मेडिकल कॉलेज में बना है। यहां क़रीब एक हज़ार मज़दूरों को रखा गया है।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक़ ये लोग यहां 14 दिन तक रहेगें। तब तक इन्हें तमाम प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। यह बीआईटी मेडिकल कॉलेज मीरापुर से 6 किमी की दूरी पर कासमपुर गांव में स्थित है। जानकारी के मुताबिक यहां पहले दिन 167 लोगो को लाया गया था। मगर दूसरे दिन ही यह संख्या 800 से ज्यादा हो चुकी है। यहां मेडिकल कॉलेज की क्षमता 150 मरीजों की है क्वारन्टीन है। हालांकि मेडिकल स्टाफ़ का कहना है कि यह जांच के बाद ही बताया जाएगा। अभी इन्हें मरीज़ नही कहा जा सकता। फिलहाल यह संख्या लगभग एक हजार हो चुकी है। प्रशासन कॉलेज के हॉस्टल और क्लास रूम का भी अब इस्तेमाल कर रहा है। सड़क पर पैदल चल रहे लोगो को पकड़ कर बस में भर कर पुलिस यहां ला रही है।
मज़दूरों का आरोप है क्वारन्टीन किए गए मजदूरों को यहां एक प्रकार से कै़द कर दिया गया है। कोई उन्हें बाहर नही निकलने दे रहा है। सोमवार को यहां पहुंचे मुज़फ्फरनगर की डीएम सेल्वकुमारी और एसएसपी अभिषेक यादव ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि “ये लोग मरीज़ नही हैंं इन्हें एहतियातन 14 दिनों के लिए हिफाज़त में रखा जा रहा है।” इनको चाय नाश्ता और खाना देने की व्यवस्था प्रशासन के जिम्मे है। एसएसपी ने मीरापुर थाने में पत्रकारोंं से यह भी कहा कि वो इन्हें समझाकर आएं है। अगर कोई व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा तो उसे उसी की भाषा मे समझाया जाएगा। मुज़फ्फरनगर जनपद में यह एकमात्र क्वारन्टीन सेंटर है। जानकारी के अनुसार यह सभी लोग मुजफ्फरनगर अथवा बिजनोर मार्ग से यहां लाए गए हैं जो विभिन्न जगहों से पैदल ही अपने घर जा रहे थे।
यहां मौजूद शाहिद ने बताया कि वो छत्तीसगढ़ से आया है और बागपत जा रहा था। उसने कहा, “खाने के तौर पर यहां बेहद खराब व्यवस्था है। सुबह चाय और एक छोटा बिस्कुट दिया गया था। सोमवार को दोपहर बाद जब डीएम और एसएसपी निरीक्षण के लिए आएं तो उसके बाद जितने लोग हैं उसके हिसाब से खाना नही आया और बेहद भद्दे तरीके से लोगो को खाना लेने के लिए लाइन में लगना पड़ा। इसके बाद रोटी ख़त्म हो गई और कुछ लोगो को दाल पीनी पड़ी। उसके बाद पुलाव भेजे गए मगर वो कम था और ख़त्म हो गया इस दौरान सोशल डिस्टेंसइंग की धज्जियां उड़ गयी।”
आज सुबह यहां की एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसमें एक युवक के इर्द -गिर्द सैकड़ो लोग बैठे है और वो कई प्रकार के आरोप लगा रहा है। इसके बाद प्रशासन में आईएएस अधिकारी और एसडीएम जानसठ कुलदीप मीणा को यहां भेजा है। जो रात दिन यहीं डटे है। उनके आने के बाद स्थिति में सुधार हुआ है। इसके बाद से लोगो की नाराज़गी दूर हुई है।कुलदीप मीणा ने बताया, “इन लोगो को क्वारन्टीन किया गया है। इनकी जांच कराई जा रही है। एहितयात के तौर यहां रोका गया है अगर वो स्वस्थ पाएं जाते हैं तो 14 दिन से पहले भी घर भेजा जा सकता है। इनमे कुछ नेता टाइप लोग साथ वाले लोगो को भड़का रहे हैं कि अगर वो लगातार शिकायत करेंगे तो प्रशासन परेशान होकर उन्हें घर भेज देगा। जबकि बिना मेडिकल जांच और स्वस्थ होने की निश्चितता के बाद ही हम ऐसा कर पाएंगे, यहां पर्याप्त मात्रा में खाना है। यह सभी की सुरक्षा के लिए किया गया है।”
मेडिकल कॉलेज के अधिकारी राघव मेहरा ने हमें बताया कि इन्हें सिर्फ सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां रखा गया है। इनमे से कोई भी कोरोना से पीड़ित नही है फिर डॉक्टर उनकी देखभाल कर रहे हैं। उन्होंने सेनिटाइजड़ करते हुए इन लोगो को मेडिकल निगरानी में रखा है और वो उनके एक एक मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं। जिन लोगोंं ने समस्या बताई है उनकी जांच की जा रही है ।