बिहार चुनाव में पढ़िए दानिश्वर मुस्लिम नोजवानों की ‘राय ‘ !

असद शेख़, Twocircles.net के लिए 

बिहार में मुसलमानो के मन मे क्या चल रहा है ! यह बात युवाओं से बेहतर कौन जान सकता है ! ख़ासकर इन दानिश्वर नोजवानों से बेहतर तो कोई और शायद ही ! टीसीएन के एक जैसे सवालों पर इन बिहार के चर्चित मुस्लिम चेहरों की राय जान लीजिए।


Support TwoCircles

आप बिहार में किसे वोट देंगे और क्यों वोट देंगे और आपके मुद्दे क्या है ?

सय्यद इरफ़ान , इंजीनियर 

 बिहार के मुस्लिम युवा का मुद्दा है,विकास,शिक्षा और रोज़गार जिसको लेकर बीते कई सालों से काम होता नजर नही आया है,यही सबसे बड़ी वजह है की आज बिहार के लोग सबसे पीछे नज़र आते हैं,लालू यादव ने मुस्लिमों को पिछड़ों को आवाज़ दी,लेकिन शिक्षा और रोज़गार को लेकर काम नही किया है जैसा की होना चाहिए था |

हम लोग (मुसलमान ) सिर्फ भाजपा को हराने के लिए नही है,हमारी राजनितिक समझ है,हम अपने मुद्दे और समझ के आधार पर वोट देंगे,क्यूंकि राजद और जदयू हो सभी ने सिर्फ ऊपरी तौर पर मिठास दिखाई है अंदर से सब कमज़ोर नजर आते हैं,रही बात वोट की तो मैं एक ऐसे उम्मीदवार को वोट दूंगा जो मेरे क्षेत्र को विकासशील बनाएगा,क्यूंकि हम रोज़गार और पढाई के लिए अपने बिहार से बाहर जाना नही है ये सब कुछ बिहार में ही मुहय्या होना चाहिए जो हमारा संवैधानिक अधिकार भी है।

Syed Irfan

जीशान शफीक ,छात्र ,जामिया 

लालू जी या नीतीश जी चाहे कोई भी हो सभी ने काम से ज्यादा दिखावा किया है,लेकिन हाँ जब नीतीश जी सत्ता में आये थे तब उन्होंने अच्छा काम किया था लेकिन जैसे जैसे वक़्त बदलता रहा नीतीश जी ने भी वही लाइन बदली जैसे राजनेता बदलते हैं |

लालू यादव जी ने हमेशा मुसलमानों को आवाज़ दी उनके हक की बात की उनके लिए काम किया और उनके लिए हमेशा बात भी की लेकिन हाँ वो उसे मैनेज बिलकुल भी नही कर पाए हैं,यही वजह हैं की वो पिछड़ गये हैं उनका संगठन भी कमज़ोर हुआ है,और अब रही बात तेजस्वी की तो तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव में ज़मीन आसमान का फर्क है। एक और बात मुख्यमंत्री के तौर पर लोग अलग अलग राय दे रहे हैं तो मैं भी अपनी राय दे देता हूँ मै मुख्यमंत्री के तौर पर अब्दुल बारी सिद्दीकी साहब को देखना चाहता हूँ क्यूंकि वो क़ाबिल है और उन्होंने काम किया है ,अब आप कहेंगे की वो मुसलमान है तो क्यों सिर्फ मुसलमान वोट देने के लिए है ? आप उसे रिप्रेजेंटेशन क्यूँ नही दे सकते हैं ?

Zeeshan Shafiq

मुदस्सर नज़र ,छात्र ,किशनगंज 

 मैं उम्मीदवार के तौर पर विधायक मुजाहिद आलम को वोट देना चाहता हूँ लेकिन उनका नेतृत्व मुझे जामिया का छात्र होते हुए ऐसा करने से रोकता है,और ओवैसी की पार्टी मीम को वोट देना चाहता हूँ क्यूंकि ओवैसी को देख कर लगता है की ये शख्स मेरी आवाज़ संसद में उठा सकता है,सीमांचल में युवा ओवैसी को लेकर बहुत उत्साहित है और मैं समझता हूँ ओवैसी को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं |

वहीँ मुख्यमंत्री के तौर पर मुझे कोई भी लीडर मजबूत नजर नही आता है,क्यूंकि कोई भी दमदार छवि का नेता फिलहाल नजर नही आता है,हाँ मैं किसे वोट करूंगा ये अभी मैंने  नही किया है लेकिन मैं अपना वोट बहुत समझदारी से और सोच समझ कर देने वाला हूँ |

Mudasar Najar

 असद अशरफ – पत्रकार, आरा 

हम लोग (मुसलमान ) भाजपा को हराने के नाम पर उसके डर के नाम वोट नही देंगे क्यूंकि हमारे अपने मुद्दे हैं,अपनी डिमांड हैं हम क्यों सिर्फ भाजपा को हराने के नाम पर वोट करेंगे,हमें भाजपा को नही हराना है वो हारे या जीते इस बात की कोशिश राजद करे ये उनकी ज़िम्मेदारी सबसे ज्यादा है,ये कोई धारणा नही है की कोई अल्टरनेट नही है अगर कोई अल्टरनेट नही होगा तो हममे से लोग खुद चुनाव लड़ेंगे लेकिन ऐसा नही है की कोई ऑप्शन नही है |

दूसरी और अहम बात ये है की हमारे लिए कोई भी राजनीतिक दल अछूत नही है मुसलमान राजद को भी वोट देगा,जदयू को भी वोट देगा और बहुत ज़िम्मेदारी के साथ मैं आपसे कह रहा हूँ वो ओवैसी को भी वोट देगा,क्यूंकि हर बार सबके अपने मुद्दे होते हैं,पसंद होती है और पसंद ओवैसी भी हो सकते हैं |

अब रही ये बात की मैं किसे वोट दूंगा तो वो कोई भी हो सकता है वो नीतीश भी हो सकते हैं अगर वो हमारे मुद्दे हमारे व्यू और हमारी पसंद को लेकर काम करते हैं तो,बस यही मांग हमारी हर एक राजनीतिक दल से भी रही है |

Asasd Ashraf

सैफुल इस्लाम -छात्र जामिया, सीमांचल 

बिहार में हमारे लिए मुद्दा है की यहाँ शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होना चाहिए,आज बिहार जैसे बड़े राज्य में सिर्फ एक पटना यूनिवर्सिटी है तीन साल की डिग्री तीन साल में पूरी होती है इसके अलावा बाकि सभी जगह इसमें 5 साल लग जाते हैं आखिर ऐसे कैसे चल सकता है,जहाँ तीन साल डिग्री में तीन से पांच साल लग रहे हैं तो वहां तरक्की कैसे होगी ? यहाँ बिहार प्रशासनिक सेवा का रिज़ल्ट दो साल में आता है जब तक तक उम्र निकल जाती है और युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है

मेरा ये मानना है की क्षेत्रीय पार्टी सत्ता में आनी चाहिए,चाहे वो जदयू हो या राजद क्यूंकि क्षेत्रीय दल ही राज्यों को समझ पाता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जो समस्याओं को समझ ही नही पा रही है |

अब अगर अपनी विधानसभा की बात करूं तो ध्यान में ये आता है की अगर राजद ने यहाँ से सरफराज आलम को उम्मीदवार नही बनाया होता तो शायद राजद यहाँ फाइट में होती क्यूंकि तब ये हो सकता था की यहाँ ओवैसी का गठबंधन जोकीहाट सीट जीत जाती,लेकिन वो तब होता जब मीम (मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन) शिक्षा और क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर आवाज़ उठाती और 2019 के बाद से लगातार ज़मीनी स्तर पर मेहनत भी करती लेकिन ऐसा हुआ हुआ नही है उन्होंने ज़मीनी काम नही किये है और अगर वो ऐसा कोई ज़मीनी आंदोलन खड़ा नही कर पाई है यही वजह है की आज ओवैसी की पार्टी मज़बूत नही हुई पाई है जितना उसे होना चाहिए था |

Saiful Islam
SUPPORT TWOCIRCLES HELP SUPPORT INDEPENDENT AND NON-PROFIT MEDIA. DONATE HERE