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दिल्ली। ज़ाफ़राबाद और मौजपुर में सोमवार की हिंसा के बाद भी हिंसा रुकी नहीं है। मंगलवार सुबह कई इलाक़ों में पत्थरबाज़ी और आगज़नी हुई। ब्रह्मपुरी इलाक़े में दो गुटों के बीच जमकर पत्थरबाज़ी हुई। करावल नगर में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले किया। थे। मौजपुर में सुबह से ही लगातार पथराव की घटनाएँ हो रही हैं। हिंसा वाले इलाक़ों में भारी संख्या में पुलिस तैनात है और रैपिड एक्शन फोर्स लगातर गश्त कर रही है।
नागिरकता संशोधन क़ानून के विरोध और समर्थन को लेकर हुई हिंसा अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हिंसा में 56 घायल हैं। घायलों में 8 का हालत गंभीर है। मरने वालों में दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल रतन लाल वहीं आम लोगों में शाहिद, राहुल, फुरक़ान विनोद और नाज़िम शामिल हैं। हालांकि लोगों का कहना है कि मरने वालों की संख्या 10 और घायलों की संख्या 100 से ज़्यादा है।
आरोप है कि मुस्लिम बहुल इलाक़ों में दुकानों और मकानों में जमकर तोड़ फोड़ हो रही है। पुलिस तमाशाई बनी हुई है। करावल नगर, गोकुलपुरी और खजूरी ख़ास में मुसलमानों की दुकानों, फ़ैक्ट्रियों और घरो में घुसकर तोड़फोड़ करने का आरोप है। कई लोग अपनी जान बचाने के लिए अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहा चले गए हैं। खजूरी मे रहने वाली फरज़ाना ने बताया कि सोमवार की रात में उनके घर के आसपास की दुकानों में जमकर लूटपाट हुई। डर की वजह से उन्हें अपने बच्चों के साथ अपना घर छोड़कर सुरक्षित जगह पर जाना पड़ा।
मंगलवार सुबह से ही पुलिस ने हिंसा की कवरेज के लिए आने वाले मीडिया कर्मियों पर भी सख्ती शुरु कर दी। मीडिया कर्मियों के नाम पूछ कर ही उन्हें काम करने की इजाज़त दी जा रही है। आरोप है कि पुलिस मुस्लिम मीडिया कर्मियों को वहां जाने से रोक रही है। लोगों को मोबाइस ले फोटो खींचने और वीडियो बनाने से रोका जा रहा है। वहीं मुस्लिम बहुल इलाकों में मेन स्ट्रीम न्यूज़ चैनलों के रिपोर्टरों को रिपेर्टिंग करने से रोका जा रहा है। आरोप है कि ये मुसलमानों को बदनाम करने के लिए नकारात्मक रिपोर्टिंग कर रेह हैं।
आपको बता दें कि अपने ज़हरीले बयानों से हिंसा भड़काने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा करावल नगर के ही रहने वाले हैं। वो 2014 में यहीं से आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। उनका मां उस समय बीजेपी के टिकट पर यहा से निगम पार्षद थीं। केजरीवाल सरकार में वो मंत्री भी रहे। बाद में केजरीवाल से तीखे विवादों के के चलते उन्हें पहले मंत्री पद से हटाया गया बाद में उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी ने इस बार कपिल मिश्रा को मॉडल टाउन से चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन इस बार वो जीत नहीं सके।
दिल्ली विधानसभा के चुनावी नतीजे आने के बाद से ही कपिल मिश्रा लगातार नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में सड़कों पर है। रविवार को उन्हीं के नेतृत्व में बीजेपी कार्यक्रताओं का एक गुट नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने वालों से मुक़ाबले में सड़कों पर उतरा था। उन्हीं के भड़काऊ भाषणों और बयानों के बाद सोमवार को ज़ाफराबाद और भजनपुरा इलाकों में बीजेपी और संघ परिवार के अन्य संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हिंसा की शुरुआत की। सोमवार को शुरू हो हिंसा का यह नंगा नाच मंगलवार को भी जारी रहा।
पूर्वी दिल्ली में ऐसे हालात तब हैं जब रात भर पुलिस ने क्षेत्र में फ़्लैग मार्च किया। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार देर रात को बैठक बुलाई थी। अब अरविंद केजरीवाल ने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। अब स्थिति पर नियंत्रण के लिए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। इसके बावजूद रुक-रुक कर हिंसा की वारदात हो रहीं हैं। ज़ाफराबादस ब्रह्मपुरी, करावल नगरर, गोकुलपुरी और मोजपुर से लगातार हिंसा की वारदात की ख़बरें आ रही है।
हिंसा की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार की हिंसा के बाद से पाँच लोगों की मौत हो गई है और क़रीब 60 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। सोमवार को हिंसा के दौरान घायल डीसीपी आईसीयू में भर्ती हैं। शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा सोमवार को हिंसा में घायल हो गए थे। रिपोर्ट है कि डॉक्टरों ने उन्हें अब ख़तरे से बाहर बताया जा रहा है। लेकिन उन्हें कुछ और दिन अस्पताल में ही भर्ती रहना होगा।
सोमवार को पाँच गाड़ियों में आगज़नी की घटना हुई। माना जा रहा था कि अब पुलिस के सक्रिय होने और रैपिड एक्शन फ़ोर्स की तैनाती के बाद हिंसा को रोकने में सफलता मिलेगी। लेकिन आगज़नी और पथराव की घटनाओं की ख़बरे लगातार आ रही हैं। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली फ़ायर डायरेक्टर के मुताबिक़ उन्हें मंगलवार सुबह 3 बजे से आगजनी के 45 कॉल आ चुके हैं, तीन फ़ायरमैन भी घायल हो गए हैं। दमकल की एक गाड़ी को भी आग के हवाले कर दिया गया है।
बढ़ती हिंसा को देखते हुए ज़ाफ़राबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशन बंद हैं। मेट्रो ट्रेन केवल वेलकम स्टेशन तक ही जाएगी। इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हालात का जायज़ा लेने के लिए आपात बैठक बुलाई। इसमें हिंसा प्रभावित इलाकों के सभी विधायक और अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल ने उपराज्य पाल अनिल बैजल से हिंसा रोकने के लिए फ़ौरन ज़रूरी क़दम उठाने की गुज़ारिश की।
इससे पहले दिल्ली के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात आपात बैठक बुलाई। यह बैठक 10 बजे तक चली जिसमें दिल्ली के हालात पर तुरंत क़ाबू के लिए उठाए जाने वाले क़दमों पर विचार-विमर्श हुआ। माना जा रहा है कि गृह मंत्री को इस मामले में इसलिए दख़ल देना पड़ा है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप भारत की यात्रा पर आए हुए हैं। आज यानी मंगलवार को ट्रंप दिल्ली में ही हैं। यहाँ उनकी प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक है। ऐसे में दिल्ली की हिंसा सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गई है।
बता दें कि टकराव रविवार को तब शुरू हुआ जब ज़ाफ़राबाद में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों और नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली निकालने वाले आमने-सामने आ गए। सीएए के समर्थक चाहते थे कि विरोध करने वाले लोग अपना प्रदर्शन ख़त्म कर सड़क को ख़ाली कर दें। दोनों तरफ से नारेबाज़ी की वजह से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। धीरे-धीरे हिंसक झड़पें हुईं और बाद में हिंसा बढ़ती चली गई। कुछ इलाक़ों मे हिंसा अभी भी बेक़ाबू है।
सड़क पर बैठ कर किया जा रहा यह प्रदर्शन रविवार की रात तब तक शांतिपूर्ण था जब तक कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों के विरोध में वहाँ नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली नहीं निकाली थी। मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ जब रैली निकाली तो उस दौरान नागरिकता क़ानून का विरोध करने वालों के साथ झड़प हुई। दोनों ओर से पथरबाज़ी हुई। मिश्रा ने वीडियो जारी किया और फिर प्रदर्शनकारियों को धमकी भी दी। यह सब पुलिस के सामने हुआ। पुलिस कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के बजाए तमाशाई बनी रही।