मौलाना राबे हसन नदवी के हाथ मे पर्सनल लॉ बोर्ड की कमान

आकिल हुसैन।Twocircles.net

ऑल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में मौलाना सैयद राबे हसन नदवी को सर्वसम्मति से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया। मौलाना राबे हसन नदवी लगातार छठवीं बार बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए हैं। इसके अलावा बिहार के मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को बोर्ड के महासचिव के तौर पर और जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष के तौर पर चुना गया हैं। ऑल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की 27वीं दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक कानपुर में हुई।


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उत्तर प्रदेश के कानपुर के जाजमऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दो दिवसीय 27वा अधिवेशन चल रहा हैं। दो दिवसीय अधिवेशन 20 और 21 नवंबर को संपन्न हुआ। इस दो दिवसीय बैठक में देशभर के करीब 100 से ज्यादा उलेमा शामिल हुए।‌ साथ ही इस बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सभी सदस्य भी शामिल हुए। अधिवेशन में मुस्लिम समुदाय से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई शैक्षिक जागरूकता, आर्थिक पिछड़ेपन और समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए चर्चा की गई।

दो दिनों की इस बैठक में मुस्लिम समुदाय में कैसे कम खर्च में निकाह और तालीम को बेहतर किया जाए इस पर चर्चा हुई। साथ ही इस बैठक में देश में मुस्लिम समुदाय की बेहतरी के एजेंडे को भी तय किया गया। कोरोना काल में बोर्ड के बैठक ऑनलाइन ही हो पाई थी लिहाजा बोर्ड में खाली हुए पद और कई सदस्यों की मृत्यु के बाद रिक्त हुए पदों पर भी नये सदस्यों को चुना गया।

मौलाना राबे हसनी नदवी को सभी सदस्यों की सहमति से बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया। मौलाना सैयद राबे हसन नदवी को तीन साल की अवधि के लिए एक बार फिर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया है। जबकि महासचिव मौलाना वली रहमानी की मृत्यु के बाद से खाली हुए इस पद के लिए मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को चुना गया। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को मौलाना कल्बे सादिक की मृत्यु से खाली हुए उपाध्यक्ष पद के लिए सर्वसम्मति से चुने गया। इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे शिया बुद्धिजीवी डॉ. सैयद अली नकवी को भी उपाध्यक्ष चुना गया है।

इसके अलावा बोर्ड की वर्किंग कमेटी के सदस्यों के रूप में 3 महिलाओं फातिमा मुजफ्फर ( तमिलनाडु), अतिया (दिल्ली) और डॉक्टर निकहत परवीन (लखनऊ) को भी शामिल किया गया। इनके अलावा साबिर अहमद (कर्नाटक), मोहम्मद यूसुफ अली (असम), मुफ्ती मोहम्मद उबैदुल्ला असादी (बांदा), मौलाना बिलाल हसन नदवी नदवा और ताहिर हकीम एडवोकेट गुजरात को भी वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है। इन सभी को बोर्ड के सदस्यों की सर्वसम्मति से चुना गया।

आम सहमति से बोर्ड के अध्यक्ष चुने जाने के बाद मौलाना राबे हसनी नदवी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा दौर को देखते हुए मुस्लिम समाज को आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में अल्पसंख्यक समाज को ज्यादा फिक्र, तवज्जो और और मेहनत करने की जरूरत होती है। यह तब और बढ़ जाती है, जब अल्पसंख्यक समाज को कमजोर करने की कोशिशें सरकारों की तरफ से की जा रही हों।

उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अपनी शिक्षा और सभ्यता के लिए चिंतित होना चाहिए और उनके मतभेदों को अपनी सीमा से आगे नहीं जाने देना चाहिए। मुसलमान समाज आज अपने मतभेदों के कारण कई कठिनाइयों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि समाज की एकता बलिदान चाहती है इसलिए सभी को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो चीजें खामोशी से की जा सकती हैं उन्हें प्रचारित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे मामले और खराब हो जाते और अभियान विफल होता है।

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दो दिवसीय बैठक में बोर्ड के सदस्य हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी, मौलाना अरशद मदनी, मौलाना महमूद मदनी, मौलाना कल्बे जवाद, मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली, कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद, सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा समेत मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अन्य सदस्य मौजूद रहें।

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