आफताब आलम Two circles.net के लिए
मेरठ के दौराला में एक मंदबुद्धि महिला के साथ बच्चा चोरी के शक में बेरहमी से मारपीट की गयी। देखिये…भीड़ एक महिला के महिला के प्रति इतनी भयावह है कि रोंगटे खड़े कर दे।
यह निकम्मी सरकार ना तो बच्चा चोरी पर लगाम लगा पा रही है और ना ही अफवाहों पर।
धिक्कार!! pic.twitter.com/q9mQ1j7RgS
— UP Congress (@INCUttarPradesh) September 27, 2022
मेरठ के दौराला में एक महिला को बच्चा चोर बताकर भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटने वाले मामले में पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर लिया है। यह घटना नंगली साधारण गांव में 19 सितंबर की सुबह अंजाम दी गई थी मगर वीडियो वायरल होने के बाद अब प्रकाश में आई है। पुलिस ने कुछ लोगों के विरुद्ध अफवाह फैलाने के आरोप में भी कार्रवाई की है। जिस महिला के विरुद्ध यह अमानवीय तरीके से मारपीट की गई उसका नाम सुमन है और पुलिस ने उसे मंदबुद्धि बताया है। बच्चा चोरी की अफवाहें लगातार बढ़ती जा रही है और प्रशासन इन्हें आधारहीन बता रहा है। एसएसपी मेरठ के कहना है मारपीट करने वालों कि गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाहें से लगातार आम जन मानस में डर पनप रहा है, बच्चा चोरी के आरोप में लोगों को मौत के घाट तक उतार दिया जा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि पुलिस सड़कों पर ऐलान कर अफवाहों से बचने के लिए सावधान कर रही है। इसका सबसे ज्यादा असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिखाई देता है जहां कुछ परिजनों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना तक बंद कर दिया है। मेरठ में महिला के साथ बेरहमी से हुई मारपीट की वीडियो ने इस अफवाह और भी अधिक चर्चित बना दिया हैं। शास्त्रीनगर इलाके की मधु शर्मा कहती है पूरे दिन महिलाओं में बस यही एक चर्चा हैं। पड़ोस की नीलू आज बता रही थी कि आज 3 बच्चे उठा लिए गए हैं उसने व्हाट्सएप पर देखा है। व्हाट्सएप ने दहशत फैला रखी है।
इस स्थिति में क्षेत्र में घूमने वाले विक्षिप्त और भिखारियों को संदेह की नजर से देखा जा रहा है। बच्चें इन्हें देखकर डर जाते हैं और दौड़कर घर मे घुस जाते हैं। दिल्ली से सटे दादरी की अंजू बताती है कि डर की वजह से उसकी 7 साल की बेटी 3 दिन से घर से बाहर खेलने नही गई है। उसके पापा उसे स्कूल छोड़ने जाते हैं और वो ही लेने जा रहे हैं। डर के इस माहौल को बनाने में सोशल मीडिया का बहुत नकारात्मक किरदार है। अफवाहों के कारण भीड़ ने कुछ फेरीवाले अंजान युवकों के साथ मारपीट भी की है। देहरादून में फेरी लगाकर जैकेट बेचने वाले शाकिर मंसूरी बताते हैं कि वो पहाड़ों पर फेरी लगाकर जैकेट बेचते है। अब अपना आधार कार्ड गले मे तांग कर घूम रहे हैं उन्हें डर है कि कोई उन्हें बच्चा चोर बताकर अफवाह न् फैला दें। शाकिर का यह डर इसलिए भी है कि उसके पड़ोस के फेरी वाले युवक जाहिद (34) को 3 साल पहले त्रिपुरा में बच्चा चोरी की अफवाह के बाद भीड़ ने थाने में घुसकर पीट-पीटकर मार दिया था। जाहिद जानसठ के पास सम्भलहेड़ा गांव के रहने वाले थे।
अब पुलिस लगातार लोगों से अपील कर रही है कि अफवाह न फैलाएं और न ही ऐसी अफवाहों पर ध्यान दें। लोगों से कोई भी सूचना मिलने पर तत्काल 112 पर कॉल करने को कहा जा रहा है। कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत विकसित सी प्लान एप के माध्यम से लोगों को अफवाहों पर ध्यान न देने के संदेश भी भेजे जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर आने वाली अफवाहों पर तत्काल खंडन किया जा रहा है। सहारनपुर के डीआईजी सुधीर कुमार सिंह कहते हैं कि बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अब तक कोई गिरोह हमारी जगह जानकारी में नही है। सोशल मीडिया पर जो भी अफवाह है उनमें कोई सत्यता नही है। कुछ घटनाएं बहुत पुरानी है। जिन्हें वर्तमान से जोड़कर भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है। हम सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। कुछ जगहों पर गलतफहमी में मारपीट की घटनाएं सामने आई है।
सवाल यह है कि क्या इन अफवाहों के पीछे इसके पीछे मकसद क्या है ! निश्चित तौर पर यह पैटर्न खतरनाक है ! देश भर में इसके काफी नकारात्मक परिणाम सामने आ चुके हैं। मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार इन सभी अफवाहों को पूरी तरह झूठा बताते हैं हालांकि वो साजिश से इंकार नही करते वो कहते हैं कि 3 साल पहले भी इसी तरह की अफवाह फैलाई गई थी हम तलाश रहे हैं कि इसका सूत्र कहाँ है ! इन अफवाहों पर किसी तरह की कोई सच्चाई नही है। सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जा रही इन अफवाहों में कोई सत्यता सामने नही आई है। जो भी सूचना आती है पुलिस सक्रियता दिखाती है मगर सूचना झूठी निकलती है। हम अफवाहों के फैलाने वाले तंत्र के विरुद्ध रासुका के तहत कार्रवाई करेंगे। यह पूरी तरह भृमित करने वाली वाले खबरें है। अफवाह व्हाट्सएप के माध्यम से अधिक फैलाई जाने की बात सामने आई है।
बच्चा चोरी की अफवाहें अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सीमित नही है। इसकी गंभीरता और पैटर्न को ऐसे समझा जा सकता है कि देवबंद में 7 सितंबर को 21 साल का शाहरुख मजदूरी करके घर लौट रहा तो उसे बच्चा चोर समझकर धर्मपाल और ओमपाल ने गोली मार दी तो यहां से 700 किमी दूर कौशाम्बी में बच्चा चोरी की अफवाह पर महिला को निर्वस्त्र कर दिया गया। मुरादाबाद के भोजपुर में दो लोगों को घेरकर पीटा गया। सीतापुर में 65 साल की बुजुर्ग महिला को पीटा। हरदोई में फेरी वाले युवक को हैंडपंप से बांधकर पीटा और कासगंज में चार रिलायंस के कर्मचारियों को पीटा। सिर्फ 7 दिन में उत्तर प्रदेश में 30 घटनाएं प्रकाश में आई है।
व्हाट्सएप के अलावा इन झूठी घटनाओं की अफवाह फैलाने में इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर बनाई रील का बड़ा योगदान है। यही एक बात है वो साजिश की तरफ इंडिकेट करती है। सोशल मीडिया पर 2 मिनट से भी कम समय की कुछ ऐसी वीडियो वायरल है जिनमें बच्चों की किडनी निकालकर बेचने की मनगढ़त फिल्मांकन किया गया है। जागरूकता के अभाव के कुछ महिलाएं इसे सच मान लेती है,आजकल बच्चे फोन खुद मोबाइल में देखते रहते हैं वो खुद इसे देखते हैं और आगे बढ़ा देते हैं। खास बात यह है कि यह अफवाह बच्चों से बच्चों में फैल रही है।
गृहणी हिना महविश बताती है कि उनकी 6 साल की बेटी आसिया ने उन्हें खुद बच्चे चोरी होने वाली बात बताई। जिसे उसने यूट्यूब पर देखा था। इसके बाद उसने वह वीडियो मुझे दिखाई। इस वीडियो में एक समूह बच्चों का अपहरण कर उनकी किडनी बेचने की बात कर रहा था जो पहली नजर में ही बनावटी लग रही थी,मगर मासूम बच्चे और कम जागरूक ग्रामीण महिलाएं इसे सच मान लेंगी। अफवाहों के पीछे यूटयूब पर अधिक वियु पाने की चाहत लगती है। नया कंटेट देने के चक्कर मे यह समाज को बर्बाद कर रहे हैं, या फिर यह भी हो सकता है कि अफवाहों को फैलाने वाला तंत्र इसी तरह की वीडियो खुद बनवा रहा हो।