एएमयू के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी रिहा

Sharjeel Usmani

नेहाल अहमद | Twocircles.net 

अलीगढ़ सत्र न्यायालय ने पिछले साल 15 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) विरोध प्रदर्शन से संबंधित चार केस के मामलों में 9 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा आजमगढ़ से गिरफ्तार किए गए एएमयू के पूर्व छात्र सह मुस्लिम एक्टिविस्ट  शारजील उस्मानी को 1 सितंबर की रात जमानत दे दी ।

शरजील उस्मानी ने मंगलवार को जेल से बाहर निकलते हुए कहा कि, “मैं उन सभी लोगों के प्रति अपने दिल की गहराईयों से शुक्रिया अदा करता हूं जो मेरे लिए सबसे मुश्किल समय में मेरे साथ खड़े रहे ।” उन्होंने कहा, “पिछले दो महीनों के बाद आज़ाद होने का यह पल बहुत अच्छा लगा” ।


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इसे शरजील उस्मानी के भाई अरीब उस्मानी (@Areebusmani8) ने  ट्वीट  कर बताया उन्होंने लिखा “अल्हम्दुलिल्लाह, शारजील भाई अलीगढ़ जेल से रिहा होकर अपने घर सुरक्षित पहुंच गये हैं । अल्लाह उन्हें खुश रखे और उनकी कुर्बानी स्वीकार करें । अल्लाह हमारे सभी भाइयों और बहनों की हिफाज़त करे जो अभी भी अन्यायपूर्ण तरीके से कैद में हैं । वो जल्दी रिहा हों “।

शरजील उस्मानी मुस्लिम विरोधी कानून सीएए एनआरसी एनपीआर का विरोध भाजपा के मुखर आलोचक के रूप में कथित रूप से हिंदू राष्ट्र की अवधारणा के विरुद्ध प्रदर्शनों की अगुआई कई वर्षों से करते आ रहे हैं. उस्मानी एक स्वतंत्र शोधकर्ता हैं ।

इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स वाचडॉग्स, एमनेस्टी इंटरनेशनल, पत्रकार और मानवाधिकार वाच तथा नागरिक समाज समूहों के संरक्षण के लिए गठित कमिटी,  संघों, छात्र संगठनों तथा देश भर के फिल्म निर्माताओं व अन्य ने शरजील उस्मानी तथा सीएए विरोधी कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए विभिन्न वक्तव्य जारी किए थे जिन्हें ‘हिंदू राष्ट्रवादी सरकार ने मुस्लिम विरोधी कानूनों के विरोध में’ तथा सरकार द्वारा लगाये ग़लत आरोप में गिरफ्तार किया गया था ।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने शरजील उस्मानी के ज़मानत के संबंध में TwoCircles.net से बात करते हुए कहा कि ” सरकार विरोध के स्वर को रोकने की कोशिश कर रही है । छात्र कार्यकर्ता शरजील उस्मानी की हालिया गिरफ्तारी वर्तमान सरकार की अधिनायकवादी प्रवृत्ति को प्रकट करती है । उस्मानी मुसलमान युवक हैं । इस्लामोफोबिया के बढ़ते और भारतीय मुसलमानों के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ आवाज उठाते आ रहे हैं । वे भारत में मुसलमानों के ऐतिहासिक और क्रमबद्ध दमन से चिंतित रहे हैं । राज्य की मशीनरी ने, खासकर युवा मुस्लिम कार्यकर्ताओं के विरुद्ध, जो कि सीएए विरोधी विरोध के साथ जुड़े रहे हैं, इन गिरफ्तारियों को प्राथमिकता दी गई है. नागरिक समाज में वाक्पटु स्वर आता है और छात्र समुदाय देश में उभरती तानाशाह के लिए सबसे बड़ा खतरा है । शरजील उस्मानी की तरह की गिरफ्तारियों का जोरदार विरोध किया जाना चाहिए और वैसे विचारधारा के लोग जो वर्तमान में  जेलों में बंद हैं, वे सभी गिरफ़्तारियों की तत्काल रिहाई की मांग शुरू की जानी चाहिए” ।

शरजील उस्मानी से पहले कई सीएए कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई है इनमें शारजील इमाम, सफ़ुरा ज़रगर , उमर खालिद, आसिफ़ इक़बाल तनहा, चंद्रशेखर रावण और मीरान हैदर सहित जैसे नाम शामिल है। छात्र इसे सरकार की दमनकारी नीति मान रहे हैं ।

कुछ घण्टों पहले ही शरजील उस्मानी के अलावा कफ़ील खान, देवांगना कलिता और एएमयू छात्र नेता फ़रहान ज़ुबेरी की ज़मानत हो चुकी है. देश भर के अमन पसंद लोग मिरान हैदर, गुलफिशा फ़ातिमा,आसिफ़ इक़बाल तन्हा, शरजील इमाम व अन्य की रिहाई की राह देख रहे हैं।

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