आकिल हुसैन।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में आईएएस इफ्तिखारुद्दीन पर धर्मांतरण के आरोप लगाए जा रहे हैं। वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि आईएएस अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बैठे हैं और धर्म परिवर्तन के फायदे गिना रहे वक्ता को सुन रहे हैं,साथ ही वीडियो में यह भी दावा किया जा रहा है कि इफ्तिखारुद्दीन इस्लाम धर्म के प्रचार की बातें भी कर रहे हैं। हालांकि देश का संविधान इस बात की इजाजत देता है कोई भी व्यक्ति अपने धर्म का प्रचार-प्रसार कर सकता है। फिलहाल आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो पर बवाल मचा हुआ है, यूपी सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी से कराने के आदेश दिए हैं।
वायरल वीडियो में आईएएस इफ्तिखारुद्दीन किसी घर में एक धर्म गुरु के साथ कुछ मुस्लिम समुदाय लोगों के साथ बैठें हैं। वीडियो में आईएएस इफ्तिखारुद्दीन भी वहां बैठे हैं. वह भी धर्म से जुड़ी बातें करते दिख रहे हैं। वह कहते हैं कि अल्लाह की बादशाहत और निजामत पूरी दुनिया में कायम करनी है। वीडियो में एक वक्ता उपस्थित लोगों से कहता है कि अल्लाह ने उन्हें उत्तर प्रदेश के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है जहां से पूरे देश और पूरी दुनिया में काम किया जा सकता है।
वायरल वीडियो में वक्ता वहां मौजूद लोगों से कहता है कि पिछले दिनों पंजाब के एक भाई ने इस्लाम कबूल किया तो , मैंने उनसे कहा कि इस्लाम कबूल क्यों किया तुमने, जिस पर उन्होंने कहा कि बहन की मौत के कारण इस्लाम कबूल किया है, क्योंकि, जब उसको मरने पर जलाया तो कपड़ा जल गया वो निर्वस्त्र हो गई, सब देख रहे थे मुझे बहुत शर्म आई। मैं वहां से निकल गया फिर मैंने सोचा कि आज तो मेरी बहन को लोग देख रहे हैं, मेरी बेटी भी है, कल उसको भी लोग देखेंगे मरने के बाद ये भी ऐसे ही जलेगी। फिर मेरे दिल में आया कि इस्लाम से अच्छा कोई धर्म नहीं है। मुझे कबूल कर लेना चाहिए, ऐसे लोग इस्लाम कबूल कर रहे हैं, ऐसी ऐसी चीजें जरिया बन रही हैं लोगों के इस्लाम कबूल करने के लिए।
वायरल हो रहें वीडियो में आईएएस इफ्तिखारुद्दीन कहते दिख रहें हैं कि ऐलान करो बताओ पूरी दुनिया के इंसानों को कि अल्लाह और रसूल के मिशन को आगे बढ़ाएं। अल्लाह के नूर का ईद नाम होना है, पूरे ज़मीं पर अल्लाह का निज़ाम दाखिल होना है। कैसे होगा यहां पर जो इंसान बैठे हैं, इनको यह काम करना चाहिए, जरूर करना चाहिए नहीं तो अल्लाह इनको पकड़ेगा।
हालांकि आधिकारिक तौर पर इन वीडियो की पुष्टि नहीं हुई है। वायरल हो रहा वीडियो कब का है, किसने शूट किया है और कहां का है, यह कुछ साफ़ साफ़ नहीं है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो वीडियो में कानपुर का जिक्र है तो माना जा रहा है कि यह वीडियो उनकी कानपुर पोस्टिंग के दौरान उनके सरकारी आवास का है, इफ्तिखारुद्दीन लगभग पांच साल पहले कानपुर के मंडलायुक्त के पद पर थे।
आईएएस इफ्तिखारुद्दीन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की एसआईटी से जांच कराने के आदेश दिए हैं। एसआईटी का अध्यक्ष डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा को बनाया गया है, एसआईटी में एडीजी कानपुर को भी शामिल किया गया है। एसआईटी 7 दिन में जांच करके अपनी रिपोर्ट देगी। इससे पहले कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने वायरल वीडियो की जांच करने के भी आदेश दिए थे।
इसस पहले मठ-मंदिर समन्वय समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वरिष्ठ आईएएस सनातन धर्म के विरुद्ध प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, जिससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।
उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने इस प्रकरण पर कहा हैं कि जिस तरह से वीडियो सामने आया है उसकी जांच की जा रही है,ये गंभीर मुद्दा है। धर्मांतरण को लेकर सरकार ने कानून बनाया हुआ है जो भी ये करता पाया जाएगा उसको छोड़ा नहीं जाएगा चाहे वो कोई भी हो। इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है हर वीडियो सही पाया जाएगा तो कार्यवाही की जाएगी।
बिहार के सिवान के रहने वाले इफ्तिखारुद्दीन 1985 बैच के यूपी काडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे 2014 से लेकर 2016 के आखिर तक कानपुर में मंडलायुक्त के पद पर रहें। जब 2017 में यूपी में योगी सरकार आई तो उनका स्थानांतरण किया गया। फिलहाल वे लखनऊ में परिवहन विभाग में यूपीएसआरटीसी के चैयरमेन पद पर तैनात हैं।
आईएएस इफ्तिखारुद्दीन का यह वीडियो ऐसे समय पर वायरल हो रहा है जब यूपी धर्मांतरण के आरोप में कई बड़े इस्लामिक स्कालर की गिरफ्तारी हुई हैं और यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले इस वीडियो का वायरल होना कई सवाल खड़े करता है।