उमराह पर जाने वाले हजरात मुंबई एयरपोर्ट पर हुए परेशान, बेहद असुविधाजनक है माहौल

स्टाफ रिपोर्टर। Twocircles.net

मुम्बई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उमराह के आजमीनों के साथ बेहद खराब सुलूक किए जाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में पिछले दिनों एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमे दिख रहे मुस्लिम यात्रियों को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कथित तौर पर कचरे के ढेर के समीप ठहराया था। इसके अलावा जहां यात्रियों पर ठहरने को कहा गया वहां बैठने का भी कोई इंतजाम नहीं दिखता था।


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इस वीडियो को एआईएमआईएम के दिग्गज नेता और औरंगाबाद से एमपी इम्तियाज़ जलील ने शेयर किया जिसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी पर कई गंभीर प्रश्न उठते दिख रहे हैं।
उमराह आजमीनों को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बी4 में भेजा था। वायरल वीडियो में एक आदमी को साफ सुना जा सकता है कि इस जगह पर पंखा तक नही था। वीडियो में यात्री ज़मीन के ही एक किनारे में अपने परिवारों और सामान के साथ चादर बिछाए बैठे दिख रहे हैं। इसके अलावा कई यात्रियों को लगातार खड़े हुए भी देखा जा सकता है। छत से टपकता पानी उस जगह को और ज्यादा गंदा बना रहा था।

दरअसल आजमीनों को बी10 में रुकना था लेकिन वहां से इन सभी को बी4 के लिए भेज दिया गया। वीडियो में आगे सुना जा सकता है कि ऐसा बरताव मात्र उमरा के लोगों के साथ ही किया जा रहा है। बाकी यात्रियों के साथ कोई भी दोहरा रवैया नहीं अपनाया गया। वीडियो में बोल रहा आदमी आगे कहता है, “यात्रियों के साथ जानवरों जैसा सुलूक किया जा रहा है”। इसमें कई अलग अलग टूर सर्विस से जुड़े यात्री शामिल थें। वीडियो में मुख्तः इंडिगो एयरलाइंस और एयर इंडिया से सफर करने वाले यात्रियों के साथ इस तरह के कथित बुरे बरताव किए जाने की बात बताई गई है।

बता दें कि उमराह के लिए आजमीनों ने एक भारी रकम दी होती है। इसके एक पेकेज में लगभग 98 हज़ार से 1 लाख 8 हज़ार तक का खर्चा आ जाता है। इसमें उमराह का वीजा, टिकट का किराया, रहना, 3 समय खाना और परिवहन का खर्चा शामिल होता है। ऐसे में यात्रियों के साथ इस तरह के हो रहे असुविधा से कई तरह के प्रश्न उठते हैं।

इम्तियाज़ जलील द्वारा शेयर किए गए वीडियो पर कई लोगों ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है, एक यात्री अबूबकर ने कहा, “भारत हज यात्रा के लिए एक बड़ा बाजार है जैसा कि संयुक्त राष्ट्र में G20 शिखर सम्मेलन के लिए उल्लेख किया गया है। और इसी तरह हर साल भारतीय मुसलमानों को नीचा दिखाया जाता है। वे इसे मुश्किल बनाना चाहते हैं, मुसलमानों को अपमानित करना और उन्हें हज पर जाने से रोकना चाहते हैं। कृपया कूटनीतिक तरीके से काम करें।”

एक दूसरे ट्विटर यूजर ने कहा, “जब यात्री टिकट के लिए भुगतान करते हैं, तो किराए में हवाईअड्डा सुविधाओं के उपयोग से जुड़े शुल्क आदि भी शामिल होते हैं। फिर अधिकारी भुगतान लेने के बाद यात्रियों को सुविधा देने से कैसे इनकार कर सकते हैं। यह आपराधिक है और मामला दर्ज करने की जरूरत है।”

उमराह का इस्लाम धर्म खासा महत्व है। मक्का की तीर्थयात्रा को ही उमराह कहा जाता है। ये वार्षिक हज का एक छोटा रूप होता है। अरबी में “उमराह” शब्द का अर्थ है “एक आबादी वाले स्थान पर जाना”। उमराह मुसलमानों को अपने ईमान को ताज़ा करने, खुदा से माफी मांगने और जरूरतों के लिए प्रार्थना करने का अवसर प्रदान करता है। कहा जाता है कि ऐसा करने वालों के पाप धुल जाते हैं।

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