स्टाफ रिपोर्टर। Twocircles.net
सपा नेता आज़म ख़ान की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। हेट स्पीच मामले में कल ही रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने आज़म ख़ान को तीन साल की सज़ा सुनाई थी। कोर्ट के फैसले के 24 घंटे के अंदर विधानसभा सचिवालय की ओर से आज़म ख़ान की विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया है। आज़म ख़ान ने यूपी चुनाव में इस बार रामपुर सदर विधानसभा सीट से 10 वीं बार जीत हासिल की थी। इस चुनाव की जीत इसलिए भी ख़ास थी क्योंकि आज़म ख़ान ने यह चुनाव जेल में रहते हुए लड़ा और जीता भी था।
आज़म ख़ान की विधानसभा सदस्यता रद्द होना समाजवादी पार्टी के लिए भी एक बड़ा झटका माना जा रहा है। आज़म ख़ान ने रामपुर सदर से चुनाव जेल में रहते जीता था। इससे पहले आज़म खान रामपुर से सांसद थे, विधायक बनने के बाद आज़म खान ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। आज़म के इस्तीफे के बाद रामपुर में लोकसभा उपचुनाव भी हुआ था और उसमें सपा को हार का सामना करना पड़ा था। और अब एक बार फिर सपा और आज़म ख़ान के सामने सीट बचाने की चुनौती रहेंगी क्योंकि रामपुर सपा और आज़म ख़ान दोनों का गढ़ माना जाता है।
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान आज़म ख़ान हेट स्पीच देने के मामले में गुरुवार को दोषी पाए गए थे। कोर्ट ने उन्हें तीन साल कैद की सज़ा सुनाई थी। सज़ा सुनाए जाने के बाद से ही आज़म ख़ान की विधायकी पर ख़तरा मंडरा रहा था। कोर्ट के आदेश के अगले ही दिन फैसला लेते हुए विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सीट को रिक्त घोषित कर दिया। आज़म ख़ान की विधायकी सुप्रीम कोर्ट के 2013 के एक प्रावधान के तहत रद्द की गई है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार अगर किसी भी सांसद या विधायक को दो साल से ज़्यादा की सज़ा होती है तो उस प्रतिनिधि की सदस्यता ख़त्म कर दी जाती है।
कल गुरूवार को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने आज़म खान को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक हेट स्पीच के मामले में तीन साल कैद की सज़ा सुनाई थी। इसके अलावा 25 हज़ार का जुर्माना भी लगाया था। रामपुर लोकसभा सीट से 2019 चुनाव में आज़म खान सपा और बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे। चुनाव प्रचार के दौरान आज़म ख़ान ने मिलक कोतवाली के नगरिया इलाके में एक सभा की थी। आज़म ख़ान पर आरोप लगा कि उस सभा में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा रामपुर के अलावा रामपुर के तत्कालीन डीएम आंजनेय कुमार सिंह पर अमर्यादित बयानबाजी की थी और अपशब्द भी कहें थे।
आज़म ख़ान इससे पहले लगभग 27 महीने सीतापुर जेल में बंद रहें थे। इसी वर्ष मई में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थीं। आजम खान के खिलाफ कुल 87 आपराधिक केस दर्ज हुए थे जिनमें से 84 एफआईआर उत्तर प्रदेश में 2017 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद के दो वर्षों में दर्ज की गई थी। इन 84 मामलों में से 81 मामले 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले और बाद की अवधि के दौरान दर्ज किए गए थे। अब आज़म ख़ान पर लगें मुकदमों का आंकड़ा सौ के पार पहुंच गया है।