सीमांचल से नेहाल अहमद । TwoCircles.net
कांटे की टक्कर के साथ बिहार विधानसभा चुनाव-2020 परिणाम के बीच असदुद्दीन ओवैसी नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने दमदार एंट्री की है। ।मजलिस के पांच प्रत्याशियों ने चुनाव जीत लिया है। इसके औपचारिक घोषणा होना बाकी है मगर यह तय हो गया है।
आज का दिन ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लमीन (AIMIM) और इसके मुखिया बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी के लिए बेहद ख़ास बन गया है। वो 24 सीटों पर चुनाव लड़ रहे थे।
उनको यह कामयाबी बिहार सीमांचल इलाके में मिली है। यह इलाका मुस्लिम बहुल हैं। लोकसभा क्षेत्र(10) में कुल 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं जिसमें अमौर(56) और बायसी(57) पूर्णिया ज़िले में पड़ता है।
किशनगंज के बहादुरगंज विधानसभा (52) से मजलिस के उम्मीदवार मोहम्मद अंज़ार नईमी (40,071 वोट) ने सीधी टक्कर में एनडीए की वीआईपी से उम्मीदवार लखन लाल पंडित(26,422 वोट) को 13,649 वोट से हरा दिया गया है। वर्ष 2005 से लगातार स्थानीय कांग्रेस विधायक मोहम्मद तौसिफ आलम (सिटिंग) को बेहद कम वोट आया है। बहादुरगंज की जनता बदलाव की बात कर रही थी जिसमें अक्सर लोग कामयाब रहे।
कोचाधामन विधानसभा(55) से AIMIM उम्मीदवार मोहम्मद इज़हार असफी( 52,380 वोट) ने सिटिंग विधायक मास्टर मुजाहिद आलम जदयू/एनडीए (24,838 वोट) को बारी अंतर 27,542 वोट से हराया है। कई वजहों में महत्वपूर्ण वजह पार्टी की भी है। पार्टी की वजह से मुजाहिद साहब को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।
हालांकि किशनगंज विधानसभा(54) से उपचुनाव में जीते सिटिंग विधायक कमरुल होदा (17,989 वोट) को कांग्रेस के इज़हरुल हुसैन (36,000+ वोट) ने 19,000+ वोटों के अंतर से हराया है। किशनगंज के किशनगंज विधानसभा से ये मजलिस के लिए निराश करने वाली ख़बर है।
पूर्णिया ज़िले में किशनगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अमौर विधानसभा(56) से मजलिस के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान(51,925 वोट) ने जदयू एनडीए के सबा ज़फर(23,301 वोट) को कुल 28,624 वोटों के अंतर से हराया है।
पूर्णिया ज़िले में ही किशनगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के बाइसी विधानसभा(57) से सय्यद रुकनुद्दीन अहमद (50,673 वोट) ने बीजेपी के विनोद कुमार(46,352 वोट) को सीधी टक्कर में 4,321 वोटों के अंतर से हराया है।
सीमांचल के अररिया ज़िले में स्थित जोकीहाट विधानसभा(50) में AIMIM के मोहम्मद शाहनवाज़ (59,523 वोट) ने राजद की टिकट से अपने भाई सरफ़राज़ आलम(51,980 वोट) को कुल 7,543 वोटों के अंतर से हराया है।
सीमांचल वो इलाका है जो नेपाल और मगरिबी बंगाल की सरहद से लगता हुआ शुमाल मशरिक (पूर्वोत्तर) भारत से जुड़ता है, सियासी समीकरण के लिहाज से ये इसलिये अहम है क्योंकि यहां के चार जिलों पूर्णियां में 35 फीसदी, कटिहार में 45 फीसदी, अररिया में 51 फीसदी और किशनगंज में 70 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं.
इस चुनाव परिणाम के बाद कांटे की टक्कर के बीच सीमांचल ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में ओवैसी के कद को बढ़ गया है और सरकार के गठजोड़ में अब उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। जिससे किसी को भी इंकार कर पाना मुश्किल होगा।