तबलीग़ जमात पर गलत रिपोर्टिंग के लिए 3 न्यूज चैनल पर जुर्माना

न्यूज डेस्क।Twocircles.net

पिछले वर्ष कोरोना काल के दौरान तबलीग़ जमात पर आपत्तिजनक रिपोर्टिंग मामले में न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीएसए) ने तीन न्यूज़ चैनलों पर कार्रवाई करी हैं। एनबीएसए ने तबलीग़ जमात के खिलाफ ग़लत रिपोर्टिंग करने पर तीन न्यूज़ चैनलों के खिलाफ जुर्माना लगाया है और साथ ही माफ़ी मांगने का भी निर्देश दिया हैं। ज्ञात रहे पिछले वर्ष एक प्रोपोगेंडा के तहत तबलीग़ जमात पर कोरोना फैलाने का आरोप तमाम न्यूज़ चैनलों द्वारा लगाया गया था।


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पिछले साल देश में कोरोना महामारी के बीच मरकज और तबलीग़ जमात पर गैरजिम्मेदाराना तरीके से न्यूज़ चैनल द्वारा चलाए गए समाचारों को लेकर न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने कार्रवाई की है। एनबीएसए ने यह कार्रवाई अंग्रेजी समाचार चैनल टाइम्स नाउ और दो कन्नड़ चैनलों – न्यूज 18 कन्नड़ और सुवर्णा न्यूज पर भी की हैं।

एनबीएसए ने कार्रवाई करते हुए टाइम्स नाउ पर और न्यूज 18 कन्नड़ पर एक लाख रुपए और क्षेत्रीय कन्नड़ चैनल सुवर्णा न्यूज पर 50 हज़ार का जुर्माना लगाया है और साथ ही 23 जून को आन इयर माफ़ी मांगने भी आदेश दिया है। एनबीएसए ने यह भी आदेश दिया है कि तमाम वेब पोर्टल से भी वीडियो हटाने का निर्देश दिया है। एनबीएसए ने सात दिन के अंदर जुर्माना जमा करने के भी आदेश दिए हैं।

एनबीएसए ने यह कार्रवाई कैंपेन अगेंस्ट हेट स्पीच द्वारा दायर शिकायतों के आधार पर करी हैं। कैंपेन अगेंस्ट हेट स्पीच ने तबलीग़ जमात पर चलाए गए कार्यक्रम पर आपत्ति जताई थी। एनबीएसए के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एके सीकरी ने आदेश में कहा कि जिस तरह से कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए थे वह बेहद आपत्तिजनक और निराधार था और साथ ही यह भी कहा कि प्रसारित समाचार रिपोर्ट अनुमान पर आधारित थी।

एनबीएसए अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एके सीकरी ने ऐसे कार्यक्रम का प्रसारण करने के लिए निंदा जारी करी हैं और साथ ही ऐसे कार्यक्रमों को दो समुदायों के बीच संप्रदायिक मतभेद पैदा बताया हैं। जस्टिस एके सीकरी ने अपने आदेश में कहा कि कार्यक्रम के एंकर ने तब्लीगी जमात से संबंधित कुछ ऐसे बयान दिए गए जो दो समुदायों के बीच संप्रदायिक मतभेद पैदा कर सकते थे।

एनबीएसए ने अपने आदेश में साफ़ कहा कि तबलीग़ जमात पर समाचार चैनलों द्वारा प्रसारित करें गए कार्यक्रम की भाषा अभद्र थी। समाचार चैनलों की भाषा भड़काऊ थी और धार्मिक भावनाओं की अवहेलना की और सामाजिक सद्भाव के ढांचे को तोड़ने की कोशिश करी गई। समाचार चैनलों ने सामाजिक दरार पैदा करके उकसाने की कोशिश करी।

टाइम्स नाऊ ने एक पैनल चर्चा में ‘क्या तब्लीगी जमात ने जानबूझकर भारत में तोड़फोड़ कर रही है’ कार्यक्रम प्रसारित किया था। बेंगलुरू स्थित कैंपेन अगेंस्ट हेट स्पीच ने इस कार्यक्रम की शिकायत न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी में दर्ज करवाई थी। एनबीएसए में दर्ज शिकायत में कैंपेन अगेंस्ट हेट स्पीच ने दो समुदायों के बीच संप्रदायिक मतभेद को उकसाने और समाज में मुसलमानों के बीच नफ़रत फैलाने की बात कही थी।

2020 में कोरोना संक्रमण से देश दहशत की स्थिति में था तब मीडिया द्वारा दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीग जमात के मरकज को निशाना बनाया गया वहां एक धार्मिक कार्यक्रम में आए लोगों को कोरोना फैलने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। विभिन्न न्यूज़ चैनलों द्वारा पक्षपाती कवरेज करके देश के मुसलमानों को निशाना बनाया गया था। विभिन्न न्यूज़ चैनलों द्वारा तबलीग़ जमात के खिलाफ कार्यक्रम करके मुस्लिम वर्ग के प्रति नफ़रत फैलाई गई थी।

देश में COVID-19 की शुरुआत के बाद विभिन्न मीडिया हाउस ने देश में कोरोनावायरस के प्रसार के लिए तब्लीगी जमात को जिम्मेदार बताया था। कई मीडिया चैनलों ने तो मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे ‘कोरोना जिहाद’ तक बता दिया था।‌ तबलीग़ जमात से जुड़े हुए लोगों की गिरफ्तारी हुई, हालांकि कोर्ट द्वारा बाद में सबको बाइज़्जत बरी कर दिया गया था।

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