उदयपुर की घटना के विरोध में आए सभी मुस्लिम संगठन और धर्मगुरु ,कड़ी कार्रवाई की मांग

आकिल हुसैन। Twocircles.net

राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैया लाल की हत्या के मामले में देशभर में मुस्लिम संगठनों ने हत्या की निंदा करते हुए भारी गुस्सा व्यक्त किया है। इस मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद समेत कई अन्य मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए शान्ति बनाए रखने की अपील की है।


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उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या की निंदा करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने कहा है कि, “कानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति को स्वयं अपराधी घोषित करके हत्या कर देना निन्दनीय कृत्य है, न कानून इसकी अनुमति देता है और न इस्लामी शरीयत इसको जायज ठहराती है, इसलिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उदयपुर में घटित होने वाली घटना की कड़ी निन्दा करता है, बोर्ड इस मामले में शुरू से एक ओर मुसलमानों से अपील करता रहा है कि वे धैर्य से काम लें और कानूनी मार्ग अपनाएं।”

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने भी हत्या की घटना की निंदा की है। उन्होंने बयान में कहा, “जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है हमारे देश में क़ानून की व्यवस्था है, किसी को भी क़ानूम अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।”

आल इंडिया मजलिस ए मुशावरत के अध्यक्ष नावेद हामिद ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि,”उदयपुर में हत्या का मामला इस्लाम विरोधी और घृणा अपराध का मामला है। पैगंबर मोहम्मद ने अपने पूरे जीवन में कभी किसी शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाया था। पैगंबर के प्यार के आड़ में कुछ अपराधी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। कानून के मुताबिक इन्हें सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।”

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बयान जारी करते हुए घटना की निंदा की है।‌ जमात-ए-इस्लामी हिंद की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, ‘‘उदयपुर की घटना बर्बर, असभ्य है तथा इस्लाम में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। किसी भी नागरिक को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।’’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी निंदा की है। उन्होंने कहा हैं कि, ”उदयपर में हुई क्रूर हत्या निंदनीय है, ऐसी हत्या को कोई डिफ़ेंड नहीं कर सकता‌। हमारी पार्टी का लगातार स्टैंड यही रहा है के किसी को भी क़ानून को अपने हाथों में लेने का हक़ नहीं है। हमने हमेशा हिंसा का विरोध किया है।”

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हैं कि, “उदयपुर की घटना राजस्थान की पुलिस की नाकामी है। कन्हैया लाल की हत्या को रोका जा सकता था, वो पहले से इसकी शिकायत कर रहे थे। ये क्रूर हत्या है हम उसका विरोध करते हैं। जो वीडियो बनाए गए इससे साफ है कि कट्टरता कैसे बढ़ रही है देश में।”

दरगाह ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दीवान जैनुल आबदीन अली खान ने उदयपुर की घटना की निंदा करते हुए घटना को तालिबानी मानसिकता करार दिया है। उन्होंने कहा है कि,”कोई भी धर्म मानवता के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा नहीं देता है, विशेष रूप से इस्लाम धर्म में सभी शिक्षाएं शांति का संदेश देती हैं।” उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर सामने आए वीडियो में कुछ गैर-नैतिक दिमाग के लोगों ने एक गरीब आदमी पर क्रूर हमला किया, जिसे इस्लामी दुनिया में दंडनीय पाप के रूप में माना जाता है।

बरेली के मौलाना तौकीर रजा ने घटना की निंदा करते हुए कहा हैं कि, “उदयपुर की वीभत्स घटना से मन बहुत व्यथित है। कुछ कहने के लिए शब्द ही नहीं हैं। ऐसी कोई भी घटना कानून ही नहीं इस्लाम की नजर में भी गलत है‌ कानून को अपने हाथ में लेने को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। धार्मिक नफरत किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है, न तो धर्म और न ही हमारे देश का संविधान हमें कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति देता है।लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना राशिद फिरंगी महली ने भी घटना की कड़ी निंदा की हैं। उन्होंने कहा कि, “इस तरह की वारदात करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
मौलाना राशिद फिरंगी महली ने कहा कि, “पैगंबर मोहम्मद ने भी कहा है कि समाज में सभी के साथ प्रेम के साथ एक अच्छे माहौल में रहना चाहिए, किसी भी इंसान पर जुल्म नहीं करना चाहिए। पैगंबर मोहम्मद ने तो अपने बड़े दुश्मनों को माफ कर दिया था। उनकी बात मानते हुए हमारी सभी से अपील है कि मुल्क में अमन और शांति बनाए रखें।”

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे रूशैद रिजवी ने उदयपुर घटना की निंदा करते हुए इसे इस्लाम विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि ,”इस घटना की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है, क्योंकि यह घटना एक शैतानी, गैर इंसानी, गैर इस्लामी और गैरकानूनी है। उदयपुर की घटना अकल्पनीय, अमानवीय, असहनीय और जघन्य घटना है। हिंसा का रास्ता किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकती। किसी को किसी के शब्दों से अगर को आपत्ति है तो उसके लिए कानून है और न्यायिक प्रक्रिया है उसका सहारा लेना चाहिए। नबी का पूरा जीवन लोगों को माफ करने पर गया है।”

दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के मुफ्ती मुकर्रम ने इस घटना पर कहा है कि, “यह एक गैर-इस्लामी कार्य है, इसकी निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। इस्लाम ऐसी किसी भी हरकत की इजाजत नहीं देता।” उन्होंने दोनों आरोपियों के खिलाफ सख़्त सज़ा की मांग की है।

मौलाना आजाद विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व प्रोफेसर अख्तर उल वासे ने कहा कि,”यह घटना पूरी तरह से निंदनीय है। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकती। अगर, किसी को किसी के शब्दों से आपत्ति है तो उसके लिए न्यायिक प्रक्रिया है हमें उसका सहारा लेना चाहिए। मेरी लोगों से अपील है कि शांति बनाए रखें। शांति सद्भाव बिगड़ने से उन लोगों का लाभ होता है जो हमें परेशान देखना चाहते हैं।”

दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि, “यह घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए स्वीकार्य नहीं है। यह पवित्र पैगंबर की शिक्षाओं के विपरीत है। हम मुसलमान इस घटना पर खेद व्यक्त करते हैं। यह दोनों अपराधी मुसलमान नहीं हैं। इन्हें कानून के मुताबिक जल्द से जल्द सजा होनी चाहिए।”

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और सेवानिवृत्त जनरल ज़मीरुद्दीन शाह ने इसे निंदनीय घटना बताया है। उन्होंने कहा हैं कि,” यह पागलपन है। पवित्र पैगंबर ने हमेशा माफ कर दिया। यह सांप्रदायिक तनाव पैदा करेगा जो मुसलमानों द्वारा वहन किया जाएगा। घटना की निंदा करते हुए मुस्लिम बुद्धिजीवी प्रो अख्तर वासे ने कहा कि,” हिंसा कोई समाधान नहीं है बल्कि अपने आप में एक समस्या है। हमें लोगों को यह कहने का मौका नहीं देना चाहिए कि हम हैं हिंसक।” उन्होंने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।

ज्ञात हैं कि कल मंगलवार को उदयपुर के धानमंडी थानाक्षेत्र में मोहम्मद रियाज और गोस मोहम्मद नामक व्यक्तियों ने कन्हैयालाल नामक एक दर्जी की कथित रूप से गला काटकर हत्या कर दी थी। हत्यारों ने हत्या का वीडियो भी बना लिया और सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी बनाकर पोस्ट किया। ख़बर के अनुसार मृतक युवक के 8 साल के बेटे ने नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया था जिसके बाद इससे गुस्साए आरोपियों ने उसके पिता की बेरहमी से हत्या कर दी थी।‌ फिलहाल दोनों आरोपी मोहम्मद रियाज और गोस मोहम्मद पुलिस की गिरफ्त में हैं। इन दोनों पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है।‌ घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया गया है।

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