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दिल्ली हिंसा: शिव विहार से मुसलमानों का पलायन, उनके घर और मस्जिदें जलाई गईं, यहां अब सिर्फ़ ‘ख़ौफ़’ बसता है

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पूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके में सबसे ज़्यादा हिंसा हुई है। इस इलाके में मुसलमानों के थोड़े बहुत ही घर थे। दो मस्जिदें भी थी। सभी कुछ जलकर ख़ाक हो गया है। देश का राष्ट्रीय मीडिया अभी तक यहां नहीं पहुंचा है। अगर पहुंचा होता फिर यहां की बर्बादी का हाल नहीं बता रहा। Twocircles.net से जुड़े पत्रकार आस मोहम्मद कैफ़ ने शनिवार को यहां का दौरा करके हालात का जायज़ा लिया। साथ ही हुई बर्बादी की तस्वीरों को भी अपने कैमरे में क़ैद दिया। इन तस्वीरों के ज़रिए आप यहां हुई हिंसा की क्रूरता को महसूस कीजिए। ये तस्वीरे आपकों दंगाइयों की हैवानियात और वहशीपन के साथ ही उनके ख़तरनाक इरादों से रू-ब-रू कराएंगी- यूसुफ़ अंसारी, कार्यकारी संपादक

यह फ़ोटो शिव विहार के फेज़ 6 इलाक़े का है। यहां मदीना मस्जिद को बुरी तरह जला दिया गया। पास में बघेल हॉउस है। आग की लपटें इस घर मे भी पहुंची। विजय और हरेन्द्र जब हमें अपना घर दिखा रहे थे। उन दोनों के मुंह से शराब की गंध आ रही थी। घर के पास की गली के किनारे हमें यह अंग्रेजी शराब की यह बोतल भी दिखाई दी। चमन पार्क में शरण लिए हुए कई महिलाओं का दावा था कि हमलावर बुरी तरह शराब पिए हुए थे। होशोहवास में कोई भी इतनी दरिन्दगी नही कर सकता है। ख़ैर यह अंग्रेजी शराब की बोतल एक राख के ढेर पर पड़ी हुई मिली।
शिव विहार फेज़ 7 इलाके में इस घर का नाम मलिक हॉउस है। घर के मालिक सादिक ख़ान है। 25 फुट रोड पर यहां सबसे शानदार घर है। माफ़ कीजियेगा अब ‘था’ पढ़ा जाए। घर पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। अब यह घर नही बल्कि मकान भी नही रह गया है। पड़ोस के इक्का दुक्क-लोग हमें बता रहे हैं कि “इस घर से हिंदुओ की भीड़ पर पथराव हुआ था। इसलिए गुस्से में इसे जला दिया गया। हालांकि शिव विहार मे मुसलमानों के दो दर्जन से भी ज्यादा घर जला दिए गए हैं। शिवविहार की रहने वाली और चमन पार्क में शरण लेने वाली सायरा ने हमें बताया कि सादिक ख़ान लोगो के काम आते थे। सबकी मदद करते थे। वो कुछ लोगो की आंखों में खटक रहे थे।
ऐसा लगता है कि य पांच दोपहिया वाहन है। इनमे से एक एवेंजर बाइक है। दो स्कूटी हैं और एक पेशन बाइक है। एक को हम समझ नही पा रहे हैं। एवेंजर बाइक सादिक के बेटे की पहली बाइक थी। स्कूटी उनकी बेटी चलाती थी। युवाओं के पसंद एवेंजर बाइक की प्रचार लाइन है ‘फील लाइक गॉड’। बताया जाता है कि दंगाइयों ने शिव विहार में मुसलमानों से कहा था, “अपने खुदा को बुला लो”और इस घर के बाद उन्होंने खुदा का घर मस्जिद को भी जला दिया।
शिव विहार में एकतरफा हिंसा हुई है। मुसलमानों के चिन्हित कर घर जला दिए गए। मस्जिदों में आग लगा दी गई। घरों में लूटपाट की गई। गोलियां चली। जिंदगी छीन ली गई। एक पूरे दिन और रात यह सब चला। यह बंद तब हुआ जब मुस्तुफ़ाबाद के मुसलमानो की भीड़ शिव विहार में फंसे हुए लोगो को बचाने पहुंच गई। यह तस्वीर एक हिन्दू गली का है। गली का रास्ता पूरी तरह बंद किया गया है। गली के बाहर मिले अशोक कुमार ने बताया कि मुसलमान हमला करने न आ जाएं इसलिए हमनें यह बचाव किया है। हमनें उनसे पूछा शिव विहार में सभी घर मुसलमानों के क्यों जले हुए हैं? उन्होंने बताया कि इन्होंने खुद अपने घरों में आग लगा ली।
मदीना मस्जिद पूरी तरह जल गई है। यह शिव विहार के फेज़ 6 में है। चमन पार्क में शिवविहार के शरण लिए हुए मुसलमान इसे याद करके रोते है। मस्जिद के दरवाज़े पर सीसीटीवी कैमरा लटक रहा है। कैमरा तो जल गया है मगर ऊपर वाला सब देख रहा है। पूरे शिव विहार में अब एक भी मुसलमान नही है। यह मोहल्ला अब पूरी तरह मुस्लिम मुक्त हो गया है। यह हमें यहां बिजली के तार ठीक कर रहे मुशाहिद बताते हैं वो यहां अपनी टीम के साथ जले हुए बिजली के तारों को बदल रहे हैं। यहां पत्रकार मस्जिद को लेकर सवाल करते हैं तो मौजूद लोग इस मस्जिद से बिल्कुल सटे बघेल हॉउस की बात करने लगते हैं जिसमे भी कुछ लपटें पहुंची। मस्जिद किसने जलाई इस पर वो कहते हैं “पता नही बाहर के लोग आए थे “
शिव विहार की दूसरी मस्जिद औलिया मस्जिद भी जला दी गई। मस्जिद के अंदर गैस सिलेंडर डालकर उसे धमाके से उड़ाने की कोशिश की गई। मुस्तुफाबाद से 200 मीटर आगे ही शिव विहार में प्रवेश के दौरान यह मस्जिद आती है। शिवविहार इलाक़े में जलाई गई दो मस्जिदों में एक है। वैसे भी यहां से चले गए मुसलमान अब शायद ही वापस आएं। घर इस हालत में नही है कि उनमें  रहा जा सके। मस्जिदें जला दी गई है। मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद की एक लड़की सुमैय्या ने हमें बताया था कि चमन पार्क में गली के एकदम अंत मे एक मंदिर है जिसमे एक पत्थर नही फेंका गया जबकि हिन्दू बहुल इलाक़ों में मस्जिदों को सबसे पहले जलाया गया।
यह औलिया मस्जिद की अंदर की तस्वीर है। आप इसमे देखिए आपको क्या-क्या दिखता है। मुझे इसमे एलपीजी के चार सिलेंडर दिख रहे हैं। एक तेल का कनस्तर है। कुछ लकड़ियां भी दिख रही हैं। एक्सपर्ट बताइएं दंगाई यहां क्या करना चाहते थे! यह सिलेंडर फटते तो यह भी कहा जा सकता था कि मस्जिद में बारूद जमा किया गया। विस्फोटक पदार्थ रखे हुए थे। इनमें से कोई भी सिलेंडर नही फटा। पुलिस इसे बचाने नही पहुंची। इस पर आप ही कुछ कहिए!
यह फ़ोटो चमन पार्क का है। शिव विहार के तमाम पीड़ितो को यहां के निवासियों ने पनाह दे रखी है। लगभग बीस साल पहले सस्ती ज़मीन की वजह से ये लोग मिश्रित आबादी वाले शिव विहार में जा बसे थे। इनमे से ज्यादातर लडकियां स्कूल जाती है। दिल्ली में सीबीएसई की परीक्षा चल रही हैं। बहुत सी लड़कियां परीक्षा भी नही दे पा रही हैं। दंगा बहुत सारे सपनों का क़त्ल कर देता है। यह भी ऐसा ही है।14 साल की अर्शी कहती है, “यह दंगा नही था, हम पर हमला था भाईसाहब।”