विशेष संवाददाता।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुल देने वाली घटना सामने आई है। यूपी के कौशांबी में दो दिन की नवजात की अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण मौत का मामला सामने आया है। नवजात की मृत्यु के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा और न्याय की मांग करते हुए अस्पताल के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी हैं और साथ ही सीएमएस ने लापरवाही करने वाले स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की बात कहीं हैं।
यूपी के फतेहपुर ज़िले के खखरेड़ू थाना क्षेत्र के हरिश्चंद्रपुर गांव के रहने वाले मोहम्मद जावेद की पत्नी महेलिका को शुक्रवार को प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उसे कौशांबी के मंझनपुर सरकारी अस्पताल लेकर आए। अस्पताल में डिलेवरी से नवजात शिशु हुआ था। शनिवार को डिलेवरी के बाद नवजात शिशु अपनी माता का दूध नही पी रहा था जिसके कारण डॉक्टर ने शिशु को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करा दिया।
डॉक्टर ने नवजात को वॉर्मर मशीन के हीटिंग पैड पर रखा था। अगले दिन रविवार सुबह जब नवजात शिशु की नानी बच्चे को देखने पहुंची तो वो ठीक था। उन्होंने वहां मौजूद अस्पताल स्टाफ से नवजात को देखने को बोला, लेकिन स्टाफ अपने मोबाइल फोन में व्यस्त था, परिजनों द्वारा टोकने के बावजूद स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया और मोबाइल फोन में व्यस्त रहा। परिजनों का आरोप है कि एसएनसीयू वार्ड में मौजूद स्टाफ बच्चे की देखभाल ठीक से नहीं कर रहा था।
लगभग एक घंटा बीतने के बाद जब परिजन नवजात शिशु को देखने पहुंचे तो देखकर हक्का बक्का रह गए। बच्चे के शरीर से धुआं निकल रहा था, उसका बदन फट गया था और उसका छाती और पेट जलकर राख हो गया था। बच्चे की ऐसी हालत देख परिजन चीखने चिल्लाने लगे। चीखने चिल्लाने की आवाज सुन स्टाफ ने बच्चें को देखा तो बच्चे की सांसे थम चुकीं थीं।
दो दिन की नवजात शिशु के परिजनों का आरोप है कि स्टाफ अपने मोबाइल में ही व्यस्त रहा और उन्होंने ध्यान नहीं दिया, जिससे एसएनसीयू वार्ड के वार्मर में हीटिंग पैड ज्यादा गर्म हो गया, जिसके कारण बच्चे के शरीर में आग लग गई। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि एसएनसीयू वार्ड का स्टाफ बच्चों की सही से देखभाल भी नहीं कर रहा था। परिजनों का कहना है बच्चे को हीटिंग पैड लगाकर स्टाफ नदारद हो गया था।
परिजनों ने नवजात की मौत के बाद अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया। नवजात शिशु के पिता जावेद ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों और मंझनपुर पुलिस को इस मामले की शिकायत करी। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर मामले की अस्पताल स्टाफ के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी है।
नवजात के पिता जावेद ने पुलिस को दी तहरीर में अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। तहरीर में कहा है कि स्टाफ़ ने शिशु को हिटिंग पैड पर रखा था।अस्पताल के एसएनसीयू स्टाफ़ बाहर घूम रहे थे और मोबाइल पर मस्त थे, जिसके चलते बच्चे की मौत हुई है।
तहरीर में यह भी कहा हैं कि अस्पताल का स्टाफ पैसे लेकर ही काम कर रहा था। डिलेवरी के बाद ही 4 हज़ार रुपए लिए थे। उसके बाद भी पैसो की डिमांड होती रहती थी।
परिजनों का यह भी कहना हैं कि घटना होने के बाद अस्पताल के डाक्टरों और स्टाफ ने माफ़ी भी मांगी थी। नवजात के पिता मोहम्मद जावेद ने कहा कि अस्पताल ने लापरवाही कर बच्चे को जला कर मार दिया। अब कह रहे है कि माफ़ कर दो, हमें इंसाफ़ चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ग़रीबो को अच्छी हेल्थ सर्विस मिले इसके लिये करोड़ो ख़र्च कर रही हैं, लेकिन अस्पताल वाले उतनी ही लापरवाही से अपना काम कर रहे हैैं।
मामले को कौशांबी के जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने भी संज्ञान में लिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी केसी राय को पूरे प्रकरण की जांच कराने का निर्देश दिया है। डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने अपने स्तर से भी जांच शुरू कर दी हैं। अस्पताल के सीएमएस दीपक सेठ का कहना है कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी।
इस अमानवीय घटना से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। उत्तर प्रदेश में यह कोई पहला मामला नहीं है जब अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण किसी की मृत्यु हुई हो। इस तरह की घटना प्रदेश में लगभग रोज़ होती हैं, लेकिन ज़्यादातर मामले दब कर रह जाते हैं या अस्पताल प्रशासन द्वारा दबा दिए जाते हैं।