स्टाफ रिपोर्टर।twocircles.net
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शुक्रवार को उलेमा और बुद्धिजीवियों से न्यूज़ चैनलों की डिबेट्स और बहस में भाग न लेने की अपील की है। इसको लेकर पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि टीवी चैनलों की डिबेट में हिस्सा न ले जिनका मकसद केवल इस्लाम और मुसलमानों का उपहास करना और उनका मजाक उड़ाना है। पत्र में चैनलों की डिबेट में जाने वाले लोगों से टीवी डिबेट का बहिष्कार करने की अपील की गई है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि टीवी चैनलों की डिबेट का मकसद इस्लाम और मुसलमानों का मजाक उड़ाना और उन्हें बदनाम करना है। इसलिए इन टीवी चैनलों की डिबेट में हिस्सा न ले।
जारी पत्र में कहा गया है कि उलेमा और बुद्धजीवी इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर इस्लाम और मुसलमानों की कोई सेवा नहीं कर पाते बल्कि उपहास का विषय बनता है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य रचनात्मक चर्चा के माध्यम से किसी निष्कर्ष पर पहुंचना नहीं है। टीवी चैनल्स अपनी तटस्थता साबित करने के लिए एक मुस्लिम चेहरे को भी बहस में शामिल करना चाहते हैं, हमारे उलेमा और बुद्धिजीवी अज्ञानतावश इस षड्यंत्र के शिकार हो जाते हैं।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कहा गया है कि यदि हम इन कार्यक्रमों और चैनलों का बहिष्कार करते हैं तो इससे न केवल उनकी टीआरपी कम होगी बल्कि वे अपने उद्देश्य में बुरी तरह विफल भी होंगे।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का यह बयान संयुक्त रूप से बोर्ड अध्यक्ष मौलाना सैयद मुहम्मद राबेअ हसनी नदवी, उपाध्यक्ष मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी, मौलाना काका सईद अहमद उमरी, मौलाना सैयद शाह फखरुद्दीन अशरफ, जमीयत उलेमा-ए-हिंद अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी, डॉ. सैयद अली मुहम्मद नकवी की ओर से जारी किया गया है।