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छेद्दू सिराथू : यूपी के डिप्टी सीएम को चुनौती दे रहा एक दिलचस्प उम्मीदवार

आकिल हुसैन।Twocircles.net

उत्तर प्रदेश की सिराथू विधानसभा एक हाई-प्रोफाइल सीट बन चुकी है, वजह हैं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का वहां से चुनाव लड़ना। अभी फिलहाल सिराथू विधानसभा में किसी अन्य विपक्षी दल ने प्रत्याशी नहीं घोषित करें हैं, लेकिन टिकट के दावेदार पूरे दम-खम, लाव-लश्कर के साथ चुनावी मैदान में हैं। वहीं इसी विधानसभा में एक प्रत्याशी ऐसा भी हैं जो अकेले पैदल विधानसभा क्षेत्र में एकदम अनोखे तरीक़े से प्रचार कर लोगों से अपने लिए वोट की अपील कर रहा है। इस प्रत्याशी का नाम छेद्दू चमार हैं जो सिराथू से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है।

कौशांबी ज़िले की सिराथू विधानसभा के गांव तैयबपुर का रहने वाला 52 वर्षीय छेद्दू चमार इस बार निर्दल प्रत्याशी के तौर पर सिराथू विधानसभा से तीसरी बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। छेद्दू चमार साइकिल पर गांव गांव फेरी लगाकर बर्तन बेचने का काम करता है। छेद्दू चमार Two Circles.net से बातचीत में कहते हैं कि वे दसवीं बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं , इससे पहले भी वे कई बार विधानसभा, लोकसभा और पंचायत का चुनाव लड़ चुके हैं। छेद्दू पिछले 22 साल से लगातार हर चुनाव लड़ रहे हैं।

छेद्दू Two Circles.net से बताते हैं कि वे दो बार लोकसभा, दो बार विधानसभा, तीन बार ज़िला पंचायत सदस्य, दो बार बीडीसी का चुनाव लड़ चुके हैं। छेद्दू बताते हैं कि वे एक बार सन् 2001 में ब्लाक प्रमुख का चुनाव भी लड़ चुके हैं, तब वो बीडीसी का चुनाव जीते थे।‌ छेद्दू कहते हैं कि हालांकि वे पैसे के अभाव के चलते ब्लाक प्रमुख का चुनाव हार गए थे।

छेद्दू चमार ने अपना पहला चुनाव सन् 2001 में बीडीसी का लड़ा था और जीत हासिल की थी। उन्होंने इसके बाद ज़िला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और हार नसीब हुईं। छेद्दु चमार ने 2012 और 2017 का विधानसभा चुनाव सिराथू से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ा। इसके अलावा छेद्दू निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव कौशांबी लोकसभा क्षेत्र से लड़ चुका है। 2017 विधानसभा चुनाव में उनको 1,147 वोट मिले थे और वो 11वें स्थान पर था। 2019 के कौशांबी लोकसभा चुनाव में छेद्दु को 3,566 वोट मिले थे और 13 प्रत्याशियों में उसे 11वां स्थान हासिल हुआ था।

छेद्दू कहते हैं कि वे गांव गांव साईकिल से जाकर बर्तन की फेरी लगाकर अपना जीवन यापन करते हैं। छेद्दू कहते हैं कि वे बेहद निर्धन परिवार से हैं। छेद्दू बताते हैं कि जब चुनाव क़रीब आता है तो वो चुनाव में नामांकन के लिए लगने वाले पैसे धीरे-धीरे इकट्ठा करना शुरू कर देते हैं। छेद्दू कहते हैं कि उन्हें चुनाव का लड़ने का शौक है और नारायण अपनी कृपा से उनका यह शौक पूरा कराता है।

छेद्दू चमार Two Circles.net से कहते हैं कि देश में लोकतंत्र हैं हर इच्छुक व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है चाहें वो अमीर हो या उनके जैसा कोई ग़रीब। छेद्दू बताते हैं कि उनसे क्षेत्रवासियों की समस्या नहीं देखी जाती है फिर चाहे वो बेरोजगारी की हो या महंगाई हो या अस्पतालों में इलाज की हो। वे कहते हैं कि वो जीतकर इन सब समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं।

छेद्दू चमार बताते हैं कि उन्होंने कभी स्कूल की शक्ल नहीं देखी बस लिखना पढ़ना जानते हैं, लेकिन उर्दू और अरबी के वो जानकार हैं। वे बताते हैं कि अरबी को अच्छे से लिख-पढ़ लेते हैं।

छेद्दू Two circles.net से कहते हैं कि वे नारायण भगवान के एकदम पक्के भक्त हैं,हर तरह के गलत कामों से दूर रहते हैं। वे कहते हैं कि वे इस्लाम धर्म में आखिरी पैगंबर रहें मोहम्मद साहब को भी मानते हैं और आपकी बेटी हज़रत ज़ैनब को भी मानते हैं। छेद्दु कहते हैं कि हज़रत अली के साथ साथ वे हज़रत हसन, हज़रत हुसैन को भी मानते हैं और उनकी याद में मुहर्रम के महीने में वे नौहा भी पढ़ते और गाते हैं।

छेद्दू चमार अब फिर से सिराथू से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उनका प्रचार का तरीक़ा एकदम अलग है। छेद्दू बकाएदा बाजा बजाते हुए लोगों को अपने तरफ आकर्षित कर वोट मांगते हैं। उन्होंने चार लाइन में एक बैनर में अपनी पूरी बात लिख दी है। वे कहते हैं एक घर से एक वोट ही चाहिए। छेद्दू चमार कहते हैं न इधर देखो न उधर देखो, 2022 में छेद्दू को देखो।

छेद्दू कहते हैं कि प्रचार के समय वे हर घर से बस एक वोट की मांग कर रहे हैं। वे कहते है कि चुनाव प्रचार के लिए वे सुबह घर से अकेले और पैदल निकलते हैं और गांव कस्बों में वोट की अपील करते हैं। छेद्दू कहते हैं कि उन्हें चुनाव हारने से फर्क नहीं पड़ता और न ही बुरा लगता है बल्कि आगे चुनाव लड़ने के लिए हौसला मिलता है।

छेद्दू कहते हैं अभी तक पार्टी के नेताओं ने क्षेत्र की जनता को सिर्फ लूटा है। वे कहते हैं कि उनकी क्षेत्र की जनता से अपील है कि सिर्फ एक बार उन्हें मौका दे, अगर वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीतते हैं तो क्षेत्र में ऐसा कार्य करके दिखाएंगे शायद कोई पार्टी का नेता ऐसा काम करके दिखाएं।

छेद्दू के परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे और एक बेटी है। दोनों बेटे मज़दूरी का काम करते हैं। छेद्दू चमार के गांव तैयबपुर के आदिल Two Circles.net से बात करते हुए कहते हैं कि छेद्दू बहुत ही ज़मीन से जुड़ा हुआ व्यक्ति हैं, इसके पास अपना कोई मोबाइल फोन तक नहीं हैं। वे कहते हैं कि छेद्दू को उर्दू की बहुत अच्छी जानकारी हैं। आदिल बताते हैं कि छेद्दू को चुनाव लड़ने का शौक़ है और वो पूरे विधानसभा क्षेत्र में घूम-घूमकर दमदारी से अपने लिए वोट मांग रहा है। वे कहते हैं कि छेद्दू का वोट मांगने का तरीक़ा पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहता है।