आज मौलाना सलमान मज़ाहिरी का भी इंतेकाल, कल जमीयत के सदर यूपी मौलाना ओसामा की हुई थी कोरोना से मौत

स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net 

आलिम-ए-दीन दारुल उलूम के बाद दूसरे सबसे प्रतिष्ठित मदरसे मज़ाहिर ए उलूम सहारनपुर के निज़ाम -ए -आला तबलीग ए जमात के अमीर मौलाना साद के ससुर और शेखुल हदीस मौलाना सलमान मजाहिरी का आज शाम इंतेकाल हो गया। उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही थी। दिल्ली ले जाते समय आज शाम 5 बजे यह दुःखद ख़बर आई। 75 साल की उम्र के आसपास वाले मौलाना सलमान को मुसलमानों में बड़ा रुतबा हासिल है। उनकी सबसे बड़ी बेटी का निकाह तबलीग़ जमात के अमीर मौलाना साद से हुआ है। इस ख़बर के तुरंत बाद सहारनपुर में पुलिस व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। उनके जनाज़े में भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है।


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यह ख़बर ऐसे समय पर आई है जब जमीयत उलेमा हिंद के उत्तर प्रदेश सदर मौलाना मतीनउल हक ओसामा क़ासमी कानपुरी के इंतेक़ाल को सिर्फ एक दिन हुआ है और अभी मुसलमान बेहद ग़मज़दा है। मौलाना ओसामा मदरसा अशरफुल जाजमऊ के मोहतमिम थे। उन्हें हैलट अस्पताल में भर्ती  कराया गया था जहां उन्हें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उन्हें 2016 में शहर क़ाज़ी भी बनाया गया था।

दो दिन के अंदर दो बेहद बड़े आलिम -ए-दीन के इंतेकाल की खबरों के बीच कानपुर से लेकर सहारनपुर तक बेहद ग़मज़दा माहौल है। मुसलमानों की तमाम तंजीमो ने इस पर गहरा दुःख जताया है। मौलाना सलमान मजाहिरी अपने परिवार के साथ सहारनपुर के मोहल्ला मुफ़्ती में रहते थे।

वो 25 साल से मदरसा मजाहिर उलूम जदीद के नाज़िम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।  उनके इंतेकाल के बाद दारुल उलूम ने बेहद दुःख जताया है। इसे कौम के लिए बड़ा नुकसान बताया गया है कल इसी तरह का बयान मौलाना मतीनउल हक ओसामा क़ासमी के बारे में जारी किया गया था।

मौलाना सलमान मजाहिरी के इंतेकाल में कोरोना की पुष्टि नही हो पाई है मगर निजामुद्दीन प्रकरण के बाद मौलाना साद के ससुर होने के नाते इन्हें भी क्वारेंटीन किया गया था। उसके बाद यह घर लौट आएं थे। इनके परिवार में चार बेटे और तीन बेटियां है। इनकी सबसे बड़ी बेटी की शादी 1990 मौलाना साद के साथ की गई थी। मौलाना सलमान को इस्लामिक दुनिया के बहुत बड़े विद्वान मौलाना ताल्हा का सबसे खास समझा जाता रहा है। सहारनपुर के मुहम्मद अफज़ल मंसूरी के मुताबिक वो पिछले 40 साल से उनके ताल्लुक में थे। मौलाना सलमान बेहद ही तक़वे की जिंदगी जीने वाले अल्लाह के सच्चे बंदे थे। कौम वाकई में उनकी कमी को महसूस करेंगी। उन्होंने खुद को हमेशा सियासी लोगो से दूर रखा।

जामिया इस्लामिया के मोहतिमिम मौलाना अरशद क़ासमी के अनुसार मौलाना मतीन ओसामा कानपुरी और मौलाना सलमान के इंतेकाल की ख़बर बेहद झकझोर देने वाली है। यह तक़लीफ़ में डालती है मगर मुसलमानों को मायूस होने की ज़रूरत नही है। अल्लाह कुछ बेहतर करेगा। हमें इनके सिखाई हुई बातों पर अमल करना चाहिए। दोनों ही सख्सियत अज़ीम थी। आज सबसे बड़ी फिक्र इस बात की है कि बड़े आलिम हमारा साथ छोड़कर जा रहे हैं। यह मुश्किल वक़्त है मगर कौम के लोग हिम्मत से काम ले और इबादत करें।

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