पति की हत्या के बाद शकीना बनी नई ग्राम प्रधान, ग्रामीणों ने उपचुनाव में हत्यारोपियों का किया बॉयकॉट

स्टाफ रिपोर्टर ।Twocircles.net

सोमवार को यूपी के परगवां ग्राम में लोग उस समय खुशी से झूमने लगे जब ग्राम पंचायत के उपचुनाव परिणाम में प्रधान पद के लिए शकीना बी को इकतरफा जीत प्राप्त हुआ। इस जीत के साथ ही शकीना बी कई तरह की मिसाल बन गई। कुछ दिनों पहले ही उनके पति की इस ही पद के चलते कथित तौर पर मोहर सिंह द्वारा हत्या कर दी गई थी। उसके बावजूद 1684 मतदाताओं वाले क्षेत्र में, जहां 840 हिंदू हैं और 844 मुस्लिम है। वहां 884 वोट पाकर बेवा शकीना बी का जीतना सच में बहुत बड़ी बात थी।


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शकीना बी परगवां के नवनिर्वाचित प्रधान मरहूम हाफिज इसहाक रज़वी की विधवा हैं। हाफिज इसहाक की पिछले 20 मई को विरोधियों द्वारा सत्ता के लालच में उनके ग्राम प्रधान का चुनाव जीतने पर निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद गांव का माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने जल्दी से कार्यवाही की और सभी हत्यारोपियों को अपने गिरफ्त में ले लिया। जिसमे मुख्य आरोपी मोहर सिंह को बताया गया था।

मोहर सिंह की पत्नी रेशमी भी ग्राम प्रधान के उपचुनाव में शकीना बी के सामने खड़ी हुई थीं। हालांकि गांव वालों ने सहानुभूति कहें या शकीना को इंसाफ दिलाते हुए, रेशमी को चुनाव में बॉयकॉट कर दिया तभी उन्हें सिर्फ 13 वोट ही मिल सकें।

मरहूम हाफिज इसहाक …

इधर जो जीत, पति इशहाक ने 59 मतों के अंतर से जीता था वही शकीना ने अपनी जीत में 563 वोटों का अंतर पाया। शकीना को कुल 884 वोट प्राप्त हुए। दूसरे पायदान पर आने अमरनाथ को 321, तीसरे अजय पटेल को 136 वोट प्राप्त हुए। साथ ही, कई उम्मीदवारों की जमानतें भी जब्त हो गई जिसमे रेशमी देवी भी शामिल थीं।

शकीना ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ये जीत उनकी नही है लेकिन उनके पति की है। गांव वालों ने उनके पति को जीत दिलाया है। और जो भरोसा उन्होंने शकीना के परिवार वालों पर दिखाया है उसपर वो पूरा खड़ा उतरने की कोशिश करेंगी और भरोसा को बरकरार रखेंगी। हालांकि उन्होंने ये भी कहा की जबतक आरोपियों को उनके किए की सजा नही मिलेगी तब तक इशहाक को इंसाफ नहीं मिलेगा।

बीते 20 मई को शाम के समय जब इशहाक अपनी पत्नी के साथ दवाईयां लेकर घर की तरफ लौट रहे थें तब उनके ऊपर कुछ विरोधियों ने गोली बारी शुरू कर दी। जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। इस हमले में खुद शकीना भी घायल हो गई थीं। मृत्यु के दिन तक इशहाक की जीत को मुश्किल से सिर्फ 17 दिन हुए थें।

सोमवार को परगवां के मतों की गिनती करेली गांव स्थित क्यारा ब्लॉक मुख्यालय पर हुई। जैसे ही शकीना बी के जीत की खबर सामने आई वैसे ही कैंट इंस्पेक्टर राजीव सिंह खुद फोर्स के साथ उनके पास पहुंकर उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच गांव को पहुंचाया। खबर है की गांव में असामाजिक तत्व माहौल को बिगाड़ सकते हैं तभी वहां पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया है।

परगवां ग्रामीण निवासी सूरज कुमार ने twocircles.net से बात करते हुए बताया कि “उन्हें बेहद खुशी है की शकीना बी ने इस उपचुनाव में जीत दर्ज की है क्योंकि जो उनके पति की हत्या की गई वो बहुत दुखदायक थी। और इससे परगवां ग्राम और आसपास के समाज के आपसी सौहार्द पर कई तरह के सवाल उठ रहे थें। हमे इसका जवाब देना था।”

इस चुनाव में तमाम मुस्लिम उम्मीदवारों ने शकीना बी के जीत के लिए अपने कदम वापस खींच लिए थे।

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