आकिल हुसैन।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक महिला के साथ निर्भया कांड जैसी घटना को फिर से दोहराने का मामला सामने आया है। 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका से गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। महिला के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के गुप्तांग में रॉड जैसी किसी चीज से हमला किया गया है जिससे उसके प्राइवेट पार्ट पर गंभीर चोटें आई है, साथ ही महिला की पसली और पैर भी तोड़ दिए गए। आंगनबाड़ी सहायिका के शरीर के अन्य हिस्सों में गम्भीर चोटें आई है। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर तीन लोगों के खिलाफ गैंगरेप के बाद हत्या का मुकदमा दर्ज किया है और पुलिस द्वारा कारवाई करते हुए एक आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है और अन्य दो की तालाश में टीमें लगाई गई है।
घटना बदायूं जिले के उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव की है। यहां गांव की एक 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका पास के गांव स्थित एक मंदिर पर रविवार की शाम को गई थी। इसके बाद वो लौट कर नहीं आई। स्थानीय लोगों के अनुसार रात करीब 12 बजे एक कार सवार और दो अन्य शख्स महिला को लहूलुहान हालात में छोड़कर भाग गए। महिला की रात में ही मौत हो गई। बताया जाता है कि इससे पहले आरोपी उसे अपनी गाड़ी से इलाज के लिए चंदौसी भी ले गया था। आरोप हैं कि मंदिर पर मौजूद महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल ने गैंगरेप की जघन्य वारदात को अंजाम दिया हैं।
सोमवार की दोपहर 18 घंटे बाद लाश पोस्टमार्टम के लिए भेजी गई। महिला डॉक्टर समेत तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। शाम को रिपोर्ट आई तो पता चला कि महिला के प्राइवेट पार्ट में गंभीर घाव थे। काफी खून भी निकल गया था। आंगनबाड़ी सहायिका पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गैंगरेप के बाद हत्या व प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसी चीज डालने की पुष्टि हुई है जिससे अंदरूनी पार्ट बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।आंगनबाड़ी सहायिका के शरीर पर चोट के गम्भीर निशान भी मिले हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पसली,पैर फेंफड़े भी डैमेज हुए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट देख डाक्टर और अधिकार भी हैरत में आ गए।
रेप पीड़िता आंगनबाड़ी सहायिका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उघैती थाना पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी,लेकिन पुलिस परिजनों को गुमराह कर थाने के चक्कर कटवाती रही। परिजनो ने सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाया लेकिन उघैती थाना पुलिस ने परिजनों की फरियाद सुनना तो दूर घटनास्थल का मौका मुआयना तक नहीं किया। थाना पुलिस ने मामले को हादसे का रूप देने की कोशिश की थी। मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आने व मीडिया में आने के बाद पुलिस ने आंगनबाड़ी सहायिका के परिजनों की तहरीर दर्ज करी। बताया जा रहा है कि लापरवाही बरतने के आरोप में उघैती थाना के थानेदार को निलंबित कर दिया गया है।
बदायूं पुलिस के अनुसार महिला की मौत के मामले में हत्या और दुष्कर्म आरोप में महंत सत्यनारायण,चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल पर एफआईआर दर्ज की है। बदायूं एसएसपी ने बताया कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 376 डी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में टू सर्किल्स.नेट से बात करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र नेत्री और समाजिक कार्यकर्ता पूजा शुक्ला ने कहा ,’पूरे देश मे महिलाओ के किये असुरक्षा का माहौल है, खासकर उत्तरप्रदेश में महिलाये कही भी सुरक्षित नही है फिर चाहे वो नवजात शिशु हो या 50 साल की महिला पूरे उत्तरप्रदेश में अपराधी बलात्कारी बेखौफ घूम रहे है क्योंकि सरकार ऐसे दरिंदो को सजा की जगह संरक्षण दे रही है और उन्नाव से हाथरस और अब बदायूं इसके हाल ही के उदाहरण रहे है जहाँ सिर्फ सरकार का मुखिया ही नही पूरी कैबिनेट ऐसे दरिंदों को बचा रही है। ऐसे में सरकार यदि अपनी मानसिकता और कार्यशैली नही बदलती तो या तो महिला विहीन उत्तरप्रदेश हो जाएगा या हम महिलाओ को खुद की सुरक्षा के खुद ही अहम कदम उठाने होंगे’।