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लखीमपुर कांड में चार दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली, नही हुई गिरफ्तारी

न्यूज़ डेस्क।twocircles.net

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुए किसान नरसंहार के आरोपियों को यूपी पुलिस चार दिन बाद भी गिरफ्तार करने में नाकाम रही हैं। लखीमपुर में हुए किसान नरसंहार के आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टोनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू अभी भी सत्ता के हनक के चलते पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। अब सवाल उठता है कि अपराधियों के घर पर बुलडोजर और संपत्ति कुर्क करवा देने वाली यूपी की भाजपा सरकार अपने ही मंत्री के घर बुलडोजर कब चलवाएंगी। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद और यूपी सरकार से आरोपियों की गिरफ्तारी पर सवाल करने के बाद यूपी पुलिस जागी और घटना में शामिल रहें आरोपी आशीष मिश्रा के साथी आशीष पांडे और लवकुश को गिरफ्तार किया है और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को समन जारी किया कि वे शुक्रवार को क्राइम ब्रांच के सामने 10 बजें हाज़िर हो, लेकर जानकारी के अनुसार आरोपी आशीष मिश्रा हाज़िर नहीं हुए हैं।

बीते रविवार को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में स्थानीय भाजपा सांसद व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम के दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से रौंद दिया था जिसमें चार किसानों की मृत्यु हो गई थी। किसानों की मौत के बाद भड़की हिंसा में चार अन्य लोगों की मौत हो गई थी जिसमें दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक स्थानीय पत्रकार शामिल हैं।

पुलिस द्वारा तिकुनिया थाने में सोमवार को ही आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, धारा 148, धारा 149, धारा 279, धारा 338, धारा 304ए, धारा 302, धारा 120बी के तहत मामले को दर्ज किया गया था। घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक आरोपी आशीष मिश्रा को पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया हैं। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना को वकील शिवकुमार त्रिपाठी की चिठ्ठी पर संज्ञान में लिया और मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से कहा कि शुक्रवार को वे स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें कि किन-किन अभियुक्तों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है और वे लोग गिरफ्तार किए गए हैं कि नहीं। 
यूपी सरकार ने कोर्ट से कहा कि ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट ने अगले दिन यानी आज (शुक्रवार को) स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा घटना को संज्ञान लेने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने घटना में शामिल रहें मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के साथी आशीष आशीष पांडेय और लवकुश राणा नाम के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि‍ अब भी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा लापता है। पुलिस का कहना है कि दो लोगों को अरेस्ट कर लिया गया है। कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है, उनकी तलाश जारी है। पुलिस के अनुसार आशीष पांडे और लवकुश राणा पर उस गाड़ी में सवार रहने का आरोप है जो उस थार जीप के पीछे-पीछे चल रही थी जिसने किसानों को रौद दिया था। किसानों को थार जीप से रौंदे जाने का वीडियो पिछले दो दिन से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि किस अमानवीय तरीके से थार जीप किसानों के ऊपर से चढ़ते हुए और रौंदते हुए निकल जाती है। इसके साथ ही पुलिस ने शुक्रवार को दस बजे आरोपी आशीष मिश्रा को हाज़िर होने का समन भी जारी किया था, लेकिन आशीष हाज़िर नहीं हुए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि आरोपी आशीष फरार हो गए हैं। इधर लखीमपुर खीरी तिकुनिया कांड की जांच तेज करते हुए फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। घटनास्थल से दो कारतूस मिले हैं। इसके अलावा कपड़े, जूता चप्पल, लाठी डंडे मिले हैं।

इधर विपक्षी दल मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफ़े पर अड़े हुए हैं। विपक्षी दलों के इस्तीफे की मांग के बीच केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टोनी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी। जिसके बाद विपक्षी दलों ने भाजपा पर अपने मंत्री को बचाने का आरोप लगाया है। लखीमपुर में विपक्षी दलों का जमावड़ा लगा हुआ है। सीतापुर में पुलिस द्वारा अवैध रूप से हिरासत में ली गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को लगभग तीन दिन बाद हिरासत से छोड़ा गया और यूपी सरकार द्वारा राहुल गांधी,प्रियंका गांधी समेत पांच लोगों को लखीमपुर जाकर पीड़ितों के परिवार से मिलने की इजाज़त दी गई। प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में अभी तक कोई गिरफ़्तारी न होने पर सवाल उठाते हुए कहा हैं कि एक औरत को हिरासत में लेने के लिए पूरा पुलिस बल आ गया, लेकिन अपराध करने वाले की अब तक गिरफ़्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा हैं कि मंत्री अजय मिश्रा टोनी के इस्तीफे के बगैर इस मामले की जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती। प्रियंका, राहुल के साथ लखीमपुर पहुंचे पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री क्रमश चरणजीत सिंह चन्नी, भुपेश बघेल ने हर मृतक के परिजनों को 50-50 लाख रुपए भी देने का ऐलान किया है।

घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी पर प्रियंका गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं करके यह संदेश दे रहे हैं कि अगर कोई मंत्री या नेता भाजपा में है तो वह कुछ भी कर सकता है और उनकी सरकार में दबे-कुचले लोगों और गरीबों के लिए न्याय की कोई गुंजाइश नहीं है।

प्रियंका ने राज्य सरकार द्वारा मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में एकल आयोग गठित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए मांग की कि मामले की जांच उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए।

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी तिकुनिया कांड के पीड़ितों से मिलने पहुंचे।इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों व गरीबों पर अत्याचार कर रही है। सरकार ने अत्याचार करने में अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया है। इस समय सच बोल नहीं सकते और अगर सच बोले तो गाड़ी से कुचल दिए जाओगे। उन्होंने कहा कि जबतक केंद्रीय राज्यमंत्री को उनके पद से नहीं हटाया जाता है और उनके पुत्र को जेल नहीं भेजा जाता है, तब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सकता है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा का कोई नेता इस मुद्दे पर नहीं बोल रहा है क्योंकि भाजपा सरकार मंत्री और उसके बेटे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत कई अन्य विपक्षी नेताओं ने लखीमपुर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और मंत्री अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाने और मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा को गिरफ्तार करने की मांग करी हैं।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कड़े तेवर दिखाते हुए सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 12 तारीख तक आरोपी आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होती है और गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा नहीं होता है तो, 12 तारीख के बाद देशभर में किसान आंदोलन करेंगे। इसी के साथ राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि, हिस्ट्रीशीटर देश का गृह राज्य मंत्री नहीं हो सकता उनका इस्तीफा होना चाहिए और गिरफ्तारी होनी चाहिए।

लखीमपुर खीरी कांड में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हुई थी जिसमें 2 बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल थे। हादसे में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। आरोप है कि उन्होंने ही गाड़ी से किसानों को कुचला था। घटना के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से मारे जाने वाले सभी 8 लोगों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई। इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख रुपये दिए जाने हैं। साथ ही मृतक किसानों के परिवार से एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा भी किया गया था।