स्टाफ रिपोर्टर।Twocircles.net
समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद आज़म ख़ान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मीन हड़पने से जुड़े एक मामले में जमानत दे दी है। हांलांकि आज़म ख़ान को अभी जेल में ही रहना होगा, अभी कई अन्य केसों में उनकी ज़मानत होना बाकी है। आज़म ख़ान फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं। आज़म खान रामपुर की सदर विधानसभा से समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी भी हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने आजम ख़ान से जुड़े एक सरकारी ज़मीन हड़पने के मामले में सुनवाई करते हुए जमानत देने का का निर्देश दिया हैं। यह मामला तब का हैं जब अखिलेश सरकार में आज़म ख़ान कैबिनेट मंत्री थे और उनपर पद का दुरुपयोग करते हुए एक ज़मीन कब्जाने का आरोप लगा था। जमानत मिलने के बाद भी आज़म ख़ान अभी भी सीतापुर की जेल में बंद रहेंगे। उनके खिलाफ दो मामलों में अभी की फैसला सुरक्षित है।
सपा नेता आज़म ख़ान 26 फरवरी 2020 से जेल में बंद हैं। इनके अलावा उनकी पत्नी रामपुर शहर विधायक डा तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम भी जेल में बंद थे। डा तजीन फात्मा लगभग दस माह बाद और अब्दुल्ला 23 माह बाद जनवरी में ही जमानत पर रिहा हुए हैं। आजम खां और उनके परिवार पर साल 2019 में बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज हुए। सांसद आज़म ख़ान के खिलाफ 87 मुकदमे विचाराधीन हैं, तीन मुकदमों में जमानत होना बाकी है। उनके खिलाफ बैस, किताब चोरी से लेकर मंत्री रहते हुए बर्थ सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा और ज़मीन हड़पने तक के मुकदमे दर्ज किए गए थे।
आजम खान 2012 में समाजवादी पार्टी से मंत्री रह चुके हैं। रामपुर विधानसभा सीट से उन्हें एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है।रामपुर विधानसभा सीट से वह अब तक 9 बार विधायक बन चुके हैं। पहली बार 1980 में आजम खान को जनता ने विधायक बनाया था। आज़म ख़ान ने चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से जमानत की मांग की थी लेकिन उन्हें बेल नहीं मिली थी।
आज़म ख़ान ने जेल में ही रहते हुए रामपुर से चुनाव लड़ा हैं। आज़म ख़ान के जेल में रहते हुए बेटे अब्दुल्ला आज़म ने प्रचार का मोर्चा संभाला था। अब्दुल्ला आज़म ख़ुद स्वार विधानसभा से समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी हैं। अब्दुल्ला आजम ने कहा हैं इस बार भी आज़म ख़ान भारी मतों से चुनाव जीतेंगे और उन्हें उम्मीद है कि जमानत मंजूर होने पर शीघ्र ही आजम खां भी जेल से बाहर आएंगे।