जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net
पूर्व भाजपा प्रवक्ता द्वारा पैगंबर मोहम्मद के ऊपर की गई विवादित टिप्पणी के खिलाफ शुक्रवार को रांची में चल रहा विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और भीड़ बिल्कुल भी हिंसक नही थी। स्थानीय लोगों की माने तो प्रशासन के अतिउत्साही कदम ने माहौल बिगाड़ने का काम किया। भीड़ की नारेबाजी के बाद पुलिस ने संयम रखने की बजाय उनपर लाठी चला दी और इसके बाद भीड़ उग्र हो गई और पथराव करने लगी। चश्मदीदो के मुताबिक इसके बाद प्रशासन् ने सीधे गोली चलाई जिसमे लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए।
रांची में इस प्रदर्शन् के दौरान पुलिस की स्पष्ट बर्बरता भी देखने को मिली। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण ढंग से हो रहे प्रदर्शन पर लाठीचार्ज और गोलीबारी की, जिसमें दो मुस्लिम नौजवानों की मृत्यु और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। शुक्रवार को देश के 12 राज्यों में मुसलमानों द्वारा पैगम्बर मोहम्मद की ईशनिंदा किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे । भाजपा के अब निष्कासित नेता, नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के विवादित टिप्पणी से आहत मुसलमानों ने इस प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, बंगाल और गुजरात, हैदराबाद इत्यादि के कई शहरों में शुक्रवार की नमाज़ के बाद विरोध प्रदर्शन निकाला गया था।
इन्हीं प्रदर्शन में मौजूद लोगों के ऊपर कई शहरों में लाठीचार्ज की गई। सोशल मीडिया पर, कल के कई वीडियो वायरल हुए हैं जहां पुलिस प्रदर्शनकारियों पर गोली मारती और उन्हें लाठी से पिटती दिख रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों की तरफ से की गई पत्थरबाज़ी के जवाब में ही लाठीचार्ज की गई थी। स्थानीय लोग इससे अलग बात कह रहे हैं। झारखंड से वायरल एक वीडियो में पुलिस को “मारिए न सर, गोली चलाइए” कहते हुए साफ सुना जा सकता है।
हालांकि बाकी राज्यों की तुलना में सबसे दिल दहलाने वाली ख़बरें झारखंड से ही आई है। जहां दो मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के मौत हो चुकी है। अभी झारखंड की स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए जगह जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए हैं और कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को भी बंद करवा दिया गया है।
झारखंड पुलिस का दावा है कि जब उन्होंने प्रदर्शनकारियों को पीछे हटने को बोला तो उनके ऊपर पत्थरबाजी की गई थी। जिसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। बताया जा रहा है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा को भी चोटें आई हैं। फिलहाल रांची मेन रोड और डेली मार्केट क्षेत्र सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
देर रात ही, रांची में दोनो मुस्लिम युवकों, मुदस्सिर और साहिल के मौत होने की पुष्टि उनके घरवालों ने कर दी थी। मुदस्सिर इस्लामनगर निवासी था और साहिल क्रिस्टिया नगर में रहा करता था। इसके अलावा भी कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। एक प्रत्यक्ष के अनुसार, कम से कम 15 लोग गोली लगने की वजह से घायल हुए है।
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर भी भीड़ को तीतर बितर करने के लिए पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे गए। हावड़ा में भी लाठी चार्ज किए जाने की खबर है।
उत्तर प्रदेश की करें तो कानपुर, प्रयागराज, सहारनपुर, फिरोजाबाद, मुरादाबाद इत्यादि से भी विरोध प्रदर्शन किए जाने की सूचना है। जिसमें, एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज और सहारनपुर में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठी बरसाई गई।
इधर दिल्ली के जामा मस्जिद से लेकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। शुक्रवार की नमाज़ के बाद सैकड़ों की संख्या में यहां लोग एकत्र दिखे। छात्रों ने भाजपा प्रवक्ता की गिरफ्तारी की मांग की। पूरे समय विश्वविद्यालय के गेट के बाहर पुलिसकर्मियों की दो बसें मौजूद थीं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक छात्र, महबूब नसर ने जामिया परिसर में हुए प्रदर्शन के बारे में TwoCircles.Net को बताया कि “ये एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन था, इसमें शामिल होने वाले सारे लोग नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थें।”
जेएमआई के ही एक दूसरे छात्र कैफउद्दीन ने बताया, “हम मुसलमानों के लिए पैगंबर मुहम्मद साहब बहुत प्यारे हैं, हम उनके खिलाफ किसी भी तरह की कोई अपमानजनक बात बिल्कुल बर्दाश्त नही करेंगे। हमारा पूरा विरोध प्रदर्शन सिर्फ इसलिए था कि ईशनिंदा करने वाले दोनो व्यक्तियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।”
हैदराबाद में शुक्रवार की नमाज़ के बाद मक्का मस्जिद के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन पर स्थानीय अबुहामजा ने TwoCircles.Net को बताया, “यहां युवाओं के एक समूह ने शुक्रवार की नमाज़ मक्का मस्जिद में पढ़ने के बाद, मुगलपुरा दमकल थाने तक एक रैली निकाली थी। उन्होंने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी भी की।”
प्रदर्शनकारियों पर चली लाठियां और गोलीबारी पर दिल्ली निवासी, छात्र नेता, ताज़ीम खान ने बताया कि, “पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज बेहद निंदनीय है।” वो कहते हैं, “आखिर नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी अबतक क्यों नहीं हो सकी है? अगर गिरफ्तारी हो चुकी होती तो लोगों को ये प्रदर्शन करने की ज़रूरत ही नही रहती।” ज्ञात हो कि पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की अप्पतिजनक टिप्पणियों के बाद से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया था, दुनिया के कोने कोने से उसकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।