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दिल्ली हिंसा: अब तक 10 की मौत, 200 से ज़्यादा लोग गोली लगने से हुए घायल

सांकेतिक तस्वीर

स्टाफ रिपोर्टर, twocircles.net

दिल्ली। दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाक़े में सीएए समर्थकों के सीएए विरोधियों पर हुए हमले के बाद हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या अब तक 10 हो गई है। तांडव ज़ाफ़राबाद, भजनपुरा, मौजपुर, खजूरी ख़ास और यमुना पार के इलाक़े में हिंसा का लगातार दूसरे दिन भी जारी है। पूरे इलाक़े में अब अत्यधिक हिंसा के चलते हालात बेकाबू हो गए हैं। पुलिस के सामने ही कई जगहों पर दोनों पक्षों में आमने-सामने की झड़प हो रही है।

कर्दमपुरी इलाक़े में एक 14 साल के लड़के की मौत की दर्दनाक ख़बर आई है। हिंसा में घायल होने के बाद काफ़ी देर वो तड़पता रहा। उसे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मौक़े पर नहीं पहुंच पाई। इसके लिए चारों तरफ़ से की गई बैरीकैडिंग को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। बताया जा रहा है को नज़दीक से सीएए के समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचे। इन्होंने वहां मौजूद लोगों पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इसी हमले में 14 साल के इस लड़के की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद परिवार के लोग बिलख कर रोने लगेे।

हिंसा में घायल हुए ज़्यादातर लोगों को जीटीबी अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। जीटीबी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट सुनील कुमार के मुताबिक अब तक 9 लोगों की मौत हो गई है। 200 से ज्यादा लोगो को गोली लगी हुई है। मृतको में एक दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबिल रतनलाल भी शामिल है। 24 फरवरी की रात तक यह संख्या 5 थी मगर मंगलवार शाम तक 4 और भी मौत होने की पुष्टि हुई है। एक न्यूज चैनल के पत्रकार को भी गोली लगी है। उसकी हालात भी गंभीर बताई जा रही है। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार अब 50 से भी ज्यादा घायलों की हालत गंभीर है। इन्हें क्रिटिकल केयर में रखा गया है।

अस्पताल में लगभग 300 घायलों का इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि यहां 7 लोगों को मर्तक के तौर पर लाया गया जबकि दो की हालात अत्यंत गंभीर होने के कारण मौत गई। मरने वालों में हेड कांस्टेबल रतनलाल भी है। वो अपने पीछे 3 बच्चों को छोड़ गए हैं। इनमें एक बेटा और दो बेटियां है। ख़ास बात यह है रतनलाल अपनी शुरुआती नौकरी में रॉबर्ट वाड्रा की सुरक्षा में तैनात रहे हैं। राजस्थान के सीकर के निवासी रतनलाल की पत्नी पूनम ने अपने पति के लिए शहीद का दर्जा देने की मांग की है।

हिंसा के दौरान सबसे दर्दनाक मौत मौहम्मद फुरक़ान की हुई है। यह वही है जिनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। पुलित्जर पुरुस्कार पाने वाले फ़ोटो जर्नालिस्ट दानिश सिद्दीक़ी ने इस तस्वीर को क्लिक किया है। फुरक़ान को लाठी डंडो से पीट-पीट मार डाला गया। हालांकि फुरक़ान के दोस्त सरफ़राज़ का दावा है कि फुरकान को पहले पैर में गोली मारी गई। ज़ाफ़राबाद का रहने वाला फुरक़ान हेंडीक्राफ्ट का काम करता था। फुरकान के भाई की तरफ़ से दी गई तहरीर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा को नामजद किया गया है।

कपिल मिश्रा भाजपा के वही नेता हैं जिसने दंगे कराने की  धमकी दी थी। पीड़ितों ने आगज़नी, तोडफ़ोड़ और हत्या की कई अलग अलग तहरीर में कपिल मिश्रा को दंगे का मुख्य आरोपी बनाया है। फुरकान के भाई इमरान ने कहा है, “कपिल मिश्रा उनके भाई की मौत के जिम्मेदार है। उसी ने लोगों को भड़काया।” एक और मृतक राहुल सोलंकी के परिजनों ने भी कपिल मिश्रा पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है राहुल के पिता अशोक सोलंकी ने कहा है कि लोगों को भड़काकर कपिल मिश्रा अब छिप गया है।

हालात इतने खराब है कि एक पत्रकार को गोली लगी हुई हैं। एनडीटीवी के तीन पत्रकारों अभिनंदन, सौरभ और मरियम पर जानलेवा हमला हुआ है। मुस्तफाबाद में रहने वाले एक युवक के मुताबिक़ “उनके इलाक़े को चारों तरफ से हथियारबंद भीड़ ने घेर रखा है। हमारे घर के 50 मीटर की दूरी पर भीड़ तांडव कर रही है। दुकानों में आग लगा दी गई है। घरों में तोड़फोड़ लूटपाट की जा रही। आगज़नी हो रही है। पुलिस कहीं दिखाई नही दे रही है। पूरी तरह से दहशत का माहौल है। यहां पिछले 48 घण्टो से कोई सो नहीं पाया है। हमारे जिंदा रहने की कोई गारंटी नही है।”

मौजपुर, बाबरपुर औऱ ब्रह्मपुरी इलाके आज सुबह से पथराव चल रहा है। ज़ाफ़राबाद में महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें सीएए के समर्थक धमकी दे रहे हैं कि ‘ट्रम्प’को जाने दो उसके बाद असली तांडव होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग की है। जिसमें उन्होंने दिल्ली की सीमा से सटे बॉर्डर को बॉर्डर को सील करने की मांग उठाई है। केजरीवाल ने कहा है हिंसा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग बाहर से आएं है। आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने सेना बुलाने की मांग भी उठाई थी जिसे माना नही गया है।

मृतको में ज्यादातर लोग मजदूर हैं। अब तक मरने वालों में रतनलाल, शाहिद, फुरकान, नाजिम और राहुल की पहचान हो गई है। पांच और भी मृतक अभी मोर्चरी में हैं। इनका पोस्टमार्टम किया जाना है। बुलंदशहर के डिबाई इलाक़े के रहने वाले शाहिद अल्वी दिल्ली में ऑटो चलाता था। था। उसके ऑटो को आग लगा दी गई। शाहिद की मौत गोली लगने से हुई है। शाहिद के भाई राशिद अल्वी के अनुसार उसकी दो महीने पहले ही शादी हुई थी। वो दिल्ली अपनी रोज़ी-रोटी कमाने आया था। उसे गोली मिली।