जिब्रानउद्दीन।twocircles.net
बीते शुक्रवार, गुरुग्राम के सेक्टर 47 में मुस्लिम समुदाय के लोगों को एक बार फिर जुमे की नमाज़ अदा करने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। ये लगातार चौथा सफ्ताह है जब इस तरह से नमाज़ के दौरान कुछ दूसरे समुदाय के लोग हंगामा और विरोध करते हैं। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि मुस्लिम समाज का खुली जगहों पर नमाज़ पढ़ना गलत है और इसके ही विरोध में वो गुरुग्राम के प्रार्थना स्थल पर विरोध करने पहुंचे थें। मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को वहां पुलिसकर्मियों के अच्छी खासी संख्या को तैनात किया गया था, जिसने माहौल को बिगड़ने से बचाया।
इस मामले में मुस्लिम समुदाय ये पक्ष रखते हैं कि जिस जगह पर के लिए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा दरअसल मुसलमानों के पास उस जगह पर नमाज़ अदा करने की अनुमति है और वैसे भी हफ्ते भर में सिर्फ 15 मिनट के लिए खुले में नमाज़ अदा की जाती है, चूंकि तादाद लाखों में है और मस्जिद सिर्फ गिनती की इसलिए उन्होंने सड़क पर भी नमाज़ पढ़ने की अनुमति ले रखी है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारी, शुक्रवार दोपहर साढ़े 12 बजे के आसपास माइक और एक पोर्टेबल स्पीकर के साथ प्रार्थना स्थल के समीप एकत्र हुए जिसका माध्यम से वहां पर धार्मिक गीत और भजन गाने लगे।
प्रदर्शनकारियों को प्रार्थना स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए सेक्टर 47 में लगभग 100 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच गरमागरम बहस भी देखी गई, वो लगातार प्रार्थना स्थल पर जाने की कोशिश कर रहे थें। पुलिस ने पत्रकारों को भी प्रार्थना स्थल तक जाने से रोका और इलाके की घेराबंदी कर दी। प्रदर्शनकारी सार्वजनिक स्थानों पर नमाज नहीं रोकने को लेकर सरकार के खिलाफ भी खूब नारेबाजी करते दिखे।
इधर पुलिस ने पहले ही मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को किसी तरह के टकराव से बचने के लिए सुभाष चौक की ओर से प्रार्थना स्थल पर पहुंचने के लिए कह दिया था। सदर एसीपी अमन यादव ने बताया, “नमाज़ शांतिपूर्वक अदा की गई थी। पिछले सप्ताह, हमने दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें भी की हैं और हम इस मुद्दे को सुलझाने की दिशा में काम कर रहे हैं।”
सेक्टर 47 उन 37 नामित जगहों की सूची में से एक है जहां खुले में नमाज़ अदा करने की अनुमति है। इसे प्रशासन द्वारा दोनो समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श के बाद दी गई थी। इससे पहले 2018 में भी कई बार इस तरह के अवरोधों की खबर ऊपर आई थी, स्थानीय निवासियों का कहना था की ये व्यवस्था स्थाई नहीं थी बल्कि सिर्फ एक दिन के लिए दी गई थी। दूसरी तरफ वहां कई सालों से नमाज़ पढ़ने जाने वाले लोगों का कहना है कि सारा मामला पिछले कुछ हफ्तों से शुरू हुआ है। इससे कुछ लोग राजनैतिक फायदा उठाना चाहते हैं।
कुछ हफ्ते पहले हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने मुस्लिमों को निर्देश दिया था कि वो मूल प्राथना स्थल से करीब 100 मीटर दूर चले जाएं और मुस्लिमों ने शांतिपूर्वक ये बातें मान ली थी। उसके बाद भी कुछ लोग विरोध प्रदर्शन जारी रख रहे हैं।
एक मीडिया वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, दिनेश भारती नामक एक हिंदुत्व समूह “भारत माता वाहिनी” के नेता इन सारे विरोध प्रदर्शन के पीछे हैं, जिन्हें पहले भी जुमे की नमाज में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। भारती ने अपने एक कथन में कहा था, ‘यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है। लव जिहाद, लैंड जिहाद की इस साजिश के तहत वे खुले में नमाज अदा कर रहे हैं। अगर हम आवाज नहीं उठाएंगे तो वे यहां पर मस्जिद बना लेंगे।”
दिनेश भारती ने अपने सोशल मीडिया के अकाउंट से कई बार नफरती वीडियो शेयर कर रखा है, एक वीडियो में वो अपने अनुयायियों को खुले में नमाज़ अदा करने वाले मुसलमानों को तितर बितर करने के लिए भी कहते हैं। “अगर सरकार ने इसे नहीं रोका, तो हम यहां एक गौशाला और एक गुरुकुल खोलेंगे, और यहां एक हनुमान मंदिर का निर्माण करेंगे,” वह वीडियो में कहते दिख रहे थे। इस वीडियो को 24 सितंबर को पोस्ट किया गया था।
इधर गुड़गांव नागरिक एकता मंच के संस्थापक सदस्य अल्ताफ अहमद कहते हैं, गुरुग्राम के विभिन्न क्षेत्रों में हर शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों परेशान किया जा रहा है और इसकी सभी राजनैतिक दलों के राजनेताओं द्वारा निंदा की जानी चाहिए। प्रशासन को इस तरह के भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और इस गैरकानूनी विरोध के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। अल्ताफ अहमद ने ये भी कहा कि स्थानीय निवासियों को कुछ लोगों द्वारा सिर्फ इसलिए उकसाया जा रहा है ताकि वो राजनीतिक लाभ उठा सकें।
गुरुग्राम में इस तरह मामला कोई नया नहीं है, इससे पहले 2018 में भी खुले स्थानों में नमाज अदा करने वाले मुसलमानों पर हमले किए जाने की बात सामने आई थी, जब कुछ असामाजिक तत्वों ने सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा कर रहे मुसलमानों पर हमला किया और कथित तौर पर उन्हें ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने पर भी मजबूर किया था। इस तरह के हमले के बाद ही, हरियाणा में यति नरसिंहानंद जैसे विवादास्पद हिंदुत्व नेताओं द्वारा मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ “भूमि जिहाद” का आरोप लगाया गया था। खुले स्थानों में नमाज़ को राज्य की मंजूरी बताते हुए, नरसिंहानंद ने कहा था, “यह गुरुग्राम को नष्ट करने की साजिश है क्योंकि यह एक नया आर्थिक केंद्र है।”