स्टाफ़ रिपोर्टर।twocircles.net
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में पुलिस की पिटाई से एक दलित युवक की मौत का मामला सामने आया है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर पिटाई और प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। वहीं पुलिस ने पिटाई के आरोपों से इंकार किया है। अभी हाल ही में आजमगढ़ के एक युवक की भी अंबेडकरनगर में पुलिस कस्टडी में मृत्यु का मामला सामने आया था।
जानकारी के अनुसार अंबेडकरनगर के टाण्डा थाना क्षेत्र के कोडरा गांव निवासी निरंजन के 45 वर्षीय पुत्र चन्दन को पुलिस ने 24 मार्च को टाण्डा थाने एक दर्ज मामले में गिरफ्तार किया था, इस दौरान पुलिस ने शांतिभंग का चालान करते हुए चन्दन को 26 मार्च को जमानत देकर छोड़ दिया था। पुलिस हिरासत से छूटने के बाद 28 मार्च को चन्दन की अचानक हालत गंभीर हो गई। हालत गंभीर होते देख परिजन चन्दन को अस्पताल ले जा रहे थे कि रास्ते में ही चन्दन की मृत्यु हो गई।
चन्दन की पत्नी उर्मिला के अनुसार उर्मिला के अनुसार घर आने के बाद पति चन्दन ने बताया था कि पुलिस ने हिरासत में उसकी पिटाई की है। परिजनों के अनुसार चन्दन के शरीर पर काफी गहरी चोट के निशान थे। परिजनों के मुताबिक टाण्डा कोतवाली की पुलिस ने पकड़ने के बाद दलाल अजय चौरसिया के माध्यम से छोड़ने के लिए 32 हज़ार रुपए रिश्वत भी ली थी।
मृतक चन्दन की पत्नी उर्मिला का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसके पति को गंभीर चोटे आई थीं, जिसकी वज़ह से उसके पति की हालत अचानक बिगड़ गई और अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गई। उर्मिला ने दो दिन तक थाने में पिटाई और प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने हेतु थाने में तहरीर दी है।
वहीं इस मामले में पुलिस ने पिटाई के आरोपों से किया इनकार किया है। इस मामले में पुलिस का कहना हैं कि टांडा कोतवाली में दर्ज एक मुकदमे में पुलिस ने चन्दन 26 मार्च को गिरफ्तार किया था। 26 मार्च को शांतिभंग का चालान करने से पहले पुलिस ने सीएचसी में स्वास्थ परिक्षण भी कराया था जिसमें कोई भी चोट का जिक्र नहीं है। पुलिस का कहना हैं कि जमानत से आने के बाद चन्दन ने गांव में एक भोज मे खाना खाया था था। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई और मौत हो गई। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम में किसी प्रकार की चोट आदि नहीं पाई गई है।