स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net
शायर मुनव्वर राणा एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। लखनऊ में मुनव्वर राणा पर उनके एक विवादित बयान को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया हैं। हाल ही में मुनव्वर राणा ने अपने बयान में रामायण के रचयिता महार्षि वाल्मिकी की तुलना तालिबान से करी थी। अखिल भारत हिंदू महासभा और सामाजिक सरोकार फाउंडेशन ने उनके इस बयान पर आपत्ति जताते हुए हज़रतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाने हेतु तहरीर दी थी। हज़रतगंज पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के अलावा कई अन्य गंभीर धाराओं में शायर राणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
मशहूर शायर मुनव्वर कुछ दिनों से अफगानिस्तान-तालिबान को लेकर चर्चा में बने हुए थे। मुनव्वर राणा ने एक टीवी चैनल में बयान देते हुए कहा था कि हिंदुस्तान को तो अब भी अफ़गानिस्तान से नहीं, बल्कि पाकिस्तान से डरने की जरूरत है। तालिबानियों का कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा था कि वाल्मीकि जी पहले क्या थे और बाद में क्या हो गए। तालिबानी भी पहले से बदल चुके हैं। अब पहले जैसा माहौल नहीं है। शायर राना ने बामियान में तालिबानियों के बुद्ध की मूर्तियों को नष्ट करने पर कहा कि भारत में तो राम मंदिर बनाने के लिए मस्जिद तोड़ दिया, आप उसे क्या कहिएगा, क्या यह पवित्र कार्य था।
मुनव्वर राणा के इस बयान पर अखिल भारत हिंदू महासभा, सामाजिक सरोकार फाउंडेशन , डॉ अंबेडकर महासभा ट्रस्ट ने आपत्ति दर्ज करवाते हुए हज़रतगंज कोतवाली में मुनव्वर राणा के खिलाफ तहरीर दी थी। पुलिस को दी गई तहरीर में कहा गया है कि शायर मुनव्वर राणा ने भगवान बाल्मिकी की तुलना तालिबानियों से की है। हिंदू आस्था व दलितों का अपमान है। महर्षि बाल्मिकी न केवल पवित्र ग्रंथ रामायण के रचनाकार थे बल्कि उन्हें हिंदू भगवान मानकर पूजा करते हैं। मुनव्वर राणा के बयान से धार्मिक भावना आहत हुई है और संप्रदाय वर्गों में जाति विद्धेश व कटुता फैली है। उनके बयान से दलित समाज के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
अखिल भारत हिंदू महासभा और सामाजिक सरोकार फाउंडेशन की तहरीर के आधार पर हज़रतगंज कोतवाली पुलिस ने मुनव्वर राणा के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा 153-ए, धारा 295-ए और धारा 505 (1)-बी के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं। शुक्रवार देर शाम मुनव्वर राणा पर धार्मिक भावनाएं भड़काने, शांति भंग, एससी-एसटी एक्ट के तहत मामले को दर्ज किया गया हैं।
हालांकि मुनव्वर राणा इससे पहले भी कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में आ चुके हैं। हाल में ही उनके बेटे पर भी एफआईआर हुई थी। उनके बेटे तबरेज ने अपने चाचाओं को फर्जी मामले में फंसाने के लिए खुद पर हमला करवाया था। हालांकि, बाद में पुलिस ने इस साजिश की पोल खोल दी थी। तालिबान- अफगानिस्तान पर बायानबाज़ी को लेकर इससे पहले संभल सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क समेत दो अन्य के खिलाफ देशद्रोह समेत कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।