उत्तर प्रदेश में मीट की दुकानें खुलेंगी या बंद रहेंगी ! इस पर घोर कन्फ्यूजन है। यूपी सरकार की गाइडलाइंस में तो इन दुकानों को कुछ हिदायत के साथ खोलने के लिए कहा गया है मगर स्थानीय नगर प्रशासन ने कई जगह दुकानें बंद करवा रखी है। हालात यह है कि कुछ डीएम ने बयान जारी कर दुकानें बंद होने के पीछे सरकारी आदेश न् होने की बात भी कही है।इससे कन्फ्यूजन बन रहा है कि सही क्या है ! ऐसी ही कहानी गाजियाबाद जनपद की भी है। Twocircles.net के लिए गाजियाबाद के लोनी से अहमद कासिम की यह रिपोर्ट पढ़िए …
1 अप्रेल 2022 को गाज़ियाबाद नगर निगम ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी की ओर निर्देशित किया गया था कि नवरात्र के 9 दिनों तक शहर में मीट की दुकानों को पूरी तरह बंद रखा जाए। नोटिस में लिखा गया कि “2 अप्रैल से 10 अप्रैल तक नवरात्र पर्व का शुभारंभ हो रहा है, इसके मद्देनज़र शहर की सफाई व्यवस्था के साथ-साथ शहर के सभी मंदिरों की सफाई सुनिश्चित की जाए” साथ ही महापौर के कार्यालय से जारी पत्र में नवरात्र के दौरान शहर की सभी मांस की दुकानों को अगले 9 दिनों के लिए बंद करने के निर्देश जारी किया गया था।
अब इस मामले में अपडेट यह आया है कि महापौर आशा शर्मा ने 2 अप्रेल को मामले के तूल पकड़ने के बाद एक और आदेश जारी किया है, इस आदेश में लिखा गया है कि “मीट बैन करने को लेकर हम यूपी सरकार की गाइडलाइन्स का पालन करेंगे”।
इस मामले पर बात करते हुए गाज़ियाबाद कि महापौर आशा शर्मा कहती हैं कि “मामले को हिन्दू-मुस्लिम की नज़र से ना देखा जाए, हम उन दिशा निर्देशों का पालन करने की बात कर रहे हैं जो शासन ने लागू किए हैं, अब आप शासन से मालूम करें कि कितनी दुकाने बंद रहेंगी और क्या खुलेगा, इस मामले को बेवजह तूल ना दिया जाए”।
18 वर्षीय अमन कुरैशी, गाज़ियाबाद के इस्लामनगर में मीट शॉप चलाते हैं, अमन को नगर निगम द्वारा जारी नए आदेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है इसीलिए उन्होंने अपनी दूकान बंद की हुई है। अमन कहते हैं कि “हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, जैसे हमारे रोज़े हैं वैसे ही हमारे लिए नवरात्र है, लेकिन हमारी दुकानों के आसपास कोई मंदिर मौजूद नहीं है और हम साफ़-सफाई का भी पूरी तरह ख्याल रखते हैं फिर भी दुकाने बंद करवा दिए जाने से रमज़ान के दौरान काम एकदम ठप हो गया है, इस वक़्त घर बैठने पर मजबूर होना पड़ रहा है”।
नए आदेश के बारे में सवाल करने पर अमन कहते हैं कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है “हमें तो इतना पता है कि 9 दिन दुकाने बंद करने के आदेश हैं, दूकान खोलेंगे तो दस हज़ार का चालान हो जाएगा इसलिए दूकान की तरफ जा ही नहीं रहे हैं, दूकान में माल सड़ रहा है अब क्या करें ? घर का खर्चा कैसे चलाएं ?
महापौर आशा शर्मा से इस बारे में किए जाने पर वो कहती हैं कि “ऐसा कुछ नहीं है, ये एक रूटीन कार्रवाई है, आप बताइये कि कौन दूकान नहीं खोल रहा है, जैसा सरकार का आदेश होगा उसका पालन किया जाए, साफ़ सफाई का ध्यान रखा जाए, किसी का चालान नहीं कटने वाला है”
नया गाज़ियाबाद इलाके में मीट शॉप चलाने वाले 28 वर्षीय आशिक़ कुरैशी बताते हैं कि उन्होंने कुछ रोज़ पहले ही नई दुकाने खोली हैं और इस आदेश के बाद वे अपनी दुकाने बंद करके घर बैठे हुए हैं, आशिक़ नए बताया कि इलाके की सभी दुकाने पूरी तरह बंद हैं, “त्यौहार सबके ख़ास होते हैं,लेकिन रमज़ानों में हमारी दुकाने बंद होने से घर के खर्च पर गहरा असर पड़ रहा है”
महापौर के मुताबिक़ दुकाने बंद करने के आदेश वापस लिए गए हैं लेकिन राजनगर में मीट शॉप पर काम करने वाले 35 वर्षीय रहमत इलाही का कहना है कि खबरों में पढ़ने के बाद उन्होंने 3 अप्रेल को अपनी दुकान खोल ली थी, उन्होंने बताया कि “मेरी दुकान डीएम ऑफिस के करीब में है, मैं अपनी दुकान खोलकर बैठा था तभी वहां पुलिस आयी और दुकान बंद करने को कहा, मैंने नए आदेश का हवाला दिया तो उन्होंने कहा कि उनके पास अभी ऐसा कोई नोटिस नहीं है”
नगर निगम गाज़ियाबाद मीट बैन को लेकर यूपी सरकार की गाइडलाइंस के पालन की बात कर रहा है लेकिन यूपी सरकार नए अबतक मीट बैन को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं।
लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने पूर्व में त्योहारों के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने की कई अपीलें जारी की थीं। गुरुवार को उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में कई रेस्तरां मांस बेच रहे हैं और उन्होंने अधिकारियों से कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।