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उत्तर प्रदेश: योगी सरकार के ख़िलाफ़ आर-पार के मूड में प्रियंका, पहली बार डिजिटल घेराबंदी

आस मोहम्मद कैफ़।Twocircles.net 

कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश सरकार के साथ हुए अपने बस संग्राम में सरकार पर हावी हो गई है। बुधवार को सोशल मीडिया पर लाइव होकर उन्होंने अपनी बातों को रखा है। नई रणनीति की घोषणा की है। इसके अलावा काँग्रेस ने योगी सरकार को घेरने के लिए तगड़ी घेराबंदी की है। यह घेराबंदी डिजिटल तकनीक का सहारा लेकर की जा रही है। कांग्रेस के 50 हजार कार्यकर्ता आज एक ही समय लाइव होकर योगी सरकार की पोल खोलने का काम करेंगे।

उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उनको ज़मानत मिल गई। ज़मानत मिलने के बाद एक बार फिर उन्हें गिरफ्तार करके अस्थाई जेल में भेज दिया गया है। उत्तर प्रदेश की राजनीति पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस मुख्य विपक्ष की भूमिका में दिख रही है। जबकि उनके 403 सदस्यों वाली विधानसभा में उसके कुल 7 विद्यायक हैं। सपा और बसपा में कांग्रेस की आक्रामकता से बेचैनी देखी जा रही हैं। पहली बार योगी सरकार दबाव में आई है।

कांग्रेस की मज़दूरों की मदद के लिए भेजी गई 1000 बसें राज्साथान लौट गईं हैँ। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें मज़दूरों को ले जाने नहीं दिया गया। उन पर कई तरह की कंडीशन लगाई गई थी। प्रवासी मज़दूरों के पलायन के दौरान कांग्रेस उनके साथ खड़ी दिखाई देती है। अब प्रियंका गांधी इस बस संग्राम की पूरी इनसाइड स्टोरी बताई है।

बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक वीडियो बयान जारी करके कहा है काफी समय से हम देख रहे हैं कि हमारे प्रवासी भाई-बहन भीषण परिस्थियों में कड़ी धूप में बगैर खाये-पीये पैदल अपने गांव की ओर चल रहे हैं कल मैंने वीडियो देखा जिसमे एक प्रवासी कश्मीर से सहारनपुर पैदल चल के आया, उसे आगे बिहार तक जाना है। आप सबने देखा कि कई बहनें गर्भवती हैं, बावजूद इसके 6 से 8 घंटे कड़ी धूप में चल रही हैं। कुछ अपने बच्चों को गोद में लेकर जा रहे हैं। एक जगह बूढ़े दादा और दादी अपने पोते-पोतियों को झूला बनाकर कंधे में उठाकर जा रहे हैं। अब हम सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी।  यह भारत के वह लोग हैं जो देश की रीढ़ की हड्डी हैं। जिन्होंने इस देश की इमारत को बनाई, जिनके खून और पसीने से देश चलता है, इनके प्रति मेरी, आपकी सबकी राष्ट्र की जिम्मेदारी है। यह राजनीति का समय नहीं है।उन्होंने कहा कि मैं बहुत ही स्पष्ट कह रहीं हूँ। राजनीतिक दल राजनैतिक परहेजों को दूर करते हुए सकारात्मक भाव से, सेवा भाव से लोगों की मदद में शामिल हों।

इस लाइव वीडियो में प्रियंका गांधी ने कहा कि जब कई सड़क हादसे हुये तो हमने देखा कि यूपी की रोडवेज़ की बसें सक्रिय नहीं हैं। हमने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी कि हम 1000 बसें उपलब्ध करवाएंगे। ग़ाज़ियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर इन बसों को लगायेंगे और आप यदि इन्हें संचालन की अनुमति देंगे तो प्रवासी श्रमिको को बस में बैठाकर घर पहुंचाएंगे।अगले  दिन मुख्यमंत्री जी ने ऐलान किया कि यूपी में 12000 बसें हैं, इन्ही का इस्तेमाल होगा। आपकी बसों की ज़रूरत नहीं है, हमने 500 बसें खड़ी किया था उन्हें वापस करना पड़ा। उसके बाद एक चिट्ठी मिली कि 1000 बसें और चालक-परिचालक का नाम, फिटनेस टेस्ट  और बसों का सर्टिफिकेट आदि  दे दीजिये, ये हमारे पास पहुंचा दीजिये।

महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। हमने 4-5 घंटो में बसों की लिस्ट उपलब्ध करवा दी। फिर रात को 11:30 बजे के करीब चिट्ठी मिली कि अपनी 1000 बसों को लखनऊ पहुंचा दीजिये। कल सुबह 10 बजे। हमने कहा हमारी बसें ख़ाली दिल्ली से लखनऊ जायेंगी। इन बसों का मक़सद ही था कि एनसीआर ग़ाजियाबाद और नोएडा से श्रमिको को बिठाकर उनके गांव तक पहुंचाया जाये। उन्होंने कहा कि लखनऊ तक खाली बसों का चलना तो पूरे मक़सद को ही ख़त्म कर देता है। हमने सुझाव दिया कि ग़ाजियाबाद, नोएडा में बसें तैयार रखेंगे आप परमिट दे दीजिएगा। इसके बाद राजनीति का सिलसिला शुरु हुआ कि लिस्ट ग़लत दे रहे हैं। चालक-परिचालक का नाम ग़लत है। मैं सरकार पर कोई सवाल नहीं करना चाहती। अगर कुछ चालक-परिचालक का नाम गाड़ियों की गलत लिस्टिंग हुई है, तो आप भेज दीजिये, हम दूसरी लिस्ट भेज देंगे।

यदि 17 तारीख़ को हमारी 500 बसों को अनुमति मिल जाती तो 20 हजार लोग घर पहुँच सकते थे। कल 900 लगी थी, 500 यूपी-राजस्थान के बॉर्डर पे और ग़ाज़ियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पे। यदि अनुमति मिलती तो कल 36 हज़ार और आज 36 हज़ार लोग अपने घर पहुँच जाते। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जिन पॉइंटस में बसें लगाने को कहा था वहां तक बसें पहुंचने ही नहीं दी गई। बसें खड़ी रही, आज भी खड़ी रहीं। बसें 4 बजे तक खड़ी रहीं। आपको इस्तेमाल करना है तो कर लेते। आप अनुमति दीजिए। आपको भाजपा के झण्डे लगाने है, भाजपा के स्टिकर लगाना है, तो बेशक लगाइये, आपको इन्हें अपनी बसें कहना है तब भी आप बसें लगाइये। इन बसों को चलने दीजिये।  जब तक  राजनीतिक बयानबाजी करते तब तक हजारों लोग घर पहुंच जाते। वही लोग आज तमाम मुसीबतों को झेलकर पैदल चल रहे हैं। उन्होंने कहा  कि बसों के वापस लौटने से वो बहुत दुःखी है।

इस प्रकरण के बाद अब कांग्रेस ख़ासकर प्रियंका गांधी वाड्रा योगी सरकार से आर-पार के मूड में हैं।उनके प्रदेश अध्यक्ष समेत कई नेता जेल भेज दिए गए हैं। कांग्रेस का दावा है वो पीछे नही हटेंगे। लॉकडाऊन के चलते 50 हजार कार्यकर्ता आज डिजिटल प्लेटफार्म से 1 बजे लाइव होंगे और बस मामले में योगी सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करेंगे।

ख़ास बात यह है आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का शहादत दिवस है और प्रियंका गांधी उनकी बेटी है। प्रियंका ने ऐलान किया है कि आज इस दिन को राज्य सरकार के दमन के ख़िलाफ़ लोगो को जागरूक करके और मजदूरों की मदद के तौर पर बनाया जाए।