तन्वी सुमन।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के गुलावठी कस्बे में ठाकुर ब्रांड के जूते बेचने के आरोप में नासिर नाम के एक दुकानदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो गई है। इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया और बाद में रिहा भी कर दिया गया।दुकानदार के विरुद्ध जातीय वैमनस्यता फैलाने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला बनाया गया है।
यह घटना मंगलवार की है और गहरी चर्चा में है। गिरफ़्तार हुए दुकानदार नासिर का कहना है वो सिर्फ अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए जूते बेच रहा है। अगर किसी को आपत्ति है तो वो फेक्ट्री बंद करवाये। नासिर को बजरंग दल के एक नेता विशाल चौहान की शिकायत के बाद हिरासत में लिया था। सड़क किनारे जूते बेचने वाले नासिर पर अब धर्म के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और लोगों की भावनाओं को जानबुझ कर आहत कर सार्वजनिक शांति भंग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गये है। बजरंग दल के लोगों की शिकायत के अनुसार जूते बनाने वाले अज्ञात कंपनी के खिलाफ़ भी केस दर्ज हुआ है।
बुलंदशहर पुलिस ने इस मामले में ट्वीट कर बताया,”संबंधित पुलिस स्टेशन में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। नामजद आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है और जांच जारी है।“ अधिकारियों के अनुसार, भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण कार्य करने) और 324 (जानबूझकर शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। बुलंदशहर पुलिस की इसके लिए आलोचना की जा रही है।
एफआईआर में कहा गया है कि जब शिकायतकर्ता सोमवार को नासिर की सड़क के किनारे लगी दुकान पर गए, तो उन्होंने ‘ठाकुर’ शब्द के साथ एक जूता देखा। प्राथमिकी में कहा गया है कि जब शिकायतकर्ता ने इस बात पर आपत्ति जताई, तो नासिर ने कथित तौर पर उसके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट शुरू कर दी। शिकायत के आधार पर, जूता विक्रेता के खिलाफ गुलावठी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, “अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा।
हालांकि, घटना के समय का 58-सेकंड लंबा वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया था जिसमें दुकानदार के आसपास के पुरुषों के एक समूह था। वीडियो में नासिर ने कहा कि “क्या मैं इन जूतों का निर्माण कर रहा हूँ?” तभी बगल से एक आवाज़ आई जिसमें एक आदमी ने बोला, “फिर आप उन्हें यहां क्यों लाए हैं?” इस वीडियो में कहीं से भी कोई मार-पिटाई या गाली गलौज नहीं देखी गयी।
एक और 36 सेकंड की क्लिप ट्विटर पर वायरल हुई जिसमें दुकान के बाहर पुलिसकर्मी खड़े दिखाई दिए। दुकानदार को हिरासत में लेने की ख़बर पर जब लोगों ने सवाल उठाये तब पुलिस ने माना है कि कि अगर उन्होंने जूता बेचने वाले को हिरासत में नहीं लिया होता, तो बहुत सारे लोग “बुरी तरह से प्रतिक्रिया” देते। उन्होंने यहाँ तक कहा कि, पुलिस ने नियमों का पालन किया है और कृपया इसे उसी तरह से देखें।
जानकारी के मुताबिक ठाकुर फुटवियर कंपनी ने इस जूते का निर्माण किया था। यह आगरा शहर में ठाकुर शूज नाम की पुरानी और बड़ी शू कंपनी है जिसे जूता निर्माण हब के रूप में जाना जाता है। कंपनी लगभग 40 साल से परिचालन में है। इस कंपनी के जूते पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली तक बिकते हैं।