तीस्ता सीतलवाड़ की रिहाई की मांग को लेकर जंतर -मंतर पर प्रदर्शन

आकिल हुसैन।Twocircles.net

दिल्ली के जंतर-मंतर में सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस अधिकारी आर बी श्रीकुमार की गिरफ्तारी के विरोध में विभिन्न छात्र, महिला और समाजिक संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने तीस्ता सेतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार की गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए दोनों की रिहाई की मांग की है। जंतर-मंतर में हुए इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता जयराम रमेश और अजय माकन भी शामिल हुए।


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दिल्ली के जंतर-मंतर पर सोमवार शाम को विभिन्न छात्र, शिक्षक, महिला और समाजिक संगठनों से जुड़े लोग इकट्ठा हुए और तीस्ता सीतलवाड़, आर बी श्रीकुमार, संजीव भट्ट की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान समाजिक कार्यकर्ताओं ने तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को सरकार की एक सोची समझी साजिश बताया है।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने कहा कि,”हमारा मानना है कि यह सोची समझी साजिश है क्योंकि ऐसा कैसे हुआ कि उच्चतम न्यायालय 25 जून को फैसला सुनाता है और उसी दिन एक प्राथमिकी दर्ज होती है और तीस्ता को गिरफ्तार किया जाता है। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।”

शबनम हाशमी ने कहा कि,” यह सरकार का एक प्रयास है देश के अन्य कार्यकर्ताओं को खामोश कराने और डराने का। तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी आवाज़ उठाने वाले सभी समाजिक कार्यकर्ताओं को खामोश कराने और डराने की कोशिश हैं, लेकिन यह देश डरने वाला नहीं है।”

आइसा अध्यक्ष और जेएनयू के छात्र नेता एन साई बालाजी ने तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘अगर अन्याय के खिलाफ लड़ाई का अपराधीकरण किया गया,तो इससे वे क्या संदेश देंगे? कि हम सांप्रदायिक दंगों के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकते? कि पीड़ितों के साथ कोई खड़ा नहीं हो सकता।”

एन साई बालाजी ने कहा कि,”तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी कुमार जैसे लोगों की मेहनत की वजह से कई गुनाहगारों को सज़ा मिली है लेकिन अब उन्हें ही दोषी ठहराया जा रहा है।”प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि, “कांग्रेस पार्टी तीस्ता सीतलवाड़, संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने सरकार से तीनों को रिहा करने की मांग की है।”

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को गुजरात पुलिस के द्वारा बदले की कार्रवाई और केंद्रीय नेताओं के द्वारा अपने विरुद्ध आवाज उठाने वालों पर अनावश्यक दबाव डालने की कार्रवाई बताया था। प्रशांत भूषण ने कहा है कि, “तीस्ता सीतलवाड़ ने एक जागरूक नागरिक की सशक्त भूमिका निभाई है। तीस्ता सीतलवाड़ को केवल इसलिए परेशान किया जा रहा है, क्योंकि उसने गुजरात दंगों के दौरान उनकी भूमिका को उजागर कर दिया था।”

समाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को बदले की कार्रवाई बताया हैं। योगेंद्र यादव ने ट्वीट करते हुए कहा है कि,”यह कार्रवाई उस तीस्ता सीतलवाड़ पर की गई है जिन्होंने गुजरात दंगों के दौरान पीड़ित हुए लोगों की आवाज बनकर उभरीं और लोगों की मदद की। यह मदद केवल लोगों को सुरक्षित रखने और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने तक सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने उनके लिए लंबी लड़ाई भी लड़ी।”

बीते शनिवार को गुजरात एटीएस ने समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात दंगें से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था। रविवार को अहमदाबाद की अदालत में पेश करने के बाद तीस्ता सीतलवाड़ को पांच दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। उनपर कथित तौर पर जालसाजी करने और सबूत गढ़ने के आरोप लगे हैं। तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी से एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने ज़किया जाफरी की एसआईटी रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की थी। याचिका खारिज होने के 24 घंटे बाद ही तीस्ता सीतलवाड़, आर बी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई थी।

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