एएमयू से प्रोफेसर्स ने जारी की सावधान रहने की विशेष अपील, अब तक 45 हस्तियों को कोरोना से खो चुकी है यूनिवर्सिटी


स्टाफ़ रिपोर्टर। Twocircles.net

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोरोना कहर बरपा रहा है। वहां पिछले 20 दिनों में स्टाफ के लगभग 45 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है जिनमें 20 से ज़्यादा मौजूदा प्रोफेसर भी शामिल हैं। अभी भी कई प्रोफेसर और स्टाफ में ऐसे लोग हैं जो कोरोना संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील करी हैं।


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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों की ओर से जारी अपील में सभी से कोरोनावायरस से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने की अपील की गई हैं। जारी अपील में कहा गया है कि आज पूरी दुनिया और विशेषकर भारत एक गंभीर महामारी से जूझ रहा है। कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और तूफान इस स्तर पर पहुंच गया है कि हमारी पूरी जन स्वास्थ्य, चिकित्सा और स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो गई है। डाक्टर, चिकित्साकर्मी और सभी इस संकट से युद्ध स्तर पर लड़ रहे हैं और अपनी जानें भी दे रहे हैं।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसरो ने कहा हैं कि मौजूदा परिस्थितियों में प्रत्येक नागरिक और सभी धर्मों के अनुयायियों का कर्तव्य है कि वे अपनी और दूसरों की जान बचाने के लिए हर संभव उपाय करें। सरकार और डाक्टरों के निर्देशों का पालन करें। जीवन की रक्षा सभी धर्मों की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण चीज है।

प्रोफ़ेसरो ने कहा हैं कि मुसलमान होने की हैसियत से यह उनका विश्वास है कि बीमारी और उपचार दोनों ईश्वर के हाथों में हैं, लेकिन एहतियाती उपाय के साथ-साथ इलाज और उपाय ऐसा साधन हैं जिन्हें ईश्वर ने उपचार के लिए बनाया है और उनका पालन करना धार्मिक रूप से अनिवार्य है। सभी से फेस मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना पर ज़ोर दिया गया है। साथ ही कोविड पर सरकार के निर्देशों का पालन करने की भी बात कहीं हैं।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरो की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि कोरोनावायरस से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण वैक्सीनेशन हैं। प्रोफेसरो का कहना है कि वैक्सीन से ही हम इस वैश्विक महामारी को हरा सकते हैं। अपील में सभी लोगों को निर्धारित नियमों के अनुसार जल्द से जल्द टीका लगवाने का आह्वान किया गया है और कहा गया है कि इसमें कोई भी झिझक अपने परिवार और देश के अन्य नागरिकों के जीवन को खतरे में डालना है।

शिक्षकों ने सभी लोगों से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार वैक्सीनेशन की पहल करें ताकि सुरक्षित रह सकें और देश के नागरिकों के जीवन और देश के विकास को खतरे में डालने वाले इस संकट को खत्म किया जा सके। साथ ही सभी से इस महामारी को खत्म करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करने की भी अपील की गई है।‌

वैक्सीनेशन की अपील करने वालों में धर्मशास्त्र संकाय के डीन प्रोफेसर मुहम्मद सऊद आलम कासमी, केए निजामी कुरान अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रोफेसर अब्दुल रहीम किदवई, सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर अली मुहम्मद नकवी, जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्राचार्य प्रोफेसर एम.एम. सुफियान बेग, थियोलोजी फैकल्टी के पूर्व डीन प्रोफेसर तौकीर आलम फलाही, सुन्नी धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुहम्मद सलीम, इस्लामिक स्टडीज विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर ओबैदुल्लाह फहद, शिया धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर तैयब रजा नकवी, डा० मुफ्ती जाहिद अली खान और ब्रिज कोर्स के निदेशक नसीम अहमद खान शामिल हैं।

इसी के बीच अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी लगातार हो रही मौतों से चिंता में घिरी हुई है। हालात यह है कि अपुष्ट खबरों के मुताबिक अब तक विश्वविद्यालय में 43 मौत हो चुकी है। इनमे 16 प्रोफेसर्स शामिल है। यूनिवर्सिटी अब तक इन काबिल हस्तियों को खो चुकी है…

1. डॉक्टर अरशद अहमद, फिजिक्स विभाग
2. प्रोफेसर शाहदाब खान, मेडिसिन विभाग
3. प्रोफेसर रफीकुल जमान, कंप्यूटर साइंस विभाग
4. डॉक्टर इरफान अहमद, जूलॉजी विभाग
5. शकील समदानी, लॉ विभाग
6. प्रोफेसर शब्बीर, लॉ विभाग
7. डॉक्टर जिब्राइल, हिस्ट्री विभाग
8. डॉक्टर फैसल, विमेंस स्टडी
9. डॉक्टर सिराज अनवर, हिस्ट्री विभाग
10. मोहम्मद अब्बास मेहदी, हिस्ट्री विभाग
11. मिस हिजाज़िया, सिटी स्कूल
12. प्रोफेसर सईदुज ज़फ़र, साइकोलॉजी विभाग
13. अहमद फारूक
14. प्रोफेसर साजिद अली खान, साइकोलॉजी विभाग
15. प्रोफेसर खालिद बिन यूसुफ, संस्कृत विभाग
16. प्रोफेसर सईद सिद्दकी, बॉटनी विभाग
17. प्रोफेसर मुहम्मद मुबशशीर, मेडिसिन विभाग
18. प्रोफेसर सिफत अफजल, मेडिसिन विभाग
19. प्रोफेसर फरमान हुसैन, थियोलोजी विभाग
20.डॉक्टर मोहम्मद यूसुफ अंसारी, इंग्लिश विभाग
21. प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस सिद्दकी, मोआलेजात विभाग
22. प्रोफेसर मोहम्मद आरिफ, मेडिसिन विभाग
23. प्रोफेसर गुफरान अहमद, इलमुल अदविया विभाग
24. मोहम्मद अली खान, पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग विभाग
25. प्रोफेसर फरहतुल्लाह खान, इंग्लिश विभाग
26. प्रोफेसर क़ाज़ी मोहम्मद जमशेद, पॉलिटिकल साइंस विभाग
27. प्रोफेसर मुख्तार हुसैन, मोआलेजात विभाग
28. डॉक्टर फुरकान संबली, उर्दू विभाग
29. प्रोफेसर इरफान, म्यूजियोलॉजी विभाग
30. डॉक्टर अज़ीज़ सलीम, म्यूजियोलॉजी विभाग
31. प्रोफेसर नबी अहमद, एजुकेशन विभाग
32. प्रोफेसर नजमुल हक, एजुकेशन विभाग
33. प्रोफेसर इकबाल अंसारी, फिजिक्स विभाग
34. प्रोफेसर इकबाल अली, पॉलिटेक्निक विभाग
35. प्रोफेसर सईदुज ज़मा, पॉलिटेक्निक विभाग
36. डॉक्टर एहसानुल्लाह फहद, थियोलॉजी विभाग
37. प्रोफेसर जुबैर अहमद, मैथमेटिक्स विभाग
38. प्रोफेसर मौला बक्श अंसारी, उर्दू विभाग
39. प्रोफेसर हुमायु मुराद, जूलॉजी विभाग
40. प्रोफेसर जमशेद सिद्दकी, कंप्यूटर साइंस विभाग
41. प्रोफेसर एसएम रिज़वान, इंग्लिश विभाग
42. प्रोफेसर वकील जाफरी, फिजिक्स विभाग
43. प्रोफेसर मसूद आलम, उर्दू विभाग

विश्वविद्यालय से जुड़े कई कर्मचारियों और प्रोफेसरों के मौत की खबर सामने आने के बाद कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने चिंतित होकर आईसीएमआर को चिट्ठी लिख दी थी। चिट्ठी के जरिए प्रोफेसर मंसूर ने, हाल ही में प्रोफेसरों और कर्मचारियों की कोरोना से हुई बड़ी संख्या में मौत की जानकारी दी और साथ ही, परिसर में फैल रहे वायरस के नए स्ट्रेन का अध्ययन कराने की भी बात कही थी। यूनिवर्सिटी अब यहां अपना ऑक्सीजन प्लांट भी लगा रही है।

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