जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net
प्रयागराज के जावेद मोहम्मद को हिंसक विरोध प्रदर्शन करने की कथित साजिश के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद आज उनके घर पर बुलडोजर चला दिया गया। इससे पहले जावेद की पत्नी और एक 19 वर्षीय पुत्री को भी पुलिस की हिरासत में रखा गया था। उनकी दूसरी पुत्री, छात्र नेता आफरीन फातिमा ने परिवार पर हो रहे अत्याचार के बारे में एक वीडियो संदेश जारी कर पहले ही बताया था,मगर उनकी कोई मदद नही हो सकी ! खास बात यह है कि आफरीन फातिमा का यह घर उनकी अम्मी का है जिसे उनके पिता को ससुराल से गिफ्ट के तौर पर मिला था।
इससे पहले उनके पिता ,माता और बहन को पुलिस ने हिरासत में लिया था जिसकी शिकायत में उन्होंने कहा था, “हम अपने पिता जावेद मोहम्मद, मां परवीन फातिमा और बहन सुमैया फातिमा की सुरक्षा के लिए तत्काल चिंता के साथ ये शिकायत लिख रहे हैं, जिन्हें कल इलाहाबाद पुलिस द्वारा बिना किसी नोटिस या वारंट के उठाया गया था, और पिछले कई घंटों से उनके ठिकाने का पता लगा पाने में हम असमर्थ हैं।”
हालांकि रविवार की सुबह आफरीन की मां और बहन को छोड़ दिया गया था। लेकिन दोपहर में उनके घर को पुलिस की भारी तैनाती के बीच दो जेसीबी बुलडोजर के ज़रिए ध्वस्त कर दिया गया।
इससे पहले, आफरीन के परिवार को शनिवार की रात सूचित किया गया था कि प्रयागराज के नगर निकाय ने नोटिस लगाकर घर विध्वंस करने के लिए, रविवार तक घर खाली करने को कहा है। इस नोटिस में ये भी दावा किया गया कि “घर एक अवैध निर्माण है, और इससे पहले, 10 मई को ही परिवार को नोटिस भेजा जा चुका है कि 24 मई को सुनवाई होनी है। लेकिन परिवार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।”
इधर आफरीन के अनुसार उनके परिवार के सदस्यों को अतीत में कोई नोटिस नहीं दिया गया था, और यह सिर्फ और सिर्फ कुख्यात “बुलडोजर राजनीति” का हिस्सा है। उनके घर को प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की तरफ से तोड़ा गया है।
केके रॉय, जावेद मोहम्मद के परिवार के वकील ने जानकारी दी, “जिस घर को आज तोड़ा गया है वो घर जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन फातिमा के नाम पर दर्ज है। प्रयागराज सिविक अथॉरिटी के दस्तावेजों में भी फातिमा का नाम ही दर्ज है।” उन्होंने आगे बताया, “सरकार ने जो नोटिस जारी किया है वो जावेद मोहम्मद के खिलाफ का है, जबकि संपत्ति जावेद मोहम्मद की थी ही नहीं।”
केके रॉय के अनुसार, “यह घर, फातिमा के पिता की ओर से उसे एक उपहार था। और मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत जब एक महिला को संपत्ति मिलती है तो वो उसके पति की नहीं होती।”
अधिवक्ता निजात किदवई ने TwoCircles.Net को बताया कि, “भारतीय कानून के तहत किसी भी अपराध के आरोपी के घर को गिराने का कोई प्रावधान नहीं है।” किदवई आगे बताते हैं, “किसी को अपराध की सज़ा देने के लिए हमारे यहां न्यायपालिका प्रणाली है, जिसपर सबको भरोसा करना चाहिए। लेकिन खुद से ही फैसला करके किसी घर को गिराना बेहद विवादित है।”
आफरीन फातिमा के वकीलों ने कथित तौर पर “अवैध विध्वंस” के खिलाफ चीफ़ जस्टिस के सामने याचिका पेश की है, जिसमें कहा गया है कि मकान परवीन फ़ातिमा (जावेद मोहम्मद की पत्नी) के नाम है, जो उनके पिता ने उपहार स्वरूप उन्हें दिया था। फिर भी मकान को जावेद मोहम्मद का मकान बताकर बुलडोजर चलाया गया।
इसके अलावा राता-राती बैक डेट की नोटिस चस्पा करने का भी आरोप लगाया गया है। याचिका में प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफ़सरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही फातिमा को मुआवजा और नया मकान बनवा कर दिए जाने की भी मांग रखी गई है।
ज्ञात हो कि, इलाहाबाद पुलिस के अनुसार जावेद की पहचान शुक्रवार को शहर में हुए पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मुख्य कार्यकर्ता के रूप में की गई है। जावेद और अन्य तीन मुस्लिम व्यक्ति, हयात जाफर, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद सुफियान को शनिवार को कोर्ट मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (निगम) में पेश कर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रयागराज के डीएम, संजय कुमार खत्री ने कहा, “प्रशासन अवैध गतिविधी और निर्माण के खिलाफ हमेशा से कार्रवाई करता रहा है। सड़क के चौड़ीकरण और विकास कार्य के लिए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करते रहे हैं। मामले में जावेद पंप के अवैध निर्माण को निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए गिराया गया है।”
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने आरोप लगाया है कि जावेद मोहम्मद ने विरोध के बारे में अपनी बेटी, छात्र कार्यकर्ता आफरीन फातिमा से भी सलाह ली थी। वहीं, फातिमा ने दावा किया है कि पुलिस ने उन्हें और उनकी भाभी को भी हिरासत में लेने का प्रयास किया था।