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अयोध्या में कमाल : गांव में एक ही मुस्लिम परिवार और… प्रधान बन गए हाफिज साहब

आकिल हुसैन। Twocircles.net

उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में रामनगरी अयोध्या में एक बेहतरीन परिणाम देखने को मिला है । अयोध्या की एक हिंदू बाहुल्य ग्राम पंचायत से वहां के इकलौते मुस्लिम परिवार के सदस्य ने प्रधान पद पर जीत हासिल की हैं। अयोध्या के हिंदु बाहुल्य रजनपुर गांव के लोगों ने अपना प्रतिनिधि एक मुसलमान व्यक्ति को चुना है। इस गांव के सांप्रदायिक सौहार्द्र की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है।

रामनगरी अयोध्या के रुदौली विधानसभा क्षेत्र के मवई ब्लाक के रजनपुर ग्राम पंचायत एक हिंदू बाहुल्य क्षेत्र हैं। हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में वहां से 32 वर्षीय हाफिज अजीमुद्दीन खां ने प्रधान पद पर जीत हासिल की हैं। हाफिज अजीमुद्दीन खां की यह जीत नफ़रत भरें माहौल में एक संप्रदायिक सौहार्द्र और हिंदू मुस्लिम एकता के तौर पर बनकर उभरी है क्योंकि हाफिज अजीमुद्दीन खां का परिवार रजनपुर गांव का एकलौता मुस्लिम परिवार हैं। और हिंदू बाहुल्य रजनपुर के लोगों ने एक मुस्लिम को अपना प्रतिनिधि चुना है।

रजनपुर ग्राम पंचायत से प्रधान पद के लिए 7 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। उनमें से एक मात्र मुस्लिम हाफिज अजीमुद्दीन खां भी चुनाव लड़ रहे थे। 670 वोटर की आबादी वाले रजनपुर गांव से हाफिज अजीमुद्दीन खां को 191 वोट मिले।‌ अजीमुद्दीन ने अपने निकटतन प्रतिद्वंदी को 83 वोट से हराकर जीत हासिल की। गांव की जनता ने किसी धर्म या जाति के हथकण्डे को नकारते हुए प्रत्याशी का व्यवहार, कर्मठता तथा ईमानदारी को पैमाना मानते हुए अजीमुद्दीन खां को अपने ग्राम का प्रधान चुनकर गांव में साम्प्रदायिक सौहार्द की एक अनोखी मिसाल कायम करी हैं।

हाफिज अजीमुद्दीन रजनपुर में अपने परिवार के साथ रहते हैं। रजनपुर गांव में केवल यही एक परिवार मुस्लिम परिवार रहता हैं। रजनपुर गांव में केवल 27 मुस्लिम मतदाता हैं और ये सभी लोग अजीमुद्दीन के परिवार के सदस्य हैं। अजीमुद्दीन पेशे से किसान हैं। उन्होंने एक मदरसे से हाफिज और आलिम की डिग्री हासिल ली हुई है। वे 10 वर्ष तक एक मदरसे के अध्यापक भी रह चुके हैं और अब अपने परिवार के साथ गांव में ही रहकर खेती करते हैं।

हाफिज अजीम उद्दीन Twocircles.net से बात करते हुए बताते हैं कि 25 वर्ष पूर्व उनके पिता सलाहुद्दीन भी इसी ग्राम पंचायत से प्रधान रह चुके हैं। उसके बाद सीट आरक्षित हो गई थी,इस बार सीट अनारक्षित होने पर तमाम गांव वालों के आग्रह पर वे चुनावी मैदान में कूदे और जीत हासिल की । उन्होंने कहा कि उन्हें भी कम उम्मीद लग रही थी कि वह चुनाव जीतेंगे लेकिन चुनाव परिणाम ने एक नई इबारत लिख दी।

अजीमुद्दीन Twocircles.net से बात करते हुए कहते हैं कि गांव के लोगों ने उनपर जो विश्वास जताया है, वो उसके लिए आभारी हैं। अजीमुद्दीन के अनुसार यह जीत न केवल गाँव रजनपुर बल्कि पूरे अयोध्या में हिंदू-मुस्लिम एकता की जीत हैं।‌ नव निर्वाचित प्रधान अजीमुद्दीन कहते हैं कि ग्राम प्रधानों के लिए आवंटित सभी धन का उपयोग गाँव के विकास के लिए किया जाएगा। बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, और मनरेगा के तहत सभी को रोजगार प्रदान किया जाएगा।

रजनपुर गांव के किसान शेखर साहू कहते हैं कि इस बार लोगों ने धर्म को नहीं, इंसान को देखकर अपना वोट डाला है। गांव के एक अन्य व्यक्ति कहते हैं कि हमने सिर्फ इस आधार पर वोट दिया था कि गांव और हमारे लिए क्या बेहतर है। हिंदू संप्रदाय बाहुल्य रजनपुर ने एक मुस्लिम प्रधान को चुनकर ये साफ संदेश देने की कोशिश करी हैं कि देश में अभी भी सद्भाव और भाईचारे को मजबूत करने वाले लोग ज़िंदा हैं।