न्यूज़ डेस्क। Two circles.net
बहुजन समाज पार्टी ने यूपी के दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। बहुजन समाज पार्टी की इस सूची में 51 प्रत्याशियों के नाम हैं। दूसरे चरण में कुल 55 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है। बसपा की इस सूची में खास बात यह है कि 51 प्रत्याशियों में से 23 मुस्लिम उम्मीदवार हैं। इससे पहले जब बसपा ने पहली लिस्ट जारी की थी तब 53 उम्मीदवारों में से 14 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी थे।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने दूसरे चरण की 55 सीटों में से 51 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इस सूची में लगभग 45 प्रतिशत मुस्लिम नाम हैं। बसपा ने सहारनपुर की बेहट सीट से रईस मलिक, नकुड़ से साहिल खान और गंगोह से नोमान मसूद को टिकट दिया है। वहीं बिजनौर के नजीबाबाद से शाहनवाज आलम, बढ़ापुर से मोहम्मद गाजी, धामपुर से कमाल अहमद, चांदपुर से शकील हाशमी और नूरपुर से हाजी जियाउद्दीन अंसारी को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके अलावा मुरादाबाद की कांठ सीट से आफाक अली खां, ठाकुरद्वारा से मुजाहिद अली, मुरादाबाद देहात से अकील चौधरी, मुरादाबाद नगर से इरशाद हुसैन सैफी, कुंदरकी से हाजी चांद बाबू मलिक को टिकट दिया हैं।
बसपा ने संभल की असमोली से रफत उल्ला, संभल से शकील अहमद कुरैशी और गुन्नौर से फिरोज को टिकट दिया गया है। रामपुर की चमरौव्वा सीट से अब्दुल मुस्तफा हुसैन और रामपुर से सदाकत हुसैन को टिकट दिया गया है। अमरोहा की नौगांव सादात सीट पर शादाब खान, अमरोहा शहर से मोहम्मद नावेद अयाज को टिकट दिया है। बदायूं की सहसवान से हाजी बिट्टन मुसर्रत और शेखुपुर से मुस्लिम खान को टिकट दिया है। शाहजहांपुर की तिलहर सीट से नवाब फैजान अली खान को मायावती ने टिकट दिया है।
दूसरे चरण में जिन जिलों में चुनाव होने हैं उनमें सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर शामिल हैं। इनमें से अधिकतर ज़िले मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में आते हैं। सपा – आरएलडी गठबंधन ने भी इन अधिकत्तर सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है। बसपा प्रमुख मायावती पर मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के आरोप लगते रहते हैं।
विपक्षी दल बसपा पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाते रहे हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने अभी तक यूपी चुनाव के प्रचार से दूरी बनाई हुई है। सपा, कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता बसपा प्रमुख मायावती पर मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण कर बीजेपी को फायदा पहुंचाने के आरोप लगाते आए हैं। बहुजन समाज पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुसलामानों का 17 प्रतिशत वोट मिला था।