आज़म खान की तबियत फिर बिगड़ी ‘मेदान्ता’ रवाना

स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net

समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद आज़म खान की आज फिर बिगड़ गई है। उनका ऑक्सीजन लेवल गिर जाने के बाद उन्हें तत्काल मेदान्ता के लिए रवाना किया गया है। आज़म खान को 13 जुलाई को मेदान्ता अस्पताल से सीतापुर जेल में भेजा गया था। उस समय इन्ही अस्पताल से जेल भेजे जाने पर उनके परिजनों ने ऐतराज जताया था। उनकी पत्नी तंजीन फातिमा ने कहा था कि यह बिल्कुल नही किया जाना चाहिए था क्योंकि अभी वो पूरी तरह ठीक नही हुए हैं। तंजीन फातिमा ने दावा किया था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके स्वास्थ्य को गंभीरता से नही लेते हुए जानबूझकर अस्पताल से जेल भेजा है।


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समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आज़म खान सीतापुर जेल में विभिन्न आरोपों के तहत जेल में है। हाल के दिनों में उन्हें कोरोना हो गया था जिसके चलते उन्हें मेदान्ता में भर्ती कराया गया था। वहां से उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी,मगर उनके शरीर के कमजोरी बताई जा रही थी। उनके साथ उनके बेटे अब्दुल्लाह आज़म भी अस्पताल में भर्ती थे। 13 जुलाई को अब्दुल्लाह आज़म को भी सीतापुर जेल में भेजा गया था।

सीतापुर जेल की मैडीकल टीम ने आज सुबह आज़म खान के मेडिकल जांच के दौरान उनका ऑक्सीजन लेवल 88 चले जाना बताया है। आज़म खान को फिर से सांस लेने में दिक्कत हुई है। 6 दिन पहले ही उन्हें यहां लाया गया था अब उन्हें पुनः लखनऊ ले जाने की तैयारी की जा रही है।

इससे पहले 30 अप्रैल को आज़म खान की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 9 मई को उन्हें लखनऊ मेदान्ता में भर्ती कराया गया था वहां वो 13 जुलाई तक रहे और उनकी तबियत लगातार बनती-बिगड़ती रही। आज़म खान डेढ़ साल से सीतापुर जेल में बंद है यहां उन्हें फरवरी 2020 में लाया गया था। यहां इससे पहले उनकी पत्नी तंजीन फातिमा भी थी मगर उन्हें जमानत मिल गई। डॉक्टर्स की टीम ने बताया है कि उनके पुत्र अब्दुल्लाह आज़म की तबियत ठीक है और उन्हें कोई समस्या नही है। आज़म खान के विरुद्ध 80 से ज्यादा मुक़दमें दर्ज है। समाजवादी पार्टी उनपर राजनीतिक द्वेष के चलते कार्रवाई करने का आरोप लगाती रही है।

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व एमएलसी आशु मलिक ने इसे घोर आपत्तिजनक बताया है उन्होंने कहा कि आजम साहब को अस्पताल से जेल भेजना एक गलत फैसला था। समाजवादी पार्टी के लोगो ने इसका विरोध किया था वो एक सीनियर सिटीजन भी है। उनकी तबियत बिगड़ने की पूरी आशंका थी। डॉक्टरों ने उन्हें जेल में शिफ्ट करने जल्दबाजी की बात कही थी मगर भाजपा सरकार अपनी द्वेष भावना के चलते उन्हें जेल में ही शिफ्ट करना चाहती थी। नैतिकता और मानवीयता के आधार पर यह बहुत गलत था अब आज़म साहब के लिए दुआ की जरूरत है।

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