विशेष संवाददाता। twocircles.net
यूपी के बिजनौर में एक मुस्लिम व्यापारी की ईमानदारी, हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल आबिद सिद्दीकी नाम के एक व्यापारी को, 3 लाख 14 हज़ार रुपए की बड़ी रकम सड़क पर गिरी हुई मिली थी, जिसको देखने के बाद भी आबिद का ईमान न डोला और उसने उन पैसों के असली हकदार, नितिन कुमार को ढूंढकर उसे लौटा दिए। खबरों के मुताबिक पैसे लेते समय नितिन काफी भावुक होकर लगातार आबिद का धन्यवाद किए जा रहे थे। जब ये खबर सोशल मीडिया पर आई तो चारो तरफ आबिद की वाह वाही शुरू हो गई।
गुज़रे मंगलवार को, बिजनौर के जिले के गंज कस्बे में टाइल्स व्यापारी आबिद की दुकान के सामने सड़क पर किसी की बाइक से एक पैसों से भरा बैग गिर गया। ये बैग उसी इलाके में रहने वाले एक किराना व्यापारी नितिन कुमार का था, जोकि सामान खरीदने बाज़ार की तरफ गए थें, लेकिन सामान न मिल पाने के कारण वो वापस अपनी दुकान की ओर लौट रहे थें, इसी क्रम में दुर्भाग्यवश उनका नोटों से भरा बैग नीचे गिर गया। इस बैग को व्यापारी आबिद ने उठाकर अपने जिम्मे रख लिया और बाइक सवार की खोज में लग गए।
एक दिन की काफी मशक्कत के बाद आखिरकार आबिद ने बैग के मालिक को तलाश ही लिया। नितिन कुमार की जब आबिद सिद्दीकी से मुलाकात हुई तो नितिन लगातार रोए जा रहे थें और बार-बार आबिद का धन्यवाद कर रहे थें। नितिन के लिए उस बैग की रकम काफी मायने रखती थी चूंकि वो उसके ज़िंदगी भर की कमाई का फल था। इधर आबिद ने उसे गले लगाकर उसका बैग लौटाया और फिर राहत की सांस ली।
दरअसल, आबिद के अनुसार उन्हें रात भर पैसों के असली हकदार के बारे में सोच सोचकर नींद नही आई थी। उन्हें लगातार ये चिंता सता रही थी कि अभी पैसों के मालिक के ऊपर क्या गुज़र रही होगी। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आबिद ने अपनी भावनाओं को लोगों के समक्ष रखा। वो कहते हैं, “लगभग 11 बजे के समय, जब मेरा लड़का दुकान के पास खड़ा था तो उसने तेज़ गति से जाती हुई बाइक से एक बैग टूटकर नीचे गिरते देखा, शायद स्पीड ब्रेकर की वजह से बैग नीचे गिरा होगा।”
आबिद आगे बताते हैं, “पहले तो काफी देर तक बैग वैसे ही पड़ा रहा लेकिन फिर मेरे लड़के ने मुझे बैग के बारे में बताया तो मैने उसे बैग उठाकर लाने को कहा। उस बैग में 2 हज़ार और 500 के काफी नोट पड़े थे।” आबिद बताते हैं कि उसके बाद उन्होंने बैग को अपने पास रख लिया और मुहल्ले और आसपास के लोगों में बैग के मालिक को लेकर पूछताछ करवाई। आबिद ने इस बात को सोशल मीडिया से दूर रखा ताकि कोई झूठा दावेदार न आ जाए।
आबिद यहीं नहीं रुके और उन्होंने शहर के ज़िम्मेदार लोगों को इस बारे में बताया। “मुझे ये अंदाज़ा था की बाइक से कोई सामान्य आदमी ही जा रहा होगा तो बैग का असली हकदार भी कोई ज़्यादा अमीर व्यक्ति नही होगा” इसलिए आबिद ने बैग के मालिक को ढूंढने के लिए अपना पूरा ज़ोर लगा दिया। और आखिरकार उन्हें जल्द सफलता भी मिली, नितिन ने पैसों के लेकर आबिद के सामने कुछ जानकारियां प्रस्तुत कर सुनिश्चित करवाया की ये बैग उनका ही है जिसके बाद उन्हें बैग दे दिया गया।
आबिद बताते हैं कि अगर इन 3 लाख 14 हज़ार रुपए की जगह पर 3 करोड़ रुपयों से भरा बैग भी मेरे हाथ आता तो भी वो उसे उसके असली हकदार तक पहुंचाते। “मेरा मज़हब किसी दूसरे की सामान पर कब्ज़ा करने से मना करता हैं, जो जिसका हक है उसे मिलना ही चाहिए।” आबिद ने अपने दिल में यही ख्याल रखते हुए इस कारनामे को अंजाम दिया। इसके बाद से ही आबिद सिद्दकी की चारो तरफ वाह-वाही शुरू हो गई है।
एक स्थानीय व्यक्ति राजन सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर TwoCircles को बताया, “आबिद जैसे लोग इंसानियत की एक मिसाल हैं। जहां आए दिन न्यूज़ चैनलों पर धर्म विशेष
के बारे में झुटी खबरें चलाई जाती हैं वहीं इतनी अच्छी खबर को किसी भी मुख्य धारा के न्यूज़ चैनलों ने बताना जरूरी नही समझा। वो तो सोशल मीडिया के माध्यम से ये खबर हमतक पहुंच सकी।” राजन ने आगे कहा कि अगर दुनिया में सारे लोग आबिद की तरह ईमानदार हो जाए तो दुनिया में बुराई बचेगी ही नहीं। राजन बिहार के रहने वाले हैं।