स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० फज़ल करीम का बुधवार को राज्य की राजधानी, लखनऊ में निधन हो गया। उनकी मौत से चिकित्सा जगत और साथ ही उनके चाहने वालों को एक बड़ा सदमा लगा है। वो कई दिनों से कोरोना से ग्रस्त थे। हाल ही में हुए ब्रेन स्ट्रोक के कारण उनकी हालत और गंभीर हो गई थी। तब से सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी भलाई के लिए प्रार्थना की जा रही थी।
कोरोना वायरस उत्तर प्रदेश में अपना पूरा कहर बरपा रहा है। बुधवार को राज्य में कोरोना संक्रमण से हुए 266 मौतों में एक लखनऊ के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० फज़ल करीम भी शामिल थें। जिन्होंने कोरोना से एक लंबी लड़ाई लड़ते हुए अपना जीवन खो दिया। उनकी मृत्यु बुधवार की सुबह एरा के लखनऊ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (ईएलएमसीएच) में हुई। डॉ० करीम उसी एरा मेडिकल कॉलेज के हृदय विभाग के प्रमुख थे और 9 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित हुए थे। 4 दिनों पहले हुए ब्रेन स्ट्रोक के बाद उनकी तबीयत काफी गंभीर हो गई थी।
उनके पीछे उनकी बूढ़ी मां, बीवी और तीन बच्चे रह गए हैं। जिनमें से दो बच्चों की उम्र मात्र 8 महीनों से भी कम है।
डॉ० करीम सिर्फ एक अच्छे हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में ही नही, बल्कि एक महान इंसान के तौर पर भी जाने जाते थें। हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की मदद को तैयार रहने वाले डॉक्टर करीम ने अपना एमबीबीएस अलीगढ़ के एएमयू जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से किया था। और पीजीआई चंडीगढ़ से अपनी एमडी और डीएम कार्डियोलॉजी की पढ़ाई पूरी कर रखी थी। डॉ० करीम 2015 से एरा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से जुड़े हुए थें।
एरा विश्वविद्यालय के प्रो कुलपति, मीसम अली खान ने डॉ० करीम के निधन को काफी दुखदायक बताया, उन्होंने कहा, “डॉ० फज़ल हमारे लिए एक परिवार की तरह थे और उनकी मृत्यु मानव जाति के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। इस अवसर पर, हम जरूरतमंद और गरीब मरीजों की सेवा करने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं, हमारी सेवा ही, हम सभी की ओर से इस महान आत्मा को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
46 वर्ष की आयु में डॉ० फज़ल करीम ने चिकित्सा विशेषज्ञों की दुनिया में अपना काफी नाम कमाया था और एक अलग पहचान बनाई थी। एरा विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने डॉ० फजल की मौत पर शोक व्यक्त किया है।
इएलएमसीएच के प्रिंसिपल, डॉ० फरीदी ने अपना दुख ज़ाहिर करते हुए मीडिया को बताया, “डॉ० करीम शुरुआत के दिनों में घर मे ही आइसोलेशन में रहकर अपने स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे थें। बाद में हमने उन्हें 16 अप्रैल को अस्पताल भर्ती कराया था, लेकिन बुधवार की सुबह कोविड -19 और संबद्ध जटिलताओं के चलते उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें पहले से ही क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) था।” फरीदी ने बताया कि संपूर्ण चिकित्सा समुदाय को डॉ० करीम के निधन के कारण बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, “डॉ० करीम दिन या रात की परवाह किए बगैर किसी भी समय अपने रोगियों के लिए हमेशा उपलब्ध रहा करते थें। वो अन्य कार्डियोलॉजिस्टो के साथ लगभग 24 घंटे की ड्यूटी पर थें। यह हम सभी के लिए ये एक अपूरणीय क्षति है।”
ट्विटर पर भी उनकी मौत की खबर के बाद यूजरों द्वारा उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी गई। एक ने लिखा, ” #शहादत
डॉक्टर फज़ल करीम (एमबीबीएस. एमडी) चीफ़ कार्डियोलॉजिस्ट, एरा मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ, कोरोना से जंग हार गए!! इस नूरानी चेहरे को हमेशा याद रखने की ज़रूरत है। अल्लाह जन्नत अता फरमाए और घर वालो को सब्र अता फरमाए, आमीन”
फ़ज़ल करीम बिहार के पटना के रहने वाले थे। फ़ज़ल करीम ने एमबीबीएस की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से करी। डॉ फ़ज़ल ने जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से ही एमडी की पढ़ाई करी। फिर आगे की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ पीजीआई का रुख किया। फ़ज़ल करीम ने एरा मेडिकल कॉलेज 2015 में एक कार्डियोलॉजिस्ट के तौर पर ज्वाइंन किया था और वर्तमान में एरा मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विभाग के प्रमुख के तौर पर काम कर रहे थे। उनके परिवार में उनकी मां और पत्नी के अलावा उनके तीन बच्चे भी हैं।
एरा मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के छात्र शावेज़ ने Two circles.net से बात करते हुए कहा कि डॉ फ़ज़ल करीम एक बेहद ईमानदार, दयालु और काबिल व्यक्ति थे। अपने पेशे के प्रति वो हमेशा ईमानदार रहते थे। डॉ फ़ज़ल एक काबिल कार्डियोलॉजिस्ट थे और अब ऐसा दूसरा कार्डियोलॉजिस्ट ढूंढना मुश्किल है। वे एरा के कर्मचारियों, छात्रों और मरीजों को अपने परिवार की तरह समझते और मानते थे।