विशेष संवाददाता।Twocircles.net
हरियाणा के मेवात इलाके में मुस्लिम उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब नूंह में एक मुस्लिम युवक के साथ पुलिस कस्टडी मे उत्पीड़न और मारपीट हुई जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने युवक को आनलाइन फ्राड के आरोप में हिरासत में लिया था,जो कि फर्जी निकला। मृतक युवक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि हिरासत में पुलिस ने मारपीट करी जिससे युवक की मृत्यु हो गई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने काफ़ी दबाव के बाद मामले की एफआईआर दर्ज करी हैं।
मामला नूंह ज़िले के पुन्हाना क्षेत्र का हैं। पुन्हाना के अंतर्गत जमालगढ़ गांव का रहने वाला 24 वर्षीय जुनैद जो पेंटर का काम करता था। जुनैद 31 मई को अपने साथियों शाहिद, परवेज़,वसीम, आसिफ़ और नदीम के साथ कहीं शादी में जा रहा था तभी फरीदाबाद पुलिस की साइबर सेल ने इन पांचों को एक आनलाइन फ्राड के सिलसिले में पूछताछ के लिए जड़ौदा मोड़ से गिरफ्तार किया। शाहिद को छोड़कर बाकि चारों को पुलिस ने अगले दिन छोड़ दिया।
जुनैद के परिजनों के अनुसार जब जुनैद घर पहुंचा तो उसकी हालत बहुत गंभीर थी,वो सही से चल तक नहीं पा रहा था। जुनैद के पूरे शरीर में चोट के निशान थे। जुनैद की मां खतिज़ा के अनुसार जुनैद ने उसे बताया कि उसको पुलिसवाले रात भर मारते रहे और मारने के साथ साथ उसको धर्म के आधार पर बुरा भला कह रहे थे और उसको पुलिस वाले ‘मुल्लो’ कह कर बोल रहें थे।
जुनैद के घर आने के बाद उसकी चोटों के कारण तबियत ख़राब रहने लगी। परिजनों के अनुसार 11 जून को जुनैद की तबियत ज़्यादा बिगड़ने लगी तो होडल के अस्पताल ले जाते जाते जुनैद की मृत्यु हो गई। जुनैद की मृत्यु से गांव वाले आक्रोशित हो गए और जुनैद के शव को होडल हाईवे पर रख प्रदर्शन करने लगे और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग और जुनैद के लिए न्याय की मांग करने लगे। इसी बीच रास्ता खुलवाने पहुंची पुलिस से आक्रोशित गांव वालों की झड़प हो गई।
जुनैद की मां ख़दीजा ने आरोप लगाया है कि पूछताछ के दौरान पुलिस ने जुनैद को इस कदर पीटा की उसकी हालत गंभीर हो गई। वह चल नहीं पा रहा था। जूनैद की मां खतिजा ने यह भी कहा हैं कि पुलिस ने जुनैद को छोड़ने के एवज में 70 हज़ार रुपए लिए थे। जुनैद के अलावा भी बाकियों को छोड़ने के लिए पुलिस ने मोटी रकम ली थी। परिजन का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने युवक को दो दिन तक अवैध हिरासत में रख उसके साथ मारपीट की। इस दौरान उसको इतना पिटा जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
जुनैद की मां खतिज़ा ने यह भी आरोप लगाया है कि फरीदाबाद पुलिस ने जुनैद को छोड़ने से पहले एक खाली कागज़ में दस्तख़त भी करवाएं थे और धमकी देते हुए कहा था कि अगर जुनैद का मेडिकल चेकअप वगैरह करवाया या कुछ कानूनी कार्रवाई करी तो वे जुनैद के पूरे परिवार का हाल जुनैद के जैसा कर देंगे। जुनैद की मां का कहना है कि जुनैद ने उन्हें बताया था कि हिरासत के दौरान थानेदार राजेश एक धर्म के प्रति नफ़रत रखते हुए मुल्ला कहता था और साथ ही थानेदार राजेश ने जुनैद से यह भी कहा था कि इससे पहले उसने तीन आदमियों को जान से मारा हैं और वो उसे भी मार देगा।
5 जून को फरीदाबाद पुलिस ने जुनैद के दो अन्य भाई इरशाद और आज़ाद को भी पुलिस हिरासत में ले लिया और अभी भी इरशाद और आज़ाद पुलिस हिरासत में हैं। पुलिस का कहना है कि साइबर फ्राड में गिरफ्तार हुए शाहिद ने इरशाद और आज़ाद का नाम लिया हैं। यह आनलाइन फ्राड का मामला सितंबर 2020 में दर्ज करा गया था। परिजनों का कहना हैं दोनों बेगुनाह हैं।
हालांकि फरीदाबाद पुलिस ने मृतक जुनैद के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। पुलिस ने अपने बचाव में कहा है कि जुनैद किडनी की बीमारी से ग्रस्त था। पुलिस का कहना है कि युवक की मौत बीमारी से हुई है। फरीदाबाद पुलिस का कहना है कि पुलिस द्वारा जुनैद को कोई प्रताड़ना नहीं दी गई हैं और परिजनों के आरोप निराधार हैं। फिलहाल जुनैद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ़ हो पाएगा।
मृतक जुनैद की मां खतिज़ा ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए तहरीर दी, पहले तो पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करी गई। लेकिन मामले को बढ़ता देख और तमाम दबाव के चलते बछौर थाना में एफआईआर दर्ज करी गई। खतिज़ा की शिकायत पर बछौरा पुलिस ने SI राजेश, SI सुरजीत, ASI नरेंद्र, ASI जावेद, SHO बसंत , सिपाही नरेश और दलबीर समेत पांच अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, धारा 302, धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया।
मेवात के रहने वाले मुस्लिम लीग के हरियाणा यूथ अध्यक्ष चौधरी अज़हर Twocircles.net से बात करते हुए बताते हैं कि मेवात में मुस्लिम उत्पीड़न की घटनाएं रोज़ की हैं। अज़हर कहते हैं कि मेवात में पुलिस पैसों के लिए मुस्लिम नौजवानों को निशाना बनातीं हैं, अक्सर मुस्लिम नौजवानों को पुलिस उठा ले जाती है और फिर पैसे लेकर छोड़ देती है। अज़हर कहते हैं कि जुनैद के मामले में पुलिस अपना बचाव करने के लिए जुनैद पर आनलाइन फ्राड करने का आरोप लगा रहीं हैं।
जुनैद के गांव जमालगढ़ के करीब के एक गांव के रहने वाले यासिर अराफात Two circles.net से कहते हैं कि अगर जुनैद साइबर फ्राड का आरोपी था तो पुलिस ने उसे अगले दिन क्यो छोड़ दिया। वे कहते हैं कि जुनैद को गैरकानूनी हिरासत में क्यो लिया गया जब वो साइबर फ्राड में शामिल नहीं था, दोषी पुलिसकर्मियों पर कुछ कार्रवाई भी अभी तक नहीं करी गई है इन सबका क्या मतलब है।