स्टाफ़ रिपोर्टर । Twocircles.net
मुरादाबाद की जिस लड़की का जबरन गर्भपात कराने की बात की जा रही थी उसे अदालत के आदेश पर उसके पति राशिद को सौंप दिया गया है। राशिद के जेल में होने की स्थिति में पिंकी अपनी ससुराल में रहेगी।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कांठ थाने में पहले मां ने पुलिस से शिकायत की कि उसकी बेटी को ‘लव जिहाद’ में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया, लेकिन केस में उस वक्त एक नया मोड़ आ गया, जब पुलिस ने अदालत के आदेश के बाद लड़की को उसके ससुराल में रहने की इजाजत दे दी। प्रशासन द्वारा 22 वर्षीय महिला को पहले आश्रय गृह भेज दिया गया था। मंगलवार को महिला ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि चिकित्सकीय लापरवाही के कारण गर्भपात हो गया हालांकि पुलिस ने गर्भपात होने की बात का खंडन किया है।
बिजनौर की रहने वाली बाला देवी ने पाँच दिसंबर को मुरादाबाद के कांठ थाना क्षेत्र में नए क़ानून के तहत एफ़आईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने दो लोगों पर अपनी बेटी का शादी की नीयत से धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया था। एफ़आईआर दर्ज होने के बाद दोनों युवकों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था।और युवती को मुरादाबाद के नारी निकेतन भेज दिया गया था।
मामला यूपी के बिजनौर की रहने वाली 22 वर्षीय पिंकी का हैं । पिंकी ने 5 महीने पहले 24 जुलाई को मुरादाबाद के कांठ तहसील निवासी राशिद से उत्तराखंड के देहरादून में लव मैरिज की थी। 5 दिसंबर को पिंकी मुरादाबाद में मजिस्ट्रेट के यहां अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने आई थी। इसी दौरान रास्ते में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें पकड़ लिया था। और बजरंग दल ने झूठे आरोप लगाते हुए पिंकी को उसके पति राशिद समेत कांठ पुलिस को सौंप दिया। पिंकी ने आरोप लगाया कि बजरंग दल के दबाव के चलते पुलिस ने उसकी मां से तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया।
पिंकी ने अदालत के समक्ष पुलिस पर आरोप लगाया की बिना जांच करे पुलिस ने उसके पति राशिद और उसके जेठ को ज़बरन धर्मांतरण के आरोपी में जेल भेज दिया गया था।
पति और जेठ को जेल भेजने के बाद पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया गया। पिंकी के अनुसार उसको 7 हफ़्ते का गर्भ था। नारी निकेतन में पिंकी को पेट में दर्द हुआ तो जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिंकी का आरोप हैं उसे ज़िला अस्पताल में ना जाने कौन से ऐसे इंजेक्शन लगाए गए जिससे उसे ब्लीडिंग शुरू हो गई और इसी दौरान उसका गर्भपात हो गया। पिंकी ने नारी निकेतन में उसको प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया।
पिंकी ने सोमवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में बताया कि वह बालिग हैं, ‘उसकी उम्र 22 साल की है और उसने अपनी मर्जी से जुलाई महीने में देहरादून में निकाह किया था और अब वह नारी निकेतन में रहने के बजाए अपने पति के परिवार के साथ रहना चाहती है’। पुलिस का कहना था कि पिंकी तीन महीने की गर्भवती है और उसके पास अपनी शादी का कोई प्रमाण नहीं था। युवती के परिजनों ने शिकायत की थी कि राशिद ने जबरन उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन कराया। वहीं, पिंकी ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में कहा कि उसका जन्म 1998 में हुआ था और वह वयस्क हैं। पिंकी ने अदालत में बताया कि उसने अपना धर्म परिवर्तन करवा लिया है और अब वह राशिद के परिवार के साथ ही अपने आगे का जीवन बिताना चाहती है। पिंकी ने अदालत के समक्ष कहा कि गलत इंजेक्शन देने की वज़ह से उसका गर्भपात हुआ,जिसका पुलिस ने खंडन किया। पुलिस के अनुसार युवती को दो बार अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसका गर्भ सुरक्षित है। हालांकि पिंकी के गर्भपात के आरोप को लेकर जांच चल रही है।
अदालत ने पिंकी को उसकी इच्छा के अनुसार उसको ससुराल भेजे जाने का आदेश दिया। पिंकी ने अदालत के समक्ष अपनी पति और जेठ को रिहा करने की भी आवाज़ उठाई। इस मामले में मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने पिंकी की मां की शिकायत पर धर्मांतरण का केस दर्ज कर पिंकी के पति तथा जेठ को जेल भेज दिया था और पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया गया था, अब अदालत के आदेश पर पिंकी को उसके ससुराल वालों के सुपुर्द कर दिया गया है। पुलिस ने गर्भपात होने वाली बात का भी खंडन किया है, फिलहाल इस मामले की जांच चल रही हैं। पुलिस के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट से पता चला की महिला प्रेग्नेंट है। साथ ही उसके गर्भ में पल रहा बच्चा पहले सुरक्षित था।
मुरादाबाद पुलिस का कहना है कि वे पिंकी के बयान कि उसकी और राशिद की शादी धर्मांतरण कानून से पहले हुई थी समेत अन्य पक्षों पर कानूनी राय लेगी। वहीं, राशिद की मां का कहना है कि ‘लव जिहाद’ जैसा कोई भी मामला नहीं है। उनके बेटे ने प्रेम विवाह किया है।
बता दें कि राशिद के खिलाफ दर्ज मामला उत्तर प्रदेश में 29 नवंबर से लागू धर्म परिवर्तन विरोधी कानून के तहत दर्ज पांचवां मामला है। इससे पहले बरेली में 21 साल के युवक को इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि बीते 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार तथाकथित ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए शादी के लिए धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ ले आई थी।
इसमें विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर विभिन्न श्रेणियों के तहत अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है. उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां लव जिहाद को लेकर इस तरह का कानून लाया गया है।
प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 28 नवंबर को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। अगले दिन एक युवती के पिता की शिकायत पर बरेली जिले में नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत अपना पहला मामला दर्ज किया गया था।