जिब्रानउद्दीन। Twocircles.net
सुभारती विश्वविद्यालय की छात्रा वानिया शेख़ आत्महत्या मामले में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने मेरठ में वानिया शेख़ के घर जाकर वानिया के परिजनों से मुलाक़ात की है और वानिया के परिवार के साथ खड़े होने का ऐलान किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने भी मामला का संज्ञान लिया है। शुक्रवार को विश्वविद्यालय में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा वानिया असद शेख (20) कथित तौर पर एक हिंदू सहपाठी, सिद्धांत द्वारा छेड़छाड़ और धमकी दिए जाने के बाद यूनिवर्सिटी पुतकालय की चौथी मंज़िल से कूद कर जान दे दी थी। सुसाइड के लिए मजबूर करने वाला युवक पुलिस की गिरफ्त में है।
मंगलवार को लिखे एक पत्र में यूपी अल्पसंख्यक आयोग ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मामले से संबंधित पूरी जानकारी मांगी है। आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने पुलिस से पूछा है कि मामले में किन-किन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है; और आरोपी पर अबतक क्या एक्शन लिया जा चुका है। आगे, इन सारे बिन्दुओं पर क्षेत्राधिकारी द्वारा सबूत के साथ 2 नवंबर, सुबह साढ़े 11 बजे से पहले एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश देने की भी बात कही गई है।
अल्पसंख्यक आयोग ने मामले पर प्रकाश डालते हुए लिखा है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के माध्यम से आयोग को ज्ञात हुआ है कि सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ की एक 20 वर्षीय छात्रा वानिया शेख ने यूनिवर्सिटी की पुस्तकालय की छत से कूदकर आत्महत्या की है। आयोग ने आगे लिखा कि आरोप के अनुसार एक सहपाठी द्वारा छेड़छाड़ किए जाने और थप्पड़ मारने से आहत होकर उस छात्रा ने यह कदम उठाया है। जिसपर उन्होंने पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब किया है।
ज्ञात हो कि, यूपी अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम-1994 की धारा 15 के अंतर्गत आयोग के किसी भी आदेश या निर्देश की अवहेलना करना सामने वाले पक्ष के लिए काफी महंगा पड़ सकता है। इसे सीधे तौर पर भारतीय दंड संहिता-1860 (अधिनियम संख्या 45, सन 1860 की धारा 174, 175, 176, 178, 179, 180) के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जा सकता है।
मृतक वानिया के पिता द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार “आरोपी ने वानिया के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी और जब उसने विरोध किया, तो युवक ने कुछ अन्य छात्रों की उपस्थिति में उसे दो थप्पड़ मारे। जिसके बाद, अपमानित, वानिया ने ये चरम कदम उठाया। आत्महत्या की कोशिश के बाद जब वानिया को अस्पताल ले जाया गया तो उसकी रीढ़ टूट चुकी थी और एक पैर भी बुरी तरह घायल हो गया था।
मेरठ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) केशव कुमार ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसपर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को एक अदालत में पेश करने के बाद उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। इधर शनिवार को पोस्टमॉर्टम के बाद बच्ची का शव उसके परिवार को सौंप दिया गया था।
वानिया तीन परिवारों की इकलौती बेटी थी। मौत के बाद से उसके पिता सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी को कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वानिया मेरठ के रशीद नगर थाना लिसाड़ी गेट की रहने वाली थी।
पिछले दिनों आत्महत्या के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था, जिसमें वानिया छत से कूदते हुए दिखती हैं। वीडियो के सामने आने के बाद से लोगों में खासा रोष देखने को मिल रहा है। न्याय दिलाने की मांग लेकर यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा मेरठ कमिश्नरी कार्यालय के बाहर आंदोलन भी किया जा चुका है। राजनैतिक दलों में, भीम आर्मी, समाजवादी पार्टी और दूसरी कई पार्टियां भी इंसाफ के लिए आवाज़ उठा रहे हैं।
सोमवार को चंद्रशेखर भीम आर्मी चीफ पीड़ित परिवार से मुलाकात करने उनके घर पहुंचें थे उन्होंने वानिया शेख की मौत पर अपना शोक ज़ाहिर किया। उन्होंने मामले मे आरोपी युवक के साथ-साथ सुभारती विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए। मौत की वजह विश्वविद्यालय की ओर से की गई लापरवाही को भी बताया। चंद्रशेखर ने मामले को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की भी बात कही है ताकि दोषी को जल्द सज़ा मिल सके। आगे, उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख रुपए मुआवजे की भी मांग उठाई है।
उन्होंने इस दौरान भाजपा सरकार पर भी खासा निशाना साधा। कहा, कि अगर लड़का और लड़की दोनो अलग सम्प्रदाय के होते तो शायद अबतक मेरठ में कर्फ्यू जैसे हालात हो चुके होते। सरकार मामले को सीधा जिहाद का नाम देने लगती। चंद्रशेखर कहते हैं कि यह एक जघन्य महिला विरोधी अपराध है जिसके खिलाफ सरकार को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।