Home Crime त्रिपुरा में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ जमकर हिंसा, मस्जिदों को बनाया गया निशाना

त्रिपुरा में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ जमकर हिंसा, मस्जिदों को बनाया गया निशाना

विशेष संवाददाता।Twocircles.net

बंगलादेश में बीते दिनों दुर्गा पूजा के पंडालों में हुई तोड़फोड़ के विरोध में हिंदूवादी संगठनों द्वारा त्रिपुरा में निकाली गई रैली में जमकर हिंसा करने का मामला सामने आया है। हिंसा में हिंदूवादी संगठनों द्वारा मस्जिदों को निशाना बनाया गया इसके अलावा मुसलमानों की दुकानों में भी तोड़फोड़ करने और आग लगाने की घटनाएं सामने आई हैं। हिंसा में लगभग 20 लोगों के घायल होने की ख़बर है। मुसलमानों के विरुद्ध त्रिपुरा में हो रहीं हिंसा के विरोध में जमीयत उलमा हिंद ने मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को ज्ञापन भी सौंपा है और मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील भी की हैं।

देश के नार्थ ईस्ट स्थित त्रिपुरा राज्य बांग्लादेश की सीमा से सटा है। तीन छोर से इसकी सरहदें बांग्लादेश से लगी हैं। दशहरा के दौरान दुर्गा पूजा में बंगलादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़क गई थी जिसमें दुर्गा पूजा के पंडालों में भी तोड़फोड़ हुई थी। बंगलादेश में हुई इस घटना के विरोध में अब त्रिपुरा में हिंदूवादी संगठन द्वारा रैली निकालकर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा हैं।

बांग्लादेश की घटना के विरोध में त्रिपुरा में 21 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदूवादी संगठन ने रैली कर प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन त्रिपुरा की राजधानी राजधानी अगरतला से 50 किलोमीटर दूर गोमती ज़िले से शुरू हुआ जहां पर विशाल मार्च निकाला गया। इसके साथ ही पश्चिमी अगरतला, धर्मनगर और उत्तरी त्रिपुरा के जिलों में भी प्रदर्शन हुए। इन हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन में हज़ारों की संख्या में भीड़ शामिल हुई।‌

प्रदर्शन कर रही हिंदूवादी संगठनों की भीड़ हिंसक हो उठी और मस्जिदों, मदरसों में जमकर तोड़फोड़ करी। अगरतला के अलावा कई अन्य जगहों पर मस्जिदों में तोड़फोड़ करी गईं और निशाना बनाया गया। इसके अलावा त्रिपुरा में मुस्लिम बस्तियों में भी तोड़फोड़ करी गई, मुस्लिमों की दुकानों में आगजनी की गई। जानकारी के अनुसार लगभग 10 से ज़्यादा मस्जिदों को निशाना बनाया गया। इस हिंसा में लगभग 20 लोगों के घायल होने की भी सूचना हैं।

हिंदूवादी संगठनों द्वारा आयोजित इस रैली के आयोजकों का कहना है कि उनके पास रैली की अनुमति थी, लेकिन जब उन्होंने कुछ अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के पास के इलाकों में जाने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया था, जिसके बाद पुलिस झड़प के भी हुई।‌ इस दौरान पुलिस पर पत्थरबाज़ी भी हुई। जिस इलाके में हिंदूवादी संगठनों द्वारा रैली आयोजित की गई थी उस इलाक़े में धारा 144 भी लगीं हुईं थीं, इसके बावजूद हिंदूवादी संगठनों की भीड़ वहां जमा हुईं।

आरोप लगाया गया हैं कि हिंदूवादी संगठनों द्वारा मुसलमानों पर करें गए हमलें में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं। त्रिपुरा में मुसलमानों पर हमलों को लेकर देश के कई मुस्लिम संगठनों की कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आई है और मुस्लिम संगठनों ने सरकार से मुसलमानों की सुरक्षा और राज्य में शांति व्यवस्था बनाने की अपील की है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद त्रिपुरा की ओर से इन घटनाओं के विरोध में मुख्यमंत्री और राज्य के डीजीपी को ज्ञापन दिया गया हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की त्रिपुरा ईकाई के अध्यक्ष मुफ्ती तैयब रहमान ने डीजीपी वीएस यादव और मुख्‍यमंत्री बिप्लब कुमार देब को दिए ज्ञापन में कहा कि लोगों का एक वर्ग राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है। मुफ्ती तैयब रहमान ने बंगलादेश में हुई संप्रदायिक घटना का भी विरोध भी जताया है।

त्रिपुरा में हुई घटनाओं पर त्रिपुरा पुलिस का कहना है कि कुछ छिटपुट घटानाएं हुई थीं, लेकिन कानून-व्यवस्था की कोई बड़ी घटना नहीं हुई थी। त्रिपुरा पुलिस ने मस्जिदों में तोड़फोड़ की घटना की पुष्टि करते हुए मीडिया से कहा कि वे लगभग 150 मस्जिदों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे घटनाओं की जांच कर रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज को भी जांचा जा रहा है।

हालांकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने के मामले में अब तक करीब 450 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है‌। और सांप्रदायिक हिंसा के लगभग 72 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। साथ ही घटना में शामिल मुख्य आरोपी को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया हैं।