जामिया में पूछा गया आपत्तिजनक सवाल,नाराज़गी

आकिल हुसैन।Twocircles.net

दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन को लेकर प्रवेश परीक्षा चल रही है। इसी बीच जामिया मिल्लिया इस्लामिया की प्रवेश परीक्षा में पूछे गए एक सवाल को लेकर बवाल खड़ा हो गया हैं। इस्लाम धर्म से संबंधित एक जगह के बारे में पूछे गए सवाल पर विवाद उत्पन्न हुआ हैं। छात्र संगठन स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन ने एंट्रेंस परीक्षा के इस सवाल पर आपत्ति दर्ज करवाते हुए पेपर से सवाल को हटाने की मांग करी हैं।


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जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में बुधवार को बी०ए० मनोविज्ञान/समाजशास्त्र/भूगोल की प्रवेश परीक्षा थी। प्रवेश पत्र के सवाल नंबर 17 में जेरूसलम की स्थिति के संबंध में एक प्रश्न पूछा गया था। प्रश्न था कि ‘अल-अक्सा मस्जिद कहाँ स्थित था’, बहुविकल्पी प्रश्न में फिलिस्तीन को विकल्प के रूप में प्रदान नहीं किया था। वैकल्पिक उत्तर के रूप में 3 अन्य देशों के साथ इज़राइल को प्रदान किया था।

फिलिस्तीन को विकल्प के रूप में प्रदान न करने के बजाएं इज़राइल को विकल्प प्रदान करने पर अब विवाद उत्पन्न हो गया हैं। छात्र संगठन इस सवाल को लेकर विरोध में उतर आए हैं। दरअसल अल अक्सा मस्जिद का इस्लाम धर्म में बड़ा महत्व है। मुसलमानो के तीर्थ स्थल मक्का और मदीना के बाद यही वह मस्जिद है, जिसे मुसलमान सबसे ज्यादा पवित्र मानते हैं। अल-अक्सा मस्ज़िद इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच हो रहे हिंसक झड़पों का अखाड़ा बन जाती है।

जामिया मिलिया इस्लामिया के संस्थापक मुहम्मद अली जौहर की कब्र भी जेरूसलम में स्थित है।‌ जेरूसलम को इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों अपनी राजधानी बताते है।अल-अक्सा मस्जिद पर पूछे गए सवाल में बहुविकल्पी में फिलिस्तीन को शामिल न करने पर छात्र संगठन स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन ने आपत्ति जताई है।

इस मामले में एसआईओ जामिया के सदस्य अबुल कलाम Two circles.net से कहा कि जेरूसलम फिलिस्तीन की राजधानी हैं, और जामिया के संस्थापक मोहम्मद अली जौहर वहीं पर दफन भी हैं। उन्होंने कहा कि इज़राइल एक अन्यायपूर्ण रंगभेद, उपनिवेशवादी और एक साम्राज्यवादी राज्य है। उन्होंने बताया कि एसआईओ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करी हैं कि इस प्रश्न को सभी छात्रों की प्रश्नावली से हटा दिया जाए और इसके अंक न जोड़े जाएं और साथ ही विश्वविद्यालय का परीक्षा नियंत्रण बोर्ड इसपर माफी भी मांगे।

इस मामले में छात्र संगठन फ्रेटर्निटी मूवमेंट के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राहिल माबूद ने कहा कि यह जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए बेहद शर्मनाक बात है। क्या जामिया के प्रोफेसरों को यह नहीं पता की अल-अक्सा कहां स्थित है, आखिर क्या दर्शाना चाहता है जामिया प्रशासन ? उन्होंने कहा कि जामिया की कुलपति को इस मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए और संबंधित जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की बी०ए० की प्रवेश परीक्षा देने वाले छात्र शफीकुर रहमान ने कहा कि प्रवेश परीक्षा में ऐसे सवाल को देखकर बड़ा अफसोस हुआ कि अल अक्सा मस्जिद के सवाल पर फिलिस्तीन विकल्प में शामिल नहीं था। उन्होंने कहा कि अल अक्सा मस्जिद मुसलामानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, ऐसा करके इतिहास को दिल और दिमाग से निकालने की साज़िश करी जा रहीं हैं।

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