न्यूज डेस्क।twocircles.net
सीएए एनआरसी विरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोपी जेएनयू छात्र शरजील इमाम को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की बेंच ने उन्हें इस मामले में जमानत दे दी हैं। जेएनयू छात्र शरजील इमाम दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं फिलहाल उनको जेल में ही रहना होगा क्योंकि उनपर कुछ अन्य मामले भी विचाराधीन है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम दिल्ली के शाहीन बाग आंदोलन के आयोजनकर्ताओं में से थे। शरजील इमाम पर सीएए आंदोलन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में देशविरोधी भाषण दिए जाने के आरोप लगे थे। इस मामले में शरजील इमाम की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी। शनिवार को शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की बेंच ने उन्हें जमानत प्रदान की है। हालांकि हाईकोर्ट के इसपर विस्तृत आदेश अभी आना बाकी है।
शरजील इमाम पर आरोप था कि उन्होंने 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मे अपने भाषण में देश के हिस्सों ख़ासकर उत्तर पूर्वी हिस्से को अलग करने की बात कहीं। इसके बाद शरजील इमाम के विरुद्ध अलीगढ़ के अलावा मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी एफआईआर दर्ज की गई थी। अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में 16 जनवरी 2020 को शरजील इमाम पर आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह), 153ए (धर्म, नस्ल के आधार पर दुश्मनी बढ़ाना), 153बी (शांति भंग करने के इरादे से बयान देना) और 505(2) (सौहार्द बिगाड़ने की मंशा से बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अलीगढ़ के अलावा शरजील इमाम के विरुद्ध मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी राजद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि इमाम को असम और अरुणाचल प्रदेश में दर्ज मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। शरजील इमाम पर यूएपीए के तहत भी मुकदमा चलाया जा रहा है जिसकी वजह से ही बेल मिलने के बाद भी फिलहाल उन्हें जेल में रहना पड़ेगा। शरजील इमाम पर दिल्ली में दंगा भड़काने का भी आरोप हैं।
शरजील इमाम पर सीएए आंदोलन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी भड़काऊ भाषण दिए जाने का आरोप है। पुलिस का कहना था कि इमाम की भड़काऊ बयानबाजी के चलते जामिया मिलिया इलाके में दंगे हुए। इससे पहले अक्टूबर में दिल्ली की अदालत ने शरजील इमाम को भाषण के लिए जमानत देने से इंकार कर दिया था। हालांकि शरजील इमाम की ओर से बार बार यही बात कहीं जा रही थी कि उनके ऊपर दायर किए गए मुकदमे कानून के अनुरूप नहीं है और वे एक शांतिप्रिय नागरिक हैं और उन्होंने विरोध के दौरान कभी हिंसा में हिस्सा नहीं लिया।
बिहार के जहानाबाद के काको गांव के रहने वाले शरजील इमाम को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था। शरजील इमाम ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक किया है, जबकि 2013 में शरजील ने जेएनयू में आधुनिक इतिहास में पीजी की डिग्री पूरी की है। फिलहाल शरजील इमाम जेएनयू से आधुनिक इतिहास में रिसर्च कर रहे हैं।