दिल्ली हिंसा: मुस्लिम परिवार के लिए फ़रिश्ता बनकर आया भाजपा पार्षद, आधी रात को हिंसक भीड़ से बचाया

इसरार अहमद, twocircles.net

दिल्ली। एक तरफ़ जहां नागरिकता संशोधन क़ानून पर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसक झड़प जारी है और बीजेपी और संघ परिवार के लोगों पर मुस्लिम इलाकों में तोड़फोड़ करने और आगज़नी करने के आरोप लग रहे हैं वहीं बीजेपी के एक पार्षद ने आधी रात को मुस्लिम परिवार और उसके घर को हिंसक भीड़ के चंगुल से बचाकर इंसानियत की मिसाल पेश की है।


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हिंसा और नफ़रत की आंधी के बीच दिल को सुकून देने वाली यह ख़बर दिल्ली के यमुना विहार इलाक़े से आई है। यहां बीजेपी के वार्ड पार्षद प्रमोद गुप्ता आधी रोत को मुस्लिम शख्स शाहिद सिद्दीक़ी के परिवार की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने अकेले दम पर लगभग 150 लोगों की हिंसक भीड़ से शाहिद के घर को आग के हवाले होने से बचाया। बता दें कि सीएए को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा में अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है।

शाहिद सिद्दीक़ी ने twocircles.net से बातचीत में बीती रात की इस घटना को विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि भीड़ ने अचानक नारे लगाते हुए पड़ोस की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। भीड़ उस तरफ़ आ रही थी जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग नहीं कर रखी थी। वो रास्ता जो मुस्लिम बहुल इलाक़े की तरफ़ जाता है। सिद्दिक़ी ने कहा कि यह घटना करीब 11.30 बजे की है। सिद्दीक़ी ने कहा कि भीड़ ने पहले उनके घर के नीचे एक बुटीक जलाया, जो उनके किराएदार का था। उसके बाद उनके परिवार की एक कार और मोटर बाइक को भी भीड़ ने जला दिया।

शाहिद सिद्दीकी ने कहा, ‘भीड़ ने हमारे गैराज से हमारी कार और एक मोटर साइकिल निकाली और उसमें आग लगा दी। उन्होंने मेरे किराएदार के बुटीक को भी नुक़सान पहुंचाया, जिससे कम से कम 20 लाख रुपये का नुक़सान हुआ। इसके फ़ौरन बाद इसी वार्ड से बीजेपी के पार्षद प्रमोद गुप्ता भीड़ के सामने आ गए। उन्होंने भीड़ को उन्हें और उनकी संपत्ति को और ज़्यादा नुक़सान पहुंचाने से रोका।’ इस घटना के बारे में बात करते हुए शाहिद काफ़ी भावुक हो गए। उनकी आंखों से आंसू छलक आए।

शाहिद सिद्दीकी हिंसक भीड़ से अपने परिवार के साथ मुश्किल से बच पाए। उनके साथ उनका दो महीने का एक बच्चा भी था। सिद्दीकी ने कहा कि जैसे ही हमें किसी अनहोनी का एहसास हुआ, तुरंत अपने परिवार के साथ भागे। बाद में पता चला कि यह भाजपा के वार्ड पार्षद प्रमोद गुप्ता थे, जिन्होंने भीड़ को हमारे घर को आग लगाने से रोका। उन्होंने कहा, ‘प्रमोद गुप्ता हमारे लिए फ़रिशता बनकर आए। अभी तोक वो मेरे दोस्त थे। लेकिन अब उनका दर्जा मेरी नज़रों में फ़रिश्ते जैसे हो गया है।’

ग़ौरतलब है कि सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले और समर्थन करने वाले नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के ज़ाफ़राबाद, मौजपुर आदि इलाकों में आपस में भिड़ गए। इसकी वजह से कई इलाक़ो में ज़बरदस्त हिंसा हुई। हिंसा में मंगलवार शाम तक 10 लोगों की मौत हो गई और क़रीब 300 लोग घायल है। जीटीबी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेट सुनील कुमार के मुताबिक इनमें से 200 से ज़्यादा लोग गोली लगने घायल हुए है। सोमवार की हिंसा में करीब दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और कई दुकानों को नुकसान पहुंचाया। मंगलवार को भी हिंसा का तांड़व जारी रहा। ऐसे हालात में बीजेपी पार्षद के इस क़दम की तारीफ़ हो रही है।

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