एसडीपीआई ने मुजफ्फरनगर में किया सम्मेलन, जुटी भीड़ , सांप्रदायिक ताकतों पर साधा निशाना

निखिल जोशिया twocircles.net के लिए

मुजफ्फरनगर में आयोजित किए गए एसडीपीआई पार्टी के सम्मेलन में वक्ताओं ने देश मे फैल रही सांप्रदायिकता को लेकर चिंता जाहिर की यहां सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि वर्तमान में देश एक संक्रमण काल से गुजर रहा है देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हो गए यह स्वतंत्रता हमें जाति व धर्म की समन्वय शक्ति एवं अथिक कुर्बानियों से प्राप्त हुई है इसके बाद डॉक्टर अंबेडकर के संविधान ने देश को लोकतंत्र समाजवाद भाईचारा धार्मिक सद्भाव तथा लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना का मूल मंत्र दिया था लेकिन 2014 से देश में लोकतंत्र की मूल आत्मा और संवैधानिक मूल्यों पर कुठाराघात हुआ है सरकारों की गलत नीतियों के कारण देश का विकास अवरुद्ध हो गया है।


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पूर्व सासंद ओब्दुल्लाह आज़मी ने कहा कि देश लोकल हंगर इंडेक्स प्रेस की स्वतंत्रता सूचकांक में निचले स्तर पर पहुंच गया है। अपार प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद एक रणनीति के तहत देश को अंधकार में धकेलने का कुचक्र चल रहा है देश में फासीवादी सांप्रदायिक शक्तियों के दुष्प्रचार से सदियों से भाईचारा व सामंजस्य पूर्ण सामाजिक ताने-बाने को ध्वस्त किया जा रहा है। केंद्र सरकार फेडरल व्यवस्था को नष्ट कर रही है तथा राज्यों से उनके अधिकारों को छीन रही है। नोटबंदी, जीएसटी, महंगाई, बेरोजगारी, कृषि कानून के विरुद्ध किसान आंदोलन में हठधर्मिता, महामारी में भयंकर कुव्यवस्था ने देश की शांति, सुख और विकास को समाप्त कर दिया है।

सम्मेलन में एसडीपीआई पार्टी के अध्यक्ष एमके फ़ैज़ी ने कहा कि कोरोना महामारी में गंगा तट पर हजारों इंसानी लाशों का अनादर व अन्य मानवीय कार्यों से भेदभाव की नीति पनप रही है। सरकार की जातिगत व सांप्रदायिक बंटवारे की नीति से सांप्रदायिक सद्भाव व सौहार्दपूर्ण वातावरण विषैला होता जा रहा है साथ ही संवैधानिक संस्थाओं को पंगु बना कर उन्हें बड़े औद्योगिक घरानों के हवाले कर देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है।

यहां पहुंचे बीएम काम्बले ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार में विकास की रफ्तार धीमी ही नहीं पड़ी बल्कि अब तो दम तोड़ रही है सरकार द्वारा उसकी जन विरोधी नीतियों का विरोध करने वाली हर आवाज को ताकत से दबाने की कोशिश की जा रही है। दलितों, पिछड़ो, निर्बल व वंचित वर्ग पर जुल्म व नाइंसाफियां चरम सीमा पर हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर है उन्नाव, हाथरस, कानपुर, महोबा, लखीमपुर में किसानों का नरसंहार आदि वारदातों में लोकतंत्र को बुरी तरह रौंदा गया है।

एसडीपीआई के अनुसार उन्होंने यह सम्मेलन मदीना चौराहे पर लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक मूल्यों की सुरक्षा एवं जन जागरण हेतु आयोजित किया था। इसमें बड़ी संख्या में मदरसों से जुड़े छात्रों ने शिरकत की। सम्मेलन को उत्तर प्रदेश लोकतंत्र सम्मेलन का नाम दिया गया था। जिसमे एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय एम के फैजी, विख्यात मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सज्जाद नोमानी साहब, पूर्व राज्य सभा सांसद मौलाना ओबैदुल्लाह खान आजमी, पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद ,सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट शर्फुद्दीन अहमद , मोहम्मद शफी, बी. एम. कांबले , राष्ट्रीय महासचिव सीताराम कोहिवाल जी, यासमीन फारूकी, राष्ट्रीय सचिव अल्फांसो फ्रेंको, एस डी पी आई उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष निजामुद्दीन खान सीताराम कोइवाल, मोहम्मद कामिल ने भी संबोधित किया।

सहयोग – मोहम्मद वसीम

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