आकिल हुसैन। Twocircles.net
देशभर में घरों दुकानों को बुलडोजर से गिराने का एक ट्रेंड बनता जा रहा है। ताज़ा मामला हरदोई जनपद का हैं जहां नगर पालिका परिषद ने कई मकानों और दुकानों को अवैध बताते हुए नोटिस जारी किया हैं। ग़ौर करने वालीं बात यह है कि सभी मकान और दुकान मुस्लिम समुदाय के लोगों के हैं। हरदोई नगर पालिका परिषद की तरफ़ से इससे संबंधित हिंदुस्तान अख़बार में एक नोटिस भी प्रकाशित किया गया है।
हरदोई नगर पालिका परिषद ने 13 मुस्लिम परिवारों को नोटिस जारी करते हुए उनके मकानों और दुकानों को अवैध और अनाधिकृत कब्ज़े वाला बताया है। नोटिस में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यदि निर्धारित समय के अंदर कब्ज़ा नहीं हटाया गया तो प्रशासन द्वारा कार्रवाई करके कब्ज़ा हटाया जाएगा। नोटिस में बाकायदा उन 13 मकान – दुकान के स्वामी के नाम भी प्रकाशित करें गए जिन्हें नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने को कहा गया है।
हरदोई नगर पालिका परिषद द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि मोहल्ला बैटगंज के तालाब की भूमि और उससे लगे सनातन धर्म इंटर कॉलेज की भूमि पर अवैध रूप से निर्माण किया गया है। पालिका परिषद का कहना है कि उक्त भूमि की नाप में निर्माण नियमों के विपरीत और अनाधिकृत पाया गया हैं। पालिका प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमणकर्ताओं को पहले भी नोटिस जारी की जा चुकी है, उसके बावजूद अवैध निर्माण को नहीं हटाया गया है।
हरदोई पालिका परिषद ने नोटिस में कहा है कि अगर निर्धारित समय के अंदर अनाधिकृत कब्ज़ा नहीं हटाया गया तो प्रशासन द्वारा कार्रवाई करके कब्ज़ा हटाया जाएगा। प्रशासन ने यह नोटिस 13 लोगों को ज़ारी किया जिनमें सभी मुस्लिम हैं। नोटिस पाने वालों में हबीब पुत्र रमज़ानी, सगीर अहमद पुत्र सलीम अहमद, नसीर पुत्र नईम, शमीम पुत्र मोहम्मद जामिन, शाकिरा पत्नी मोहम्मद उल्लाह, इमरान पुत्र इस्लाम, अब्दुल हमीद पुत्र अब्दुल हकीम, जुवैद पुत्र अली रज़ा , निसार पुत्र ताज मोहम्मद, मोहम्मद मोबीन, मुख्तार अंसारी पुत्र शौकत अली, शमी अख्तर, निगाहत परवीन शामिल हैं।
हरदोई के पत्रकार आमिर ख़ान Two Circle.net से बात करते हुए बताते हैं कि, “जिन मकान और दुकानों को अवैध बताते हुए नोटिस जारी किया गया है वे सब लगभग 30-35 साल पुराने हैं, यह मक़ान बैटगंज मोहल्ले में जो हरदोई का सबसे पुराना मोहल्ला हैं और इसे पुराना हरदोई भी कहा जाता है, ख़ास बात यह है कि यह पूरा इलाका मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं”।
आमिर बताते हैं कि, ‘ बैटगंज मोहल्ले में एक सरकारी तालाब था, धीरे धीरे आबादी बढ़ती गई और तालाब पर निर्माण भी होता चला गया। लेकिन तब किसी ने नोटिस नहीं दिया और आज लगभग 30 साल बाद अचानक से उनको अनाधिकृत बताया जा रहा है , जिससे यह साफ़ जाहिर है कहीं न कहीं लोगों को निशाना बनाया गया है’।
हरदोई के नदीम Two Circle.net से बताते हैं कि जिनको अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया गया है उनके घर और दुकान का कुछ हिस्सा ग्राम पंचायत के तालाब की ज़मीन पर हैं लेकिन वे सब 30 साल पुराने मकान हैं। नदीम के अनुसार यह कार्रवाई कहीं न कहीं राजनीति से प्रेरित है। बैटगंज मोहल्ला हरदोई का पुराना और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 2.0 आने के बाद अवैध निर्माणों पर योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर ने फिर से कहर बरपाना शुरू कर दिया है। वहीं विपक्षी दल लगातार कह रहे हैं कि बुलडोजर के नाम पर असहमतियों और विरोध के स्वर को दबाया जा रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी सरकार बुलडोजर का राजनैतिक इस्तेमाल कर रहीं हैं। वहीं सरकार का कहना है कि वो हर ज़िले में अवैध निर्माणों को ख़त्म कर रहे हैं।